जानिए माया देवी मंदिर का इतिहास, दर्शन का समय और कैसे पहुँचें।
माया देवी मंदिर हरिद्वार का एक प्राचीन शक्तिपीठ है, जो देवी माया को समर्पित है। यह मंदिर हर की पौड़ी के पास स्थित है और मान्यता है कि यहाँ माता सती का हृदय और नाभि अंग गिरा था। इस लेख में जानिए माया देवी मंदिर हरिद्वार का इतिहास, धार्मिक महत्व और यहाँ दर्शन की खास बातें।
हरिद्वार का प्राचीन माया देवी मंदिर भारत के सबसे पुराने और पवित्र मंदिरों में से एक है। यह मंदिर देवी माया को समर्पित है जो आदि शक्ति का एक रूप मानी जाती हैं। माया देवी मंदिर को भारत के 52 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है, जहाँ देवी सती का हृदय और नाभि गिरे थे। यह मंदिर हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी को समर्पित है और इसे देखे बिना हरिद्वार की यात्रा अधूरी मानी जाती है।
मंदिर का इतिहास
माया देवी मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में हुआ था। यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि ऐतिहासिक रूप से भी समृद्ध है। पवित्र गंगा नदी के किनारे स्थित इस मंदिर ने कई राजवंशों के उत्थान और पतन का साक्षी बना है। समय-समय पर मंदिर का जीर्णोद्धार होता रहा है और यह नारायण शिला व भैरव मंदिर के साथ आज भी अपनी पारंपरिक महिमा को बनाए हुए है।
माया देवी मंदिर को हरिद्वार का पहला शक्तिपीठ माना जाता है। भक्तों की मान्यता है कि यहां की गई प्रार्थना से मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं, विशेषकर महिलाओं की। हरिद्वार को पहले ‘मायापुरी’ भी कहा जाता था, जिससे देवी माया के महत्व का स्पष्ट संकेत मिलता है। नवरात्र और कुंभ मेला जैसे पर्वों पर इस मंदिर में विशेष भीड़ देखी जाती है।
मंदिर की वास्तुकला
माया देवी मंदिर पारंपरिक उत्तर भारतीय वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर की संरचना सरल होते हुए भी अत्यंत प्रभावशाली है। गर्भगृह में तीन प्रमुख देवी प्रतिमाएँ स्थापित हैं – बीच में माया देवी, बाईं ओर काली देवी और दाईं ओर कामाख्या देवी। इसके अतिरिक्त मंदिर में चामुंडा देवी की धातु प्रतिमा और शीतला देवी का उप-मंदिर भी है। मंदिर परिसर में भक्त परिक्रमा करते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
माया देवी मंदिर में अर्पित प्रसाद
भक्त मंदिर में फल, नारियल, मिठाई, फूल और अगरबत्ती अर्पित करते हैं।
हवाई मार्ग
निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है, जो मंदिर से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित है।
रेल मार्ग
हरिद्वार रेलवे स्टेशन इस मंदिर का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन है, जो मात्र 0.5 किलोमीटर की दूरी पर है।
सड़क मार्ग
दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड के अन्य शहरों से हरिद्वार तक सीधी बस सेवाएं उपलब्ध हैं। राज्य परिवहन और निजी बसें आसानी से मिल जाती हैं जो हरिद्वार तक पहुंचाती हैं।
माया देवी मंदिर आध्यात्मिक आस्था, शक्तिपीठ परंपरा और ऐतिहासिक गरिमा का संगम है, जहाँ हर वर्ष लाखों श्रद्धालु देवी के दर्शनों हेतु आते हैं।
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