कृष्ण जन्मोत्सव के दिन क्या पहनें और किन रंगों से बचें? जानिए शुभ-अशुभ रंगों से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं।
जन्माष्टमी पर काले या गहरे म्लान रंगों से परहेज़ करना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह दिन उल्लास और भक्ति का प्रतीक है। हल्के, पीले, केसरिया या नीले रंग पहनना भगवान कृष्ण की कृपा पाने हेतु उत्तम होता है, आइये जानते हैं इसके बारे में...
जन्माष्टमी का पर्व इस वर्ष 16 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है। माना जाता है कि भगवान कृष्ण, भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं, जो धरती पर धर्म की रक्षा और अधर्म के विनाश के लिए प्रकट हुए थे।
जन्माष्टमी का उत्सव हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। वर्ष 2025 में यह पावन दिन 16 अगस्त को मनाया जाएगा। मान्यता है कि इस दिन श्रद्धा से लड्डू गोपाल की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही, यदि भक्त उनके प्रिय रंगों के वस्त्र धारण करें, तो भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा उन पर बनी रहती है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 16 अगस्त 2025, शनिवार के दिन मनाई जाएगी।
इस दिन चंद्रोदय रात 11:32 बजे होगा, जो पूजा के समय को और भी विशेष बनाता है।
श्रीकृष्ण जन्म की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 12:04 से 12:47 बजे तक रहेगा।
अष्टमी तिथि की शुरुआत 15 अगस्त को रात 11:49 बजे होगी और यह 16 अगस्त को रात 9:34 बजे समाप्त होगी।
रोहिणी नक्षत्र, जो श्रीकृष्ण से विशेष रूप से जुड़ा हुआ है, 17 अगस्त को सुबह 4:38 बजे शुरू होकर 18 अगस्त को सुबह 3:17 बजे तक रहेगा।
भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव, जिसे जन्माष्टमी कहा जाता है, पूरे भारत में बड़े श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन भक्त उपवास करते हैं। लेकिन इस दिन काले रंग को पहनने से परहेज करना चाहिए इसके कई सारे कारण है, जो इस प्रकार हैं:
1. अशुभता से जुड़ा हुआ रंग
परंपराओं के अनुसार, काला रंग शोक और उदासी का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक और मांगलिक अवसरों पर इस रंग का प्रयोग वर्जित माना गया है, क्योंकि यह सकारात्मक माहौल में नकारात्मकता ला सकता है।
2. शनि से जुड़ा रंग
काले रंग को शनि ग्रह से जोड़ा जाता है, जो कर्म और सख्ती का प्रतीक होता है। चूंकि जन्माष्टमी श्रीकृष्ण के आनंद, प्रेम और उल्लास का पर्व है, ऐसे में यह रंग इस भाव से मेल नहीं खाता।
3. नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव
ऐसा माना जाता है कि काला रंग वातावरण से सकारात्मक ऊर्जा को सोख लेता है और नकारात्मकता को बढ़ावा देता है। वहीं, जन्माष्टमी जैसे सात्विक दिन पर शुद्धता और ऊर्जा का संचार अधिक होता है, जिसे काला रंग बाधित कर सकता है।
जन्माष्टमी का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता हैं और हर धर्म और समाज के लोग भगवान कृष्ण के जन्मदिन को मनाते हैं। पूरी दुनिया के अलग-अलग रंग इस बात को दिखाते हैं कि कैसे भगवान कृष्ण हर किसी के हैं इसलिए उनका हर रंग प्रिय है, चलिए जानते हैं आपको कौन से रंग पहनने चाहिए:
1. पीला रंग
यह रंग भगवान श्रीकृष्ण का सबसे प्रिय माना जाता है। अक्सर उन्हें पीतांबर (पीले वस्त्र) पहने हुए दिखाया जाता है। पीला रंग बुद्धि, उजाला और सकारात्मक सोच का प्रतीक होता है।
2. सफेद रंग
सफेद रंग शांति, पवित्रता और भक्ति को दर्शाता है। यह रंग सात्विक प्रवृत्ति को उजागर करता है और भगवान के प्रति श्रद्धा को प्रकट करता है।
3. केसरिया या भगवा रंग
यह रंग त्याग, साहस और भक्ति से जुड़ा होता है। इसे धार्मिकता और साधना का प्रतीक भी माना जाता है, इसलिए कई संत और साधु इसे धारण करते हैं।
4. हल्का नीला या आसमानी रंग
श्रीकृष्ण के रंग को नीले या श्यामवर्ण के रूप में जाना जाता है, इसलिए यह रंग उनके प्रति विशेष जुड़ाव दिखाता है। यह मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाता है।
5. हरा रंग
हरा रंग प्रकृति, ताजगी और समृद्धि का प्रतीक होता है। यह जीवन में सकारात्मकता और आनंद का भाव लाता है।
निष्कर्ष: जन्माष्टमी जैसे पवित्र त्योहार पर वस्त्र चुनते समय केवल दिखावे या फैशन का ध्यान नहीं रखना चाहिए, बल्कि उसमें आस्था, परंपरा और श्रद्धा का भाव भी होना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण को हल्के, सात्विक और शांत रंग अधिक प्रिय माने जाते हैं। ऐसे रंग न केवल भक्त के तन और रूप को सजाते हैं, बल्कि मन और आत्मा को भी भक्ति से सराबोर कर देते हैं। इसलिए जब आप इन शुभ रंगों के वस्त्र पहनकर पूजन करते हैं, तो वह और भी प्रभावशाली और आध्यात्मिक रूप से फलदायी हो जाता है।
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