हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को अत्यंत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। वहीं आश्विन माह में आने वाली अमावस्या को महालया अमावस्या कहते हैं, सनातन धर्म में इस अमावस्या का बेहद महत्व है। पितृ पक्ष की अवधि का यह अंतिम दिन होता है, जिसे पितरों की आत्मा की शांति के लिए सबसे शुभ माना गया है। जो लोग किसी भी कारण से पितृ पक्ष के 15 दिनों के दौरान श्राद्ध करने में असमर्थ हैं या अपने पूर्वजों की मृत्यु की तिथि से अनजान हैं, वे इस अमावस्या पर अपने सभी पूर्वजों के लिए श्राद्ध, तर्पण और दान कर सकते हैं। वहीं यह दिन शिव जी की पूजा के लिए भी समर्पित है। मान्यता है कि इस दौरान शिव जी को प्रसन्न कर परिवार में खुशहाली एवं समृद्धि का आशीष प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए महालया अमावस्या की शुभ तिथि पर भगवान शिव की पूजा अत्यंत फलदायी होगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूरे साल शिव पूजा से जो पुण्य फल मिलता है, वह इस शुभ दिन पर भगवान शिव के रुद्राभिषेक से प्राप्त होता है। वहीं इस शुभ दिन पर एक साथ कई शिवालयों में रुद्राभिषेक किया जाए तो कई गुना अत्यधिक फल की प्राप्ति हो सकती है। तो आइए जानें महालया अमावस्या के दिन इन विभिन्न शिवालयों में रूद्राभिषेक का महत्व इस प्रकार है:
श्री गंगोत्री धाम, उत्तर काशी: श्री गंगोत्री धाम, मां गंगा का उद्गम स्थल है। मान्यता है कि इसी स्थान पर भगीरथ जी ने परिवार के मोक्ष के लिए तपस्या की थी और भगवान शिव ने मां गंगा को जटाओं में धारण किया था।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश: ओंकारेश्वर भगवान शिव के 12वें ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मान्यता है कि यहां रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और धन धान्य का आशीष मिल सकता है।
महामृत्युंजय महादेव मंदिर, काशी: काशी के महामृत्युंजय मंदिर में रूद्राभिषेक के द्वारा आरोग्य की प्राप्ति यानि अच्छे सेहत की कामना की जाती है। यह देश का एकलौता मंदिर है जहां महादेव, मृत्युंजय रूप में विराजित हैं।
पशुपतिनाथ महादेव मंदिर, हरिद्वार: हिंदू धर्म ग्रंथों में पशुपतिनाथ महादेव के रूद्राभिषेक से भक्तों को पवित्रता और मोक्ष की प्राप्ति होती है। भक्तों का मानना है कि यहां पूजा करने से भगवान नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
वहीं रुद्राभिषेक को लेकर मान्यता है कि जो भी भक्त जिस कार्य को मन में रखकर भगवान शिव का अभिषेक करता है वो उसकी इच्छा पूरी करते हैं। इसलिए महालया अमावस्या के शुभ दिन पर श्री मंदिर आपके लिए लेकर आया है एक साथ चार शिवालयों में रुद्राभिषेक कराने का अवसर, तो भोलेनाथ से परिवार में खुशहाली एवं समृद्धि का आशीष पाने के लिए चार शिवालय शिव रुद्राभिषेक में भाग लें।