क्या जन्माष्टमी को तुलसी तोड़ सकते हैं?
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क्या जन्माष्टमी को तुलसी तोड़ सकते हैं?

तुलसी देवी श्रीकृष्ण को प्रिय हैं, फिर भी कुछ दिनों में तुलसी तोड़ना मना होता है। जानिए क्या जन्माष्टमी उन दिनों में आती है और क्या करना चाहिए।

जन्माष्टमी पर तुलसी तोड़ने के बारे में

जन्माष्टमी पर तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए, क्योंकि यह रात्रि में मनाई जाती है और शास्त्रों में रात्रि में तुलसी तोड़ना वर्जित है। पूजा में पहले से तोड़ी गई तुलसी का ही उपयोग करना उचित माना जाता है। आइये जानते हैं इसके बारे में...

क्या जन्माष्टमी को तुलसी तोड़ सकते हैं?

भगवान श्रीकृष्ण को तुलसी बेहद प्रिय मानी जाती है, इसलिए उनकी पूजा में तुलसी के पत्ते चढ़ाना आवश्यक होता है। लेकिन कई लोग यह नहीं जानते कि जन्माष्टमी के दिन तुलसी तोड़ना उचित है या नहीं। चलिए इसे विस्तार से समझते हैं।

इस दिन तुलसी क्यों नहीं तोड़नी चाहिए?

शास्त्रों के अनुसार वर्जित समय

  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी के पत्ते रविवार, द्वादशी, अमावस्या, पूर्णिमा, और रात के समय नहीं तोड़ने चाहिए। चूंकि जन्माष्टमी का पूजन रात्रि 12 बजे किया जाता है, इसलिए उसी दिन तुलसी तोड़ना अनुचित माना जाता है।

तुलसी को देवी का रूप माना गया है

  • तुलसी को एक पूजनीय देवी के रूप में माना जाता है। इसलिए उन्हें अनावश्यक या नियमों के विरुद्ध तोड़ना अपमानजनक समझा जाता है।

भक्ति की शुद्धता बनाए रखने के लिए

  • पूजा में तुलसी का उपयोग जरूर करें, लेकिन उसे उसी दिन तोड़ना भक्ति की मर्यादा को ठेस पहुंचा सकता है।

क्या करना चाहिए?

एक दिन पहले तोड़ें तुलसी

  • आप जन्माष्टमी से एक दिन पहले, यानी 15 अगस्त को सुबह के समय तुलसी के पत्ते तोड़कर किसी साफ़ कपड़े में रख सकते हैं।
  • अगर पत्ते ताजगी में हैं, तो अगले दिन भी उनका उपयोग बिना किसी दोष के किया जा सकता है।

गिरे हुए पत्तों का प्रयोग

  • यदि तुलसी पौधे से खुद-ब-खुद गिरे पत्ते मिलें, तो उन्हें उठाकर भगवान को चढ़ाया जा सकता है।

निष्कर्ष

जन्माष्टमी जैसे पवित्र पर्व पर धार्मिक नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक होता है। इसी कारण इस दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना सही नहीं माना गया है। भक्तों को चाहिए कि वे एक दिन पहले ही तुलसी के पत्तों की व्यवस्था कर लें, ताकि भगवान श्रीकृष्ण की पूजा पूरी श्रद्धा, नियम और विधिपूर्वक संपन्न हो सके।

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Published by Sri Mandir·August 4, 2025

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