धनिष्ठा नक्षत्र
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धनिष्ठा नक्षत्र

क्या करें और क्या न करें धनिष्ठा नक्षत्र में? जानिए जन्म, विवाह, करियर और उपायों से जुड़ी जरूरी जानकारी!

धनिष्ठा नक्षत्र के बारे में

धनिष्ठा नक्षत्र उन्हीं रहस्यमय शक्तियों का प्रतीक है, जो व्यक्ति को समाज में उच्च स्थान दिलाने की क्षमता रखता है। यह नक्षत्र "धन" (समृद्धि) और "नाद" (संगीत) से जुड़ा हुआ है, जिससे इसमें जन्म लेने वाले जातक साहसी, ऊर्जावान और समाज में लोकप्रिय होते हैं। इस लेख में जानिए धनिष्ठा नक्षत्र का ज्योतिषीय महत्व, इसका स्वामी ग्रह, जातकों का स्वभाव, करियर और विवाह जीवन पर इसका प्रभाव।

धनिष्ठा नक्षत्र क्या है?

भारतीय ज्योतिष में नक्षत्रों की यात्रा हमें स्वयं को और ब्रह्मांडीय ऊर्जाओं को समझने का एक गहरा मार्ग प्रदान करती है। 27 नक्षत्रों की दिव्य माला में, 23वां स्थान है धनिष्ठा नक्षत्र का, जिसका नाम ही इसके गुणों को दर्शाता है – 'धनिष्ठा' का अर्थ है "सबसे धनी," "सबसे समृद्ध," या "संगीत का सितारा।" यह नक्षत्र मकर राशि के 23°20' से कुंभ राशि के 6°40' तक फैला हुआ है, जिससे इसमें शनि (मकर और कुंभ दोनों के स्वामी) और मंगल (इसके अधिष्ठात्री देवता) दोनों की ऊर्जा का एक अनूठा मिश्रण देखने को मिलता है। धनिष्ठा नक्षत्र उन व्यक्तियों के लिए विशेष है जो जीवन में धन, प्रसिद्धि, कलात्मकता और नेतृत्व क्षमता की तलाश में रहते हैं।

धनिष्ठा नक्षत्र का ज्योतिषीय महत्व

धनिष्ठा नक्षत्र को समृद्ध, कलात्मक और ऊर्जावान नक्षत्र माना गया है। यह नक्षत्र उन क्षेत्रों में सफलता दिलाने वाला होता है जहाँ संगीत, प्रदर्शन, नेतृत्व, धन संचय, और भौतिक संसाधनों के प्रबंधन की आवश्यकता होती है। इसमें मनोरंजन उद्योग, सैन्य सेवा, रियल एस्टेट, बैंकिंग, और खेल-कूद जैसे क्षेत्र शामिल हैं।

यह नक्षत्र जन्मकुंडली में यदि मजबूत स्थिति में हो तो व्यक्ति को एक आत्मविश्वासी, महत्वाकांक्षी, प्रतिभाशाली और धनवान व्यक्तित्व प्रदान करता है। ऐसे जातक अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अत्यधिक ऊर्जावान होते हैं, भौतिक सुख-सुविधाओं की ओर आकर्षित होते हैं, और जीवन में प्रसिद्धि तथा समृद्धि प्राप्त करते हैं। वहीं यदि यह नक्षत्र नीच अवस्था में हो या प्रतिकूल प्रभाव में हो तो व्यक्ति को अहंकार, जिद्दीपन, भावनात्मक अलगाव, या वित्तीय अस्थिरता जैसी चुनौतियों से जूझना पड़ सकता है, जिससे उनकी प्रगति और व्यक्तिगत जीवन प्रभावित हो सकता है।

धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी ग्रह कौन है?

धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी ग्रह मंगल है। मंगल को ज्योतिष में ऊर्जा, साहस, पराक्रम, दृढ़ता, पहल करने की क्षमता और महत्वाकांक्षा का कारक माना जाता है। मंगल के प्रभाव के कारण, धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मे जातकों में असाधारण ऊर्जा, जोखिम लेने की क्षमता और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अटूट दृढ़ संकल्प होता है। वे जीवन में निष्क्रिय रहना पसंद नहीं करते, बल्कि हमेशा कुछ न कुछ करते रहते हैं। मंगल का यह प्रभाव उन्हें एक अच्छा आयोजक और नेता भी बनाता है, जो चुनौतियों का सामना करने से नहीं डरते।

धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मे जातकों का स्वभाव और विशेषताएं

धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मे लोग एक गतिशील और प्रतिभाशाली व्यक्तित्व के धनी होते हैं:

  • मंगल के प्रभाव से ये लोग अत्यंत महत्वाकांक्षी और निडर होते हैं। वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं। 

  • इनमें गजब की ऊर्जा होती है और ये हमेशा कुछ न कुछ करने में व्यस्त रहते हैं। निष्क्रियता इन्हें पसंद नहीं होती।

  • अपने प्रतीक (ढोल) के अनुरूप, ये लोग अक्सर संगीत, नृत्य या अन्य कलात्मक क्षेत्रों में प्रतिभाशाली होते हैं। इन्हें ताल और लय की अच्छी समझ होती है।

  • अष्ट वसु के आशीर्वाद से, इन जातकों में धन और भौतिक समृद्धि को आकर्षित करने की क्षमता होती है। वे अक्सर अच्छे वित्तीय प्रबंधक होते हैं।

  • ये लोग अक्सर खुशमिजाज, मिलनसार और सामाजिक होते हैं। वे पार्टियों और समारोहों की जान होते हैं।

  • इनकी संगठनात्मक क्षमता बहुत अच्छी होती है। ये चीजों को व्यवस्थित करना और योजनाओं को क्रियान्वित करना जानते हैं।

  • ये अपनी क्षमताओं पर भरोसा करते हैं और आत्मनिर्भर होते हैं। वे दूसरों पर निर्भर रहना पसंद नहीं करते।

  • मंगल के प्रभाव से ये कभी-कभी जिद्दी, अहंकारी या थोड़े अभिमानी हो सकते हैं, खासकर जब उनके विचारों का विरोध किया जाए।

  • कभी-कभी ये अपनी भावनाओं या कुछ बातों को छिपाकर रख सकते हैं, जिससे इन्हें समझना मुश्किल हो सकता है।

  • इनका स्वभाव तेजतर्रार हो सकता है, और वे तुरंत प्रतिक्रिया देने वाले होते हैं।

धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मे लोगों का करियर और व्यवसाय

धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मे जातक अपनी ऊर्जा, रचनात्मकता और नेतृत्व क्षमता के कारण कई क्षेत्रों में सफल हो सकते हैं:

  • अपने प्रतीक और कलात्मक झुकाव के कारण, ये संगीतकार, गायक, नर्तक, अभिनेता या मनोरंजन उद्योग से जुड़े अन्य पेशेवर बन सकते हैं।

  • मंगल के प्रभाव और साहसी स्वभाव के कारण, ये सैन्य अधिकारी, पुलिस कर्मी, सुरक्षा गार्ड या ऐसे किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकते हैं जहाँ साहस और अनुशासन की आवश्यकता हो।

  • अष्ट वसु से संबंधित होने के कारण, ये रियल एस्टेट, निर्माण, सिविल इंजीनियरिंग या भूमि से जुड़े व्यवसायों में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।

  • धन को आकर्षित करने की उनकी क्षमता उन्हें बैंकिंग, निवेश, स्टॉकब्रोकर या वित्तीय सलाहकार के रूप में सफल बनाती है।

  • इनकी संगठनात्मक क्षमता और नेतृत्व गुण उन्हें उच्च-स्तरीय प्रबंधन, कॉर्पोरेट प्रशासन या इवेंट मैनेजमेंट में उपयुक्त बनाते हैं।

  • उनकी ऊर्जावान और प्रतिस्पर्धी प्रकृति उन्हें पेशेवर खिलाड़ी या खेल प्रशिक्षक बनने में मदद करती है।

  • पृथ्वी के तत्वों से जुड़ाव के कारण, ये खनन, भूविज्ञान या तेल और गैस उद्योग में भी करियर बना सकते हैं।

  • अपनी प्रभावशाली व्यक्तित्व और नेतृत्व क्षमता के कारण वे राजनीति में भी सफल हो सकते हैं।

विवाह जीवन

  • ये अपने पार्टनर के प्रति वफादार होते हैं और रिश्ते को निभाने के लिए प्रतिबद्ध रहते हैं।

  • ये रिश्ते में भावनात्मक गहराई पसंद करते हैं और अपने साथी के साथ मजबूत बंधन बनाते हैं।

  • इनकी अत्यधिक आत्मनिर्भरता और स्वतंत्रता की इच्छा कभी-कभी रिश्ते में दूरी ला सकती है।

  • मंगल के प्रभाव से ये कभी-कभी जिद्दी हो सकते हैं, जिससे रिश्तों में टकराव हो सकता है।

  • ये अपनी भावनाओं को पूरी तरह से व्यक्त नहीं कर सकते, जिससे साथी को समझने में मुश्किल हो सकती है।

  • ये अपने साथी को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम होते हैं।

  • उन्हें ऐसे साथी की आवश्यकता होती है जो उनकी महत्वाकांक्षा, ऊर्जा और स्वतंत्रता का सम्मान कर सके। इनके लिए शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद और रोहिणी नक्षत्रों के साथ अनुकूलता बेहतर हो सकती है।

धनिष्ठा नक्षत्र के लिए उपाय और शुभ मंत्र

धनिष्ठा नक्षत्र के शुभ प्रभावों को बढ़ाने और अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए कुछ उपाय और मंत्र सहायक हो सकते हैं:

  • मंगल की उपासना: अपने स्वामी ग्रह मंगल को प्रसन्न करने के लिए मंगलवार को भगवान हनुमान की पूजा करें। लाल वस्त्र धारण करें और लाल वस्तुओं (जैसे मसूर दाल) का दान करें।

  • अष्ट वसु की पूजा: धन और समृद्धि के लिए अष्ट वसु की उपासना करें। प्राकृतिक तत्वों का सम्मान करें।

  • पीपल या खेजड़ी के पेड़ की सेवा: इस नक्षत्र का वृक्ष खेजड़ी माना जाता है। खेजड़ी या पीपल के पेड़ की पूजा करना शुभ माना जाता है।

  • दान: गरीबों और जरूरतमंदों को अनाज, वस्त्र या धन का दान करें, खासकर मंगलवार को।

  • क्रोध पर नियंत्रण: अपनी जिद्दीपन और आक्रामकता को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से ध्यान, योग या प्राणायाम का अभ्यास करें।

  • कला और संगीत: संगीत वाद्ययंत्र बजाने या संगीत सुनने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

मंत्र जाप

  • मूल नक्षत्र मंत्र: "ॐ धनिष्ठायै नमः" का 108 बार जाप करें।

  • ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः" मंत्र के जाप से मंगल ग्रह की स्थिति मजबूत मानी जाती है और आत्मबल में वृद्धि होती है।

धनिष्ठा नक्षत्र में क्या करें और क्या न करें?

क्या करें (शुभ कार्य)

  • व्यवसाय, नौकरी या किसी नई परियोजना की शुरुआत करना शुभ होता है।

  • संगीत, नृत्य या कला से संबंधित गतिविधियों में शामिल होना।

  • जमीन, घर या अन्य भौतिक संपत्ति खरीदना शुभ हो सकता है।

  • वित्तीय लेन-देन या कर्ज के लिए यह एक अच्छा समय हो सकता है।

  • यात्रा की योजना बनाना या शुरू करना शुभ होता है, खासकर यदि यह किसी उद्देश्य से हो।

  • मशीनरी से संबंधित कार्य या औद्योगिक परियोजनाओं के लिए यह शुभ है।

क्या न करें (अशुभ कार्य)

  • इस नक्षत्र में अत्यधिक आक्रामकता, क्रोध या झगड़े से बचें, यह रिश्तों को खराब कर सकता है।

  • इस नक्षत्र में किसी को उधार देने से बचें, क्योंकि वापसी में मुश्किल हो सकती है।

  • अपनी सफलताओं पर अत्यधिक अहंकार करने या दूसरों को नीचा दिखाने से बचें।

  • बिना सोचे-समझे बड़े जोखिम लेने से बचें।

धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मे जातक ऊर्जावान, महत्वाकांक्षी और प्रतिभाशाली होते हैं, जो मंगल और अष्ट वसु के प्रभाव से भौतिक समृद्धि व कलात्मक क्षेत्रों में विशेष सफलता पाते हैं। सही उपायों से वे अपनी जिद्दीपन को संतुलित कर एक समृद्ध और संगीतपूर्ण जीवन जी सकते हैं।

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Published by Sri Mandir·June 20, 2025

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