जानिए अयोध्या के शक्तिपीठ जालपा देवी मंदिर का पौराणिक इतिहास, धार्मिक महत्व, दर्शन और पूजा का समय, तथा मंदिर तक पहुँचने की सम्पूर्ण जानकारी।
जालपा देवी मंदिर अयोध्या का एक प्राचीन और पावन स्थल है, जो माता जालपा देवी को समर्पित है। मान्यता है कि यहाँ पूजा और दर्शन करने से शक्ति, साहस और सफलता की प्राप्ति होती है। इस लेख में जानिए जालपा देवी मंदिर अयोध्या का इतिहास, महत्व और दर्शन की खास बातें।
उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में स्थित जालपा देवी मंदिर, राम जन्मभूमि से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर अयोध्या की सीमा पर स्थित है। यह मंदिर माँ जालपा देवी को समर्पित है, जिन्हें भगवान श्रीराम की कुल देवी तथा माता बंदी देवी के नाम से भी जाना जाता है। यह एक शक्ति पीठ और सिद्धपीठ के रूप में प्रतिष्ठित है। मंदिर में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन हेतु आते हैं, जबकि नवरात्रि में यह संख्या लाखों तक पहुँच जाती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जालपा देवी मंदिर का निर्माण त्रेता युग में भगवान श्रीराम के काल में हुआ था। कहा जाता है कि माता सती के चरण जहाँ गिरे थे, वहीं यह मंदिर स्थापित हुआ, इसलिए यह शक्तिपीठ माना जाता है। मंदिर में आज भी पिंड स्वरूप में माँ के चरण स्थित हैं। जनश्रुति के अनुसार, स्वयं हनुमान जी प्रत्येक मंगलवार को माँ जालपा देवी के दर्शन करने आते हैं, इसी कारण मंगलवार को विशेष श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।
माना जाता है कि जो भक्त माता के चरणों में स्वयं को समर्पित करता है, उसे सभी बंधनों से मुक्ति मिलती है। यदि किसी पर झूठे आरोप या मुकदमे हों, तो माँ के दर्शन मात्र से वह भी समाप्त हो जाते हैं। यह भी परंपरा है कि अयोध्या में जो भी नवविवाहिता कन्या अपने ससुराल आती है, वह पहले माँ जालपा देवी के चरणों में शीश नवाकर ही अपने गृहस्थ जीवन की शुरुआत करती है।
मंदिर की वास्तुकला
यह मंदिर पारंपरिक हिंदू मंदिर निर्माण शैली में निर्मित है। मंदिर की आंतरिक दीवारों पर देवी-देवताओं की सुंदर मूर्तियाँ पत्थर पर उकेरी गई हैं। मंदिर परिसर में माता के साथ भैरव बाबा का मंदिर भी स्थित है। यज्ञ और अनुष्ठानों के लिए मंदिर के अंदर यज्ञ वेदी भी बनाई गई है। मंदिर परिसर में एक छोटा सा सुंदर उपवन भी बना हुआ है, जो इसकी पवित्रता और शांति को और बढ़ाता है।
जालपा देवी मंदिर अयोध्या का प्रसाद
मंदिर में माता को सुहाग की संपूर्ण सामग्री जैसे चूड़ी, सिंदूर, बिंदी, कंघी आदि के साथ चुनरी अर्पित की जाती है। साथ ही, लड्डू और बर्फी के रूप में मिष्ठान्न प्रसाद चढ़ाया जाता है। मान्यता है कि सुहाग सामग्री अर्पण करने से विवाहित स्त्रियों के सुहाग की उम्र लंबी होती है।
निकटतम हवाई अड्डा
जालपा देवी मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा लखनऊ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो अयोध्या से 152 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा फैजाबाद और गोरखपुर हवाई अड्डे 158 किलोमीटर तथा प्रयागराज हवाई अड्डा लगभग 172 किलोमीटर दूर हैं।
रेलवे स्टेशन
फैजाबाद और अयोध्या, भारत के सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों से सीधे जुड़े हुए हैं।
फैजाबाद: लखनऊ से 128 किमी, गोरखपुर से 171 किमी, प्रयागराज से 157 किमी, वाराणसी से 196 किमी
अयोध्या: लखनऊ से 135 किमी, गोरखपुर से 164 किमी, प्रयागराज से 164 किमी, वाराणसी से 189 किमी
सड़क मार्ग
उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन द्वारा अयोध्या के लिए नियमित सरकारी और निजी बस सेवाएँ उपलब्ध हैं। इसके अलावा अयोध्या और फैजाबाद में ऑटो रिक्शा और कैब सेवाएं भी उपलब्ध हैं, जिनके माध्यम से आप मंदिर तक आसानी से पहुँच सकते हैं।
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