तुलसी देवी श्रीकृष्ण को प्रिय हैं, फिर भी कुछ दिनों में तुलसी तोड़ना मना होता है। जानिए क्या जन्माष्टमी उन दिनों में आती है और क्या करना चाहिए।
जन्माष्टमी पर तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए, क्योंकि यह रात्रि में मनाई जाती है और शास्त्रों में रात्रि में तुलसी तोड़ना वर्जित है। पूजा में पहले से तोड़ी गई तुलसी का ही उपयोग करना उचित माना जाता है। आइये जानते हैं इसके बारे में...
भगवान श्रीकृष्ण को तुलसी बेहद प्रिय मानी जाती है, इसलिए उनकी पूजा में तुलसी के पत्ते चढ़ाना आवश्यक होता है। लेकिन कई लोग यह नहीं जानते कि जन्माष्टमी के दिन तुलसी तोड़ना उचित है या नहीं। चलिए इसे विस्तार से समझते हैं।
शास्त्रों के अनुसार वर्जित समय
तुलसी को देवी का रूप माना गया है
भक्ति की शुद्धता बनाए रखने के लिए
एक दिन पहले तोड़ें तुलसी
गिरे हुए पत्तों का प्रयोग
जन्माष्टमी जैसे पवित्र पर्व पर धार्मिक नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक होता है। इसी कारण इस दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना सही नहीं माना गया है। भक्तों को चाहिए कि वे एक दिन पहले ही तुलसी के पत्तों की व्यवस्था कर लें, ताकि भगवान श्रीकृष्ण की पूजा पूरी श्रद्धा, नियम और विधिपूर्वक संपन्न हो सके।
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