जानिए इंदौर के चमत्कारी काल भैरव मंदिर का इतिहास, विशेष पूजा परंपरा, दर्शन का समय और यात्रा से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी।
काल भैरव मंदिर इंदौर का प्राचीन और चमत्कारी मंदिर है, जो भगवान काल भैरव को समर्पित है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहाँ भैरव जी को प्रसाद स्वरूप शराब अर्पित की जाती है। मान्यता है कि यहाँ पूजा करने से संकट दूर होते हैं और भक्ति, साहस व शक्ति की प्राप्ति होती है।
मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में खंडवा रोड पर स्थित भैरव घाट में काल भैरव मंदिर एक अत्यंत चमत्कारिक और श्रद्धेय स्थल है। यह मंदिर विशेष रूप से भैरव अष्टमी के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। इस अवसर पर यहां विशाल भंडारा और महा आरती का आयोजन होता है, जिसमें श्रद्धालु बड़ी संख्या में भाग लेते हैं। भैरव बाबा को विशेष रूप से छप्पन भोग अर्पित किए जाते हैं।
हालांकि इस मंदिर के इतिहास को लेकर कोई प्रमाणिक शिलालेख या दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं, फिर भी स्थानीय पुजारियों और मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर लगभग 500 वर्षों पुराना है। यह मंदिर अपने चमत्कारिक प्रभावों और दुर्घटनाओं से सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध है। लोग भैरव बाबा को इस क्षेत्र के रक्षक देवता के रूप में पूजते हैं।
भैरव घाट को एक खतरनाक घाट माना जाता है, जहां अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं। स्थानीय मान्यता है कि जो व्यक्ति इस घाट पर जाने से पहले काल भैरव मंदिर में दर्शन करता है, वह दुर्घटनाओं से सुरक्षित रहता है। घाट के दोनों ओर सुंदर प्राकृतिक दृश्य हैं, जो विशेषकर वर्षा ऋतु में अत्यंत मनोहारी हो जाते हैं।
कहा जाता है कि इस क्षेत्र में दुर्घटनाओं के कारण कुछ नकारात्मक शक्तियां सक्रिय रहती हैं, जिनसे सुरक्षा के लिए बाबा के दर्शन आवश्यक माने जाते हैं। इसी कारण भगवान भैरव को यहां "हादसों का पहरेदार" कहा जाता है।
मंदिर की वास्तुकला
मंदिर परिसर में भगवान भैरव की एक विशाल सिंदूरी रंग की प्रतिमा स्थापित है, जो एक पत्थर पर उकेरी गई है। मंदिर तक पहुंचने के लिए एक पुलनुमा मार्ग है, जिससे होकर श्रद्धालु भीतर पहुंचते हैं।
भैरव बाबा की प्रतिमा के सामने उनके वाहन श्वान (कुत्ता) की मूर्ति भी स्थापित है। बाबा का प्रतिदिन भव्य श्रृंगार किया जाता है और सप्ताह के अलग-अलग दिनों में उनके विभिन्न स्वरूपों के दर्शन होते हैं।
मंदिर खुलने का समय: 06:00 प्रातः - 09:00 रात्रि सायंकाल आरती: 06:00 सायं - 07:00 सायं
काल भैरव मंदिर, इंदौर का प्रसाद
भक्तगण भैरव बाबा को दही और इमरती का भोग अर्पित करते हैं। साथ ही कुछ परंपरागत रूप से पान, तंबाकू, सिगरेट, शराब, नारियल और अगरबत्ती भी चढ़ाते हैं। यह प्रथा तांत्रिक मान्यताओं से जुड़ी हुई है।
हवाई मार्ग
निकटतम हवाई अड्डा देवी अहिल्याबाई होल्कर एयरपोर्ट, इंदौर है। यहां से टैक्सी या कैब के माध्यम से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग
यदि आप ट्रेन से यात्रा करना चाहते हैं तो आपको इंदौर रेलवे स्टेशन उतरना होगा। वहां से टैक्सी द्वारा भैरव घाट पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग
इंदौर का मुख्य बस स्टैंड शहर के विभिन्न भागों और अन्य शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहां से आप बस या टैक्सी के माध्यम से भैरव घाट तक पहुंच सकते हैं। इंदौर से यह घाट लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
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