इस माँ बगलामुखी जयंती पर त्रिशक्ति का आह्वान कर माँ बगलामुखी, हनुमान जी और शनिदेव से पाएँ दैवीय सुरक्षा का आशीर्वाद 🔱📿🛡️
दस महाविद्याओं में से आठवीं देवी माँ बगलामुखी की जयंती वैशाख शुक्ल अष्टमी के दिन श्रद्धा, भक्ति और विशेष तांत्रिक अनुष्ठानों के साथ मनाई जाती है। ऐसा माना जाता है कि इसी पावन तिथि को माँ ने हरिद्रा सरोवर से दिव्य रूप में प्रकट होकर सम्पूर्ण सृष्टि की रक्षा की थी। पौराणिक कथा के अनुसार, सतयुग में जब पृथ्वी पर मदन नामक असुर ने हाहाकार मचा दिया था, तब भगवान विष्णु इस संकट का समाधान जानने के लिए भगवान शिव के पास पहुँचे। शिव ने बताया कि इस राक्षस का संहार केवल आदिशक्ति ही कर सकती हैं। भगवान विष्णु की घोर तपस्या से प्रसन्न होकर श्रीविद्या ने माँ बगलामुखी के रूप में प्रकट होकर राक्षस का संहार किया, समस्त प्राणियों की रक्षा की और पृथ्वी को विनाश से बचाया। तभी से बगलामुखी जयंती को माँ बगलामुखी की साधना के लिए सर्वोत्तम अवसर माना जाने लगा। माँ बगलामुखी की साधना को संकट निवारण, शत्रु नाश और दैवीय सुरक्षा प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
माँ बगलामुखी की भांति भगवान हनुमान और शनिदेव भी रक्षात्मक शक्तियों के प्रतीक माने जाते हैं। यही कारण है कि बगलामुखी जयंती के दिन इन तीनों शक्तियों की पूजा को विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। जहाँ एक ओर माँ बगलामुखी की तांत्रिक पूजा से शत्रुओं पर विजय, शासकीय एवं कानूनी मामलों में सफलता प्राप्त होती है, वहीं संकटमोचन हनुमान जी अपने भक्तों की रक्षा करते हैं और भय, रोग एवं बाधाओं को दूर करते हैं। इसके अतिरिक्त शनिदेव की पूजा से विशेष रूप से न्यायिक मामलों में विजय, जीवन में स्थिरता और कर्मों का संतुलन प्राप्त होता है। इसीलिए बगलामुखी के इस शुभ संयोग में उज्जैन स्थित माँ बगलामुखी मंदिर एवं श्री नवग्रह शनि मंदिर में भव्य अनुष्ठानों का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इन अनुष्ठानों में भाग लेकर त्रिशक्ति का आशीर्वाद प्राप्त करें।