श्रीराम के छोटे पुत्र कुश द्वारा निर्मित
.अयोध्या, उत्तरप्रदेश, भारत
शिवजी को समर्पित श्री नागेश्वर नाथ मंदिर राम की पौड़ी अयोध्या में स्थित है। इसका निर्माण श्री राम के छोटे पुत्र कुश ने करवाया था। एक बार सरयू में स्नान करते समय कुश के हाथ का बाजूबंद गिर गया था जिसे नागकन्या ने वापस लौटा दिया था। नागकन्या कुश पर मोहित हो गई थी, क्योंकि वो एक शिव भक्त थी इसलिए कुश ने उस नागकन्या के लिए यह मंदिर बनवाया था।
मंदिर का इतिहास
"बाबा नागेश्वर नाथ" मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण श्रीराम के पुत्र कुश ने करवाया था। उसके बाद 1750 में इसका जीर्णोद्धार नवाब सफदरजंग के मंत्री नवल राय ने कराया था। लेकिन उसके बाद इस मंदिर का जीर्णोद्धार एवं निर्माण श्री गुलशन कुमार द्वारा प्रारंभ किया गया।
मंदिर का महत्व
श्री नागेश्वर नाथ मंदिर अयोध्या में धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिव को नागों का देवता कहा जाता है। इस ज्योतिर्लिंग की कई रोचक कथाएं भी हैं जिन्हें हर कोई श्रद्धापूर्वक सुनता है। कहा जाता है कि इनकी कथा सुनने से जीवन में किए गए सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। बाबा श्री नागेश्वर नाथ मंदिर में स्थित ज्योतिर्लिंग पर चांदी का एक बड़ा नाग बना हुआ है। इसके पीछे माता पार्वती की मूर्ति भी स्थापित की गई है। जिसके दर्शन मात्र से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
मंदिर की वास्तुकला
श्री नागेश्वर नाथ मंदिर अपनी वास्तुकला के लिए बहुत प्रसिद्ध है। यह विशाल मंदिर हेमाडपंथी शैली में निर्मित है। यह मंदिर 60000 वर्ग फुट के क्षेत्र में फैला हुआ है। मंदिर के सामने एक विशाल गलियारा बनाया गया है। इस मंदिर के मंडप के चारों ओर आठ स्तंभ बने हुए हैं। मंदिर के पास भगवान शिव की 80 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित की गई है।
मंदिर का समय
सुबह मंदिर खुलने का समय
05:00 AM - 12:00 PMसुबह आरती का समय
06:00 AM - 07:00 AMसायंकाल मंदिर खुलने का समय
05:00 PM - 09:00 PMसंध्या आरती का समय
06:45 PM - 07:15 PMमंदिर का प्रसाद
मंदिर में महादेव को जल, दूध, दही, शहद, घी, बिल्वपत्र, पुष्प, चन्दन आदि चढ़ाए जाते हैं। बेलपत्र में माता पार्वती का प्रतिबिंब होने के कारण इसे भगवान शिव पर चढ़ाया जाता है। शिवजी को बेल पत्र चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामना पूर्ण करते हैं।
यात्रा विवरण
मंदिर के लिए यात्रा विवरण नीचे दिया गया है