गढ़कालिका मंदिर उज्जैन
image
downloadDownload
shareShare
ShareWhatsApp

गढ़कालिका मंदिर उज्जैन

जानिए उज्जैन के प्रसिद्ध गढ़कालिका मंदिर की पौराणिक कथा, देवी कालिका की महिमा, दर्शन का समय और मंदिर तक पहुँचने की पूरी जानकारी।

गढ़कालिका मंदिर उज्जैन के बारे में

गढ़कालिका मंदिर उज्जैन की प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक है, जो देवी कालिका को समर्पित है। कहा जाता है कि यहां कालिदास को माता की कृपा से ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। यह मंदिर शक्तिसाधना, आस्था और चमत्कारों के लिए जाना जाता है। इस लेख में जानिए मंदिर का इतिहास, धार्मिक महत्व, दर्शन समय और यहां आने का सही तरीका।

गढ़कालिका मंदिर उज्जैन

गढ़कालिका मंदिर भारत के मध्य प्रदेश राज्य के उज्जैन शहर में स्थित एक प्राचीन और पवित्र शक्ति पीठ है। यह मंदिर देवी कालिका को समर्पित है। माना जाता है कि महान कवि कालिदास इसी मंदिर की देवी के उपासक थे। उनकी रचना ‘श्यामला दंडक’ यहीं से प्रेरित मानी जाती है। प्रत्येक वर्ष उज्जैन में आयोजित होने वाले कालिदास समारोह से पहले माँ गढ़कालिका की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। स्कन्दपुराण में वर्णित चौबीस मातृकाओं में देवी गढ़कालिका का नाम भी शामिल है।

गढ़कालिका मंदिर उज्जैन का इतिहास

गढ़कालिका मंदिर को लेकर ऐसा माना जाता है कि यह ईसा पूर्व 500 वर्ष पुराना है। पुरातत्व विभाग की खुदाई में यहां से बड़ी ईंटें, टकसाल और प्राचीन सड़कें मिली हैं। कुछ विद्वान इसे महाभारत काल का मानते हैं और इसकी मूर्ति सतयुग की बताई जाती है। सम्राट हर्षवर्धन और परमार शासनकाल में इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया था। सिंधिया राजवंश और ग्वालियर के महाराजाओं द्वारा भी इसका पुनर्निर्माण किया गया।

गढ़कालिका मंदिर उज्जैन का महत्व

गढ़कालिका मंदिर की सबसे विशेष मान्यता यह है कि यहां रात्रि 2:30 बजे से ही दर्शन के लिए श्रद्धालु एकत्रित होने लगते हैं, क्योंकि काकड़ा आरती के बाद देवी बाल स्वरूप में दर्शन देती हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, रावण वध के बाद जब श्रीराम लौट रहे थे, तब रुद्रसागर के पास रात में देवी और हनुमान के बीच युद्ध हुआ। उस समय माता का एक अंश गलित होकर गिर गया, जो गढ़कालिका के नाम से विख्यात हुआ।

गढ़कालिका मंदिर उज्जैन की वास्तुकला

मंदिर का निर्माण परमार कालीन स्थापत्य शैली में हुआ है। गढ़ नामक स्थान पर स्थित होने के कारण इस देवी को 'गढ़कालिका' कहा जाता है। मंदिर परिसर में एक अति प्राचीन दीप स्तंभ है, जिसमें 108 दीपक हैं। यह दीप स्तंभ विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान प्रज्वलित किया जाता है, जो मंदिर की आध्यात्मिक गरिमा को और बढ़ा देता है।

गढ़कालिका मंदिर उज्जैन का समय

  • मंदिर खुलने का समय: 03:00 AM - 11:00 AM
  • काकड़ आरती: 04:00 AM - 05:00 AM
  • महाआरती: 09:00 AM - 10:00 AM
  • शयन आरती: 10:00 PM - 11:00 PM

मंदिर का प्रसाद

गढ़कालिका मंदिर में मां कालिका को हलवा, खीर-पूड़ी, पूरणपोली, दाल-चावल और सब्जी-रोटी जैसे व्यंजनों का भोग लगाया जाता है। भक्तगण श्रद्धा से यह भोग अर्पित करते हैं।

गढ़कालिका मंदिर उज्जैन कैसे पहुंचें?

हवाई मार्ग

गढ़कालिका मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डा, इंदौर है। यह मंदिर से लगभग 65 किलोमीटर दूर स्थित है। एयरपोर्ट से उज्जैन तक के लिए टैक्सी, बस और ऑटो आसानी से उपलब्ध हैं।

रेल मार्ग

निकटतम रेलवे स्टेशन उज्जैन रेलवे स्टेशन है, जो मंदिर से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर है। स्टेशन से मंदिर तक जाने के लिए स्थानीय बस और ऑटो की सुविधा उपलब्ध है।

सड़क मार्ग

गढ़कालिका मंदिर, उज्जैन मालीपुर बस स्टैंड से केवल 3.5 किलोमीटर दूर है। मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों से उज्जैन तक राज्य परिवहन निगम की नियमित बस सेवाएं उपलब्ध हैं। निजी बसें और टैक्सी सेवाएं भी सुगमता से मिल जाती हैं।

divider
Published by Sri Mandir·July 30, 2025

Did you like this article?

आपके लिए लोकप्रिय लेख

और पढ़ेंright_arrow
Card Image

पड़िला महादेव मंदिर, प्रयागराज

प्रयागराज के पड़िला गांव में स्थित पड़िला महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन तीर्थ स्थल है। जानिए इस मंदिर का पौराणिक इतिहास, धार्मिक मान्यताएं, दर्शन व पूजा का समय और वहाँ तक पहुँचने की सम्पूर्ण जानकारी।

right_arrow
Card Image

मदन मोहन मंदिर वृन्दावन मथुरा

वृन्दावन के प्राचीन मदन मोहन मंदिर का इतिहास, श्रीकृष्ण भक्ति में इसका महत्व, मंदिर की स्थापत्य विशेषताएं, दर्शन व आरती समय और वहाँ पहुँचने की सम्पूर्ण जानकारी जानिए। यह मंदिर वैष्णव परंपरा का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।

right_arrow
Card Image

राम जानकी मंदिर उज्जैन

उज्जैन स्थित राम जानकी मंदिर भगवान श्रीराम और माता सीता को समर्पित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। जानिए इस मंदिर का इतिहास, धार्मिक महत्व, दर्शन व आरती का समय, और वहाँ पहुँचने का मार्ग।

right_arrow
srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

हमारा पता

फर्स्टप्रिंसिपल ऐप्सफॉरभारत प्रा. लि. 435, 1st फ्लोर 17वीं क्रॉस, 19वीं मेन रोड, एक्सिस बैंक के ऊपर, सेक्टर 4, एचएसआर लेआउट, बेंगलुरु, कर्नाटका 560102
YoutubeInstagramLinkedinWhatsappTwitterFacebook