द्वारकाधीश गोपाल मंदिर उज्जैन
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द्वारकाधीश गोपाल मंदिर उज्जैन

जानिए उज्जैन के द्वारकाधीश गोपाल मंदिर का पौराणिक इतिहास, धार्मिक महत्व, दर्शन और पूजा का समय, तथा मंदिर तक पहुँचने की पूरी जानकारी।

द्वारकाधीश गोपाल के बारे में

द्वारकाधीश गोपाल मंदिर उज्जैन का एक प्रसिद्ध वैष्णव मंदिर है, जो भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। यहाँ भक्त गोपालजी के दर्शन कर आनंद और आध्यात्मिक शांति का अनुभव करते हैं। मंदिर की भव्यता और धार्मिक महत्व इसे उज्जैन के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में विशेष स्थान दिलाता है। इस लेख में जानिए द्वारकाधीश गोपाल मंदिर उज्जैन का इतिहास, धार्मिक महत्व और यहाँ दर्शन करने की खास बातें।

द्वारकाधीश गोपाल मंदिर उज्जैन

द्वारकाधीश गोपाल मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित है और यह उज्जैन का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है। मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की चांदी लेपित संगमरमर की दो फुट ऊंची मूर्ति स्थापित है। यहां जन्माष्टमी के अलावा 'हरिहर पर्व' भी विशेष श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता है। इस पर्व के दौरान भगवान महाकाल की सवारी रात 12 बजे मंदिर में आती है, जब भगवान शिव और भगवान विष्णु का प्रतीकात्मक मिलन होता है और विशेष पूजन होता है।

द्वारकाधीश गोपाल मंदिर उज्जैन का इतिहास

द्वारकाधीश गोपाल मंदिर का निर्माण 1844 ई. में दौलतराव सिंधिया की धर्मपत्नी बैजीबाई शिंदे द्वारा कराया गया था। मूर्ति की स्थापना 1852 में हुई थी। मंदिर का प्रांगण अत्यंत विशाल है और पूर्व में यहां सिंहस्थ के समय बाहर से आए श्रद्धालु विश्राम किया करते थे।

द्वारकाधीश गोपाल मंदिर उज्जैन का महत्व एवं वास्तुकला

जन्माष्टमी के दिन मंदिर में एक विशेष परंपरा का पालन किया जाता है। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के बाद पांच दिनों तक शयन आरती नहीं होती और न ही भजन-कीर्तन किए जाते हैं। यह परंपरा पिछले लगभग 110 वर्षों से चली आ रही है। मान्यता है कि जन्म के बाद श्रीकृष्ण पांच दिन तक सोते नहीं हैं, इसलिए यह विशेष नियम पालन किया जाता है।

मंदिर की वास्तुकला

मंदिर की वास्तुकला मराठा शैली में निर्मित है, जिसमें गर्भगृह संगमरमर से बना हुआ है और द्वार चांदी से मढ़े हुए हैं। मंदिर में भगवान द्वारकाधीश, शंकर, पार्वती, गरुड़ और रानी बैजीबाई की मूर्तियां विराजमान हैं। गर्भगृह का रत्नजड़ित द्वार विशेष रूप से आकर्षक है, जिसे गजनी से लाया गया था और पहले यह द्वार सोमनाथ से लूटा गया था। मंदिर के विशाल स्तंभ और जटिल नक्काशी इसकी भव्यता को दर्शाते हैं।

द्वारकाधीश गोपाल मंदिर उज्जैन का समय

मंदिर खुलने का समय: 05:00 AM - 08:30 PM सुबह की आरती का समय: 05:00 AM - 06:30 AM संध्या आरती का समय: 08:00 PM - 08:30 PM

द्वारकाधीश गोपाल मंदिर प्रसाद

मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण को दूध, माखन, सूजी का हलवा और पंचामृत का भोग अर्पित किया जाता है।

द्वारकाधीश गोपाल मंदिर कैसे पहुंचें?

हवाई मार्ग

निकटतम हवाई अड्डा देवी अहिल्याबाई होल्कर हवाई अड्डा, इंदौर है, जो मंदिर से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहां से श्रद्धालु बस या ऑटो के माध्यम से मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग

द्वारकाधीश गोपाल मंदिर से निकटतम रेलवे स्टेशन उज्जैन जंक्शन है, जो मंदिर से लगभग 2.5 किलोमीटर दूर है। स्टेशन से मंदिर तक पहुंचने के लिए बस और ऑटो की सुविधा उपलब्ध है।

सड़क मार्ग

मंदिर उज्जैन मालीपुर बस स्टैंड से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों से उज्जैन के लिए नियमित राज्य परिवहन और निजी बस सेवाएं उपलब्ध हैं। श्रद्धालु निजी वाहन, टैक्सी या ऑटो से भी मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं।

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Published by Sri Mandir·September 10, 2025

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