कार्तिक मास हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है, यह माह है जो भगवान श्री हरि विष्णु एवं भगवान शिव दोनों को प्रिय है। माना जाता है कि कार्तिक मास में शिव जी अराधना करने से भगवान शिव की कृपा से जीवन की सभी बाधाओं का नाश होता है। भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है क्योंकि उन्हें प्रसन्न करना बहुत आसान होता है। इस शुभ माह में भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए कई अनुष्ठान करते हैं, जिसमें से एक है रुद्राभिषेक। रुद्राभिषेक का अर्थ है रुद्र रूपी शिवलिंग का मंत्रोच्चार के साथ पवित्र जल, दूध, शहद और अन्य सामग्रियों से स्नान कराना। रुद्राष्टाध्यायी के अनुसार शिव ही रुद्र हैं। माना जाता है कि रुद्र रुप में प्रतिष्ठित शिव मनुष्य के दुखों को शीघ्र ही समाप्त कर देते हैं। मान्यता है कि जो भी भक्त इस दिन रुद्राभिषेक करता है, भगवान शिव उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। वहीं यदि यह रुद्राभिषेक किसी ज्योतिर्लिंग में किया जाए तो यह कई गुना फलदायी हो जाता है। मान्यता है कि ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में शिव ऋण मुक्ति हवन और शिव सहस्रनाम रुद्राभिषेक पूजा करने से व्यक्ति को धन-धान्य की प्राप्ति होती है और भगवान शिव कर्ज मुक्ति और धन संचय का आशीष देते हैं।
वहीं, शिव सहस्रनाम रुद्राभिषेक एक ऐसा अनुष्ठान है, इसमें सहस्रनाम का पाठ करते हुए शिवलिंग पर विभिन्न पदार्थ से रुद्राभिषेक किया जाता हैं। प्रत्येक पदार्थ का पाठ करते हुए डाला जाता है जो भगवान शिव की ऊर्जा के विभिन्न पहलुओं का आह्वान करते हैं। इसके पीछे एक पौराणिक कथा है जिसमें बताया गया है कि धन के देवता कुबेर भगवान शिव के परम भक्त थे। कुबेर ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस ज्योतिर्लिंग में कठोर तपस्या की थी। इसके लिए उन्होंने यहां एक शिवलिंग स्थापित किया था। भगवान शिव कुबेर की भक्ति से प्रसन्न हुए एवं कुबेर को देवताओं का धनपति बना दिया। वहीं शिव पुराण में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति कर्ज से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहा है, EMI चुकाने में सक्षम नहीं है तो सोमवार के दिन शिव ऋण मुक्ति हवन और शिव सहस्रनाम रुद्राभिषेक पूजा करना अत्यंत फलदायी साबित होता है। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है, इसलिए सोमवार को ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में होने वाले शिव ऋण मुक्ति हवन और शिव सहस्रनाम रुद्राभिषेक पूजा में श्री मंदिर के माध्यम से भाग लें और भोलेनाथ से ऋण मुक्ति, जीवन में समृद्धि एवं प्रचुरता का आशीष पाएं।