व्रत के दौरान नींबू पानी पीना सही है या नहीं? जानें जन्माष्टमी के व्रत नियमों के अनुसार इसका सेवन शुभ है या वर्जित।
जन्माष्टमी के पर्व को हिंदू धर्म में विशेष श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन भक्तगण व्रत रखते हैं, मंदिरों में झांकियां सजाई जाती हैं, व्रत रखने वाले श्रद्धालु इस दिन कुछ विशेष नियमों का पालन करते हैं। कुछ लोग फलाहारी व्रत रखते हैं, तो कुछ लोग निर्जल उपवास करते हैं। ऐसे में हम आपको इस लेख में बता रहे हैं कि जन्माष्टमी के दिन नींबू पानी पीना चाहिए या नहीं?
जन्माष्टमी के दिन जो लोग फलाहार व्रत रखते हैं, उनके लिए दिनभर पानी पीने की अनुमति होती है। ऐसे में एक सामान्य प्रश्न यह उठता है कि क्या जन्माष्टमी के व्रत में नींबू पानी पी सकते हैं? तो आपको बता दें कि नींबू की गिनती फलों में होती है, इसलिए फलाहारी व्रत रखने वाले जातक नींबू पानी का सेवन कर सकते हैं।
जो भक्त निर्जला व्रत रखते हैं, उनके लिए नींबू पानी या कोई भी तरल पदार्थ पीना वर्जित होता है। निर्जला व्रत में न तो पानी पिया जाता है, न ही फलाहार किया जाता है। यह व्रत कठिन जरूर होता है, लेकिन भगवान के प्रति पूर्ण समर्पण का प्रतीक माना जाता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, सूर्यास्त के बाद भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की तैयारियां शुरू होती हैं, और यह समय पूजा-पाठ का होता है। इसलिए रात्रि 12 बजे तक जल व किसी भी प्रकार के पेय या भोजन का सेवन नहीं किया जाता है। इस दौरान भक्त भगवान श्रीकृष्ण की आराधना करते हुए उनके जन्म की प्रतीक्षा करते है।
यह थी ‘जन्माष्टमी के व्रत में नींबू पानी पी सकते हैं या नहीं’ से जुड़ी जरूरी जानकारी। अगर आप पहली बार व्रत रख रहे हैं या किसी शंका में हैं, तो ऊपर दिए गए नियमों को समझकर ही व्रत की तैयारी करें। शरीर की जरूरत और धार्मिक मान्यताओं में संतुलन बनाकर ही श्रद्धा पूर्ण उपवास करें। हमारी कामना है कि व्रत बिना किसी त्रुटि के संपूर्ण हो, और भगवान श्रीकृष्ण सदैव आपपर अपनी कृपा बनाए रखें।
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