जानिए गोरखपुर जिले के बांसगांव स्थित प्राचीन दुर्गा मंदिर का इतिहास, धार्मिक मान्यता, पूजा-पाठ का समय और यात्रा से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी।
दुर्गा मंदिर बांसगांव, गोरखपुर का एक प्राचीन और प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो माँ दुर्गा को समर्पित है। यह मंदिर अपनी आस्था और शक्ति साधना के लिए जाना जाता है। मान्यता है कि यहाँ श्रद्धापूर्वक पूजा और दर्शन करने से भक्तों को शक्ति, साहस और जीवन में मंगलकारी फल प्राप्त होते हैं। इस लेख में जानिए दुर्गा मंदिर बांसगांव गोरखपुर का इतिहास, धार्मिक महत्व और दर्शन की खास बातें।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के बांसगांव क्षेत्र में स्थित दुर्गा मंदिर एक अनोखी धार्मिक आस्था और परंपरा का केंद्र है। यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है और यहाँ श्रद्धालु माता को प्रसन्न करने के लिए रक्त अर्पित करते हैं। यह परंपरा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है। विशेष रूप से नवरात्रि के अवसर पर नवमी के दिन रक्त चढ़ाने की रस्म संपन्न की जाती है। देश-विदेश से श्रद्धालु इस दिन माँ के दर्शन और रक्त अर्पण हेतु यहाँ पहुँचते हैं।
इस मंदिर में पिछले लगभग 300 वर्षों से रक्त चढ़ाने की परंपरा निभाई जा रही है। यह परंपरा क्षेत्रीय श्रीनेत वंश द्वारा चलती आ रही है। इसमें 12 दिन के नवजात शिशु से लेकर 100 वर्ष के बुजुर्गों तक का रक्त अर्पित किया जाता है। उपनयन संस्कार से पहले, एक स्थान (ललाट) से रक्त लिया जाता है, जबकि संस्कार के बाद नौ स्थानों से रक्त निकाल कर बेलपत्र में रखकर माँ को अर्पित किया जाता है। इस प्रक्रिया में एक ही उस्तरे का प्रयोग होता है और बाद में शरीर पर भस्म (भभूत) लगाई जाती है।
माँ दुर्गा को रक्त अर्पित करने की यह परंपरा भक्तों की गहरी आस्था का प्रतीक है। मान्यता है कि नवजातों के रक्त चढ़ाने से वे माँ की विशेष कृपा के पात्र बनते हैं। यह भी कहा जाता है कि अब तक किसी को टिटनेस जैसी कोई बीमारी नहीं हुई और न ही कटने का कोई निशान शरीर पर रहा।
मंदिर की वास्तुकला
यह मंदिर नागर शैली में निर्मित है और एक विशाल चबूतरे पर स्थित है। मंदिर का पूरा ढांचा वर्गाकार है। इसमें एक मुख्य प्रवेश द्वार है जहाँ से भक्त माँ के दर्शन करते हैं। वर्ष 2021 में इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया, साथ ही भक्तों के ठहरने के लिए एक धर्मशाला का निर्माण भी किया गया।
दुर्गा मंदिर बांसगांव का प्रसाद
इस मंदिर में भक्त नारियल, चुनरी और रक्त चढ़ाकर अपनी मनोकामनाएं माँ दुर्गा से माँगते हैं। मान्यता है कि रक्त चढ़ाने से माँ अत्यंत प्रसन्न होती हैं और भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करती हैं।
हवाई मार्ग
दुर्गा मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा महायोगी गोरखनाथ हवाई अड्डा है, जो मंदिर से लगभग 34 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वहाँ से मंदिर तक पहुँचने के लिए बस या ऑटो आसानी से उपलब्ध हैं।
रेल मार्ग
गोरखपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन मंदिर के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है, जो लगभग 37 किलोमीटर दूर है। स्टेशन से बस या ऑटो के माध्यम से मंदिर पहुँचा जा सकता है।
सड़क मार्ग
राज्य परिवहन निगम द्वारा उत्तर प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों से गोरखपुर तक नियमित बस सेवाएँ संचालित हैं। इसके अतिरिक्त, निजी वाहन या टैक्सी के माध्यम से भी मंदिर तक आसानी से पहुँचा जा सकता है।
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