जानिए अवधूत हनुमान मंदिर का इतिहास, दर्शन व आरती का समय और कैसे पहुँचें।
अवधूत हनुमान मंदिर हरिद्वार का एक प्राचीन और प्रतिष्ठित धार्मिक स्थल है, जो भगवान हनुमान को समर्पित है। यह मंदिर श्रद्धालुओं के बीच शक्ति, साहस और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। यहाँ हनुमान जी के दर्शन और पूजा करने से भक्तों को मानसिक शांति और आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस लेख में जानिए अवधूत हनुमान मंदिर हरिद्वार का इतिहास, धार्मिक महत्व और यहाँ दर्शन की खास बातें।
उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में स्थित अवधूत हनुमान मंदिर एक प्रसिद्ध सिद्धपीठ है। यह मंदिर ज्वालापुर क्षेत्र में गंगा तट पर स्थित है और इसे बाबा हीरादास हनुमान मंदिर या अवधूत मंडल आश्रम के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर दक्षिण मुखी हनुमान जी को समर्पित है। यहां भक्तों को रुकने और भोजन की सुविधा भी मिलती है। हर मंगलवार को विशेष पूजा-अर्चना होती है और यह स्थान हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है।
मंदिर का इतिहास
अवधूत हनुमान मंदिर रामानंदी निराकारी वैष्णव संप्रदाय से संबंधित है। इसकी स्थापना लगभग 200 वर्ष पूर्व स्वर्गीय श्री आचार्य बाबा सरयूदासजी महाराज द्वारा की गई थी। बाबा सरयूदास पटियाला के मूल निवासी थे और एक महान संत माने जाते हैं। एक कथा के अनुसार, उनके आशीर्वाद से पटियाला के राजा को संतान की प्राप्ति हुई थी। बाद में, हरिद्वार के ज्वालापुर क्षेत्र में गंगा तट पर उन्हें एक भक्त द्वारा भूमि दान में मिली, जिस पर उनके अनुयायी बाबा हीरादास ने 13 अप्रैल 1830, बसंत पंचमी के दिन मंदिर की नींव रखी। आज मंदिर परिसर में स्वामी हीरादास की प्रतिमा भी स्थापित है।
यह मंदिर श्रद्धालुओं की मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रसिद्ध है, इसी कारण कुछ भक्त इसे "मनकामेश्वर" भी कहते हैं। यहाँ दर्शन से रोगों से मुक्ति मिलती है और संतान प्राप्ति की कामना लेकर विशेष रूप से महिलाएं यहाँ आती हैं।
मंदिर की वास्तुकला
मंदिर की वास्तुकला अत्यंत आकर्षक है। मुख्य द्वार पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित है। मंदिर परिसर में भगवान हनुमान की एक विशाल प्रतिमा है जिसमें वे एक हाथ में पर्वत उठाए हुए हैं। इस मूर्ति का निर्माण भक्तों द्वारा लिखे गए 11.11 करोड़ "राम नाम" मंत्रों को गंगाजल में मिलाकर तैयार लेप से किया गया था। मंदिर परिसर में राम दरबार, शंकर-पार्वती, गणेश जी, मां दुर्गा समेत अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी हैं। राम दरबार की प्रतिमाएं नेपाल की गंडक नदी से लाए गए दिव्य शालीग्राम पत्थरों से बनी हैं, जिन्हें अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण में भी उपयोग किया गया है।
मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए एक आश्रम, गौशाला, और एक धर्मार्थ अस्पताल भी है। मंदिर परिसर में सत्यदेव पुरम नामक कथा स्थल भी है, जहाँ समय-समय पर सत्संग और कथा का आयोजन होता है।
मंदिर खुलने का समय: 06:00 AM - 10:00 PM
सुबह आरती का समय: 06:00 AM - 06:30 AM
शाम की आरती का समय: 06:30 PM - 07:00 PM
अवधूत हनुमान मंदिर का प्रसाद
यहाँ नारियल, बेसन के लड्डू, दूध के पेड़े, फल और फूल जैसे प्रसाद चढ़ाए जाते हैं।
विमान मार्ग
मंदिर से सबसे निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जौलीग्रांट एयरपोर्ट है, जो लगभग 55 किलोमीटर दूर है। यहाँ से टैक्सी या बस द्वारा मंदिर पहुँचा जा सकता है।
रेल मार्ग
हरिद्वार रेलवे स्टेशन मंदिर से लगभग 5 किलोमीटर दूर है और देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। स्टेशन से मंदिर तक ऑटो या रिक्शा से पहुँचा जा सकता है।
सड़क मार्ग
हरिद्वार देश के प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा है। दिल्ली से हरिद्वार की दूरी लगभग 200 किलोमीटर है और आईएसबीटी से सीधी बस सुविधा उपलब्ध है। हर की पौड़ी से मंदिर लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर है।
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