गंगा घाट हरिद्वार
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गंगा घाट हरिद्वार | Ganga Ghat Haridwar

जानिए गंगा घाटों का इतिहास, धार्मिक महत्व, स्नान का समय और कैसे पहुँचें।

गंगा घाट हरिद्वार के बारे में

गंगा घाट हरिद्वार का सबसे पवित्र और आस्था से जुड़ा स्थल माना जाता है। यहाँ गंगा स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। हर की पौड़ी सहित अन्य घाटों पर होने वाली गंगा आरती भक्तों को अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव कराती है और मन को शांति प्रदान करती है। इस लेख में जानिए गंगा घाट हरिद्वार का इतिहास, धार्मिक महत्व और यहाँ के विशेष आकर्षण।

गंगा घाट, हरिद्वार का इतिहास (Ganga Ghat Haridwar)

पवित्र शहर हरिद्वार में स्थित गंगा घाट न केवल आध्यात्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि धार्मिक आस्था का प्रतीक भी हैं। हर की पौड़ी क्षेत्र में स्थित ये घाट – विष्णु घाट, ब्रह्मकुंड घाट, कुशावर्त घाट, नाई घाट, बिरला घाट, सती घाट, गऊ घाट, नीलेश्वर घाट और बिल्केश्वर घाट – हिंदू धर्म के अनुसार मोक्ष प्राप्ति और पापों से मुक्ति के लिए अत्यंत पूजनीय माने जाते हैं। इन घाटों पर स्नान करने के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं, विशेषकर महाकुंभ और स्नान पर्वों के दौरान।

गंगा घाटों का इतिहास कई पौराणिक कथाओं और ऐतिहासिक साक्ष्यों से जुड़ा है। एक मान्यता के अनुसार इन घाटों का निर्माण राजा विक्रमादित्य ने अपने भाई भृतहरि की स्मृति में करवाया था। वहीं कुछ इतिहासकार इसे अकबर काल का बताते हैं। ब्रह्मकुंड घाट को लेकर मान्यता है कि यहां अमृत की कुछ बूंदें गिरी थीं, जिससे यह स्थान अमरत्व और मोक्ष का प्रतीक बन गया।

गंगा घाट का वास्तुकला

गंगा घाटों की वास्तुकला पारंपरिक शैली में बनी है। प्रत्येक घाट पर गंगा नदी तक पहुंचने के लिए लंबी-चौड़ी सीढ़ियाँ बनाई गई हैं, जिससे श्रद्धालु सुरक्षित और सुगमता से स्नान कर सकें। हर घाट पर छोटे-बड़े मंदिर स्थित हैं, जहाँ भक्त गंगा स्नान के बाद पूजा-अर्चना कर सकते हैं। सुबह और शाम का दृश्य अत्यंत आकर्षक होता है, विशेषकर आरती के समय।

गंगा घाट का समय

घाट चौबीसों घंटे खुले रहते हैं: 12:00 AM - 12:00 AM

गंगा घाट का प्रसाद

गंगा घाटों पर दीपक जलाकर और पुष्प अर्पित कर गंगा मैया को प्रसाद अर्पित किया जाता है। यह श्रद्धा और आस्था की अभिव्यक्ति होती है।

गंगा घाट हरिद्वार कैसे पहुंचें?

  • विमान: हरिद्वार पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा देहरादून स्थित जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है। यहाँ से हरिद्वार के लिए टैक्सी उपलब्ध रहती हैं।

  • रेलगाड़ी: हरिद्वार रेलवे स्टेशन से घाटों तक स्थानीय साधनों द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।

  • सड़क: हरिद्वार बस स्टैंड से घाट तक पहुँचने के लिए ऑटो, रिक्शा व अन्य स्थानीय वाहन उपलब्ध हैं।

हरिद्वार के गंगा घाट न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र हैं, बल्कि जीवन की शांति, ऊर्जा और मोक्ष का अनुभव कराते हैं। यदि आप भारत की आध्यात्मिक संस्कृति को नजदीक से देखना चाहते हैं, तो गंगा घाटों की यात्रा अवश्य करें।

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Published by Sri Mandir·December 1, 2025

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