नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश
image
downloadDownload
shareShare
ShareWhatsApp

नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश

जानिए नीलकंठ महादेव मंदिर का इतिहास, दर्शन समय, वास्तुकला और मंदिर तक कैसे पहुँचें।

नीलकंठ महादेव मंदिर के बारे में

नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश का एक पवित्र स्थल है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। माना जाता है कि यहाँ शिव जी के दर्शन और पूजा करने से भक्तों को मानसिक शांति, शक्ति और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। इस लेख में जानिए नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश का इतिहास, धार्मिक महत्व और यहाँ दर्शन की खास बातें।

नीलकंठ महादेव मंदिर, ऋषिकेश का इतिहास

उत्तराखंड के हिमालय पर्वतों की गोद में बसा पवित्र शहर ऋषिकेश, नीलकंठ महादेव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और ऋषिकेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। पहाड़ों और नदियों से होकर मंदिर तक की यात्रा भक्तों के लिए आध्यात्मिक अनुभव बन जाती है। विशेष अवसरों पर यहाँ भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

मंदिर का इतिहास

नीलकंठ महादेव मंदिर की स्थापना एक पौराणिक कथा से जुड़ी हुई है। समुद्र मंथन के समय निकले विष ‘हलाहल’ को जब कोई नहीं लेना चाहता था, तब भगवान शिव ने उसे पीने का निर्णय लिया। देवी पार्वती ने शिव जी का कंठ पकड़ लिया जिससे विष गले में ही रह गया और उनका कंठ नीला हो गया। इसी कारण वे ‘नीलकंठ’ कहलाए। विष की गर्मी से राहत पाने के लिए शिव हिमालय की ओर गए और मणिकूट पर्वत पर समाधि में लीन हो गए। वर्षों बाद जब उन्होंने नेत्र खोले, तब यह स्थान ‘नीलकंठ महादेव’ के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

नीलकंठ महादेव मंदिर का महत्व एवं वास्तुकला

नीलकंठ महादेव मंदिर में दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। खासकर सावन माह के सोमवार को यहाँ दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति मानी जाती है। भक्त भगवान शिव को जल, बेलपत्र आदि अर्पित करते हैं और मंदिर परिसर में धागा बांधकर अपनी मनोकामना व्यक्त करते हैं। कामना पूर्ण होने पर वे उस धागे को खोलने के लिए दोबारा आते हैं।

मंदिर की वास्तुकला

इस मंदिर की वास्तुकला अत्यंत आकर्षक है। मंदिर के शिखर पर समुद्र मंथन के दृश्य को शिल्पित किया गया है। गर्भगृह के द्वार पर भगवान शिव की विषपान करते हुए भित्तिचित्र बना हुआ है। मंदिर के सामने वाली पहाड़ी पर माता पार्वती का एक अलग मंदिर भी स्थित है। मंदिर परिसर में एक प्राकृतिक झरना है, जहाँ भक्त दर्शन से पहले स्नान करते हैं।

नीलकंठ महादेव मंदिर का समय

मंदिर खुलने का समय: सुबह 05:00 बजे से शाम 06:00 बजे तक

नीलकंठ महादेव मंदिर का प्रसाद

यहाँ भक्त भगवान शिव को फल, फूल, बेलपत्र, दूध, शहद, नारियल, मिठाई, जल और सूखा प्रसाद चढ़ाते हैं।

नीलकंठ महादेव मंदिर कैसे पहुंचें?

वायु मार्ग

सबसे नजदीकी हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है, जो मंदिर से लगभग 49 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ से टैक्सी के माध्यम से मंदिर पहुँचा जा सकता है।

रेल मार्ग

निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है, जो मंदिर से 32 किलोमीटर दूर स्थित है। स्टेशन से स्थानीय वाहन जैसे टैक्सी या बस द्वारा मंदिर पहुँचा जा सकता है।

सड़क मार्ग

ऋषिकेश सड़कों के माध्यम से देश के अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा है। बस या निजी वाहन से आप राम झूला तक पहुँच सकते हैं। यहाँ से ऑटो या टैक्सी के माध्यम से मंदिर जाया जा सकता है।

नीलकंठ महादेव मंदिर आध्यात्मिक शक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है, जहाँ शिव भक्तों की आस्था का केंद्र हर वर्ष और विशेषकर सावन के महीने में उमड़ पड़ता है.

divider
Published by Sri Mandir·September 27, 2025

Did you like this article?

आपके लिए लोकप्रिय लेख

और पढ़ेंright_arrow
Card Image

चंडी देवी मंदिर हरिद्वार

जानिए चंडी देवी मंदिर हरिद्वार का पौराणिक इतिहास, दर्शन और आरती का समय, मंदिर की वास्तुकला और वहाँ तक पहुँचने का तरीका। यह सिद्ध पीठ माता चंडी को समर्पित है और श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है।

right_arrow
Card Image

सुरेश्वरी देवी मंदिर हरिद्वार

जानिए सुरेश्वरी देवी मंदिर हरिद्वार का इतिहास, मंदिर की वास्तुकला, दर्शन का समय और वहाँ तक कैसे पहुँचे। यह मंदिर माँ दुर्गा को समर्पित है और राजाजी नेशनल पार्क के भीतर सुरकूट पर्वत पर स्थित एक प्राचीन तीर्थस्थल है।

right_arrow
Card Image

अनसूइया माता मंदिर चमोली

अनसूइया माता मंदिर चमोली का इतिहास, दर्शन समय, मंदिर की वास्तुकला और यहाँ तक पहुँचने का मार्ग जानिए। यह मंदिर देवी अनुसूया को समर्पित है और निसंतान दंपतियों की मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए प्रसिद्ध है।

right_arrow
srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

हमारा पता

फर्स्टप्रिंसिपल ऐप्सफॉरभारत प्रा. लि. 435, 1st फ्लोर 17वीं क्रॉस, 19वीं मेन रोड, एक्सिस बैंक के ऊपर, सेक्टर 4, एचएसआर लेआउट, बेंगलुरु, कर्नाटका 560102
YoutubeInstagramLinkedinWhatsappTwitterFacebook