😟 तनाव में कट रहा है वैवाहिक जीवन? कहीं आपकी कुंडली में बृहस्पति कमजोर या अशुभ स्थिति में तो नहीं? 🔍✨
इस वैशाख आपके जीवन में भी इस विशेष अनुष्ठान की मदद से आ सकती है खुशियों की सौगात…
वैशाख मास, जिसे 'दान-मास' कहा जाता है, हिंदू धर्म में अत्यंत पुण्यदायक माना गया है। यह अवधि होली और चैत्र नवरात्रि के बाद आती है और वैशाख-ज्येष्ठ महीनों तक चलती है। अप्रैल मध्य से जून तक का समय विवाह जैसे शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है, क्योंकि इस दौरान गुरु (बृहस्पति) और शुक्र ग्रह अनुकूल स्थिति में होते हैं। साथ ही यह समय चातुर्मास, पितृ पक्ष और मलमास जैसे दोषों से भी मुक्त रहता है, जिससे यह धार्मिक अनुष्ठानों के लिए विशेष रूप से शुभ बनता है। लेकिन यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति ग्रह दुर्बल या अशुभ हो, तो विवाह के अनुकूल समय होने पर भी योग्य जीवनसाथी मिलने में विलंब या वैवाहिक जीवन में परेशानियाँ आ सकती हैं। ऐसे में वैशाख माह की एकादशी तिथि को इन बाधाओं से मुक्ति के लिए अत्यंत शुभ और प्रभावशाली माना गया है।
यह दिन जहाँ भगवान विष्णु को समर्पित है, वहीं बृहस्पति ग्रह की शांति के लिए भी अत्यंत फलदायी होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बृहस्पति ग्रह व्यक्ति के वैवाहिक जीवन को गहराई से प्रभावित करता है। इसे देवताओं का गुरु कहा गया है, जो ज्ञान, धर्म और संबंधों का मार्गदर्शन करता है। चूंकि भगवान विष्णु स्वयं धर्म और दिव्य ज्ञान के मूल स्रोत माने जाते हैं, इसलिए बृहस्पति उनकी कृपा से ही संचालित होता है और व्यक्ति के दांपत्य जीवन में सुख, स्थिरता और समरसता लाने में मदद करता है। यदि कुंडली में बृहस्पति शुभ स्थिति में हो, तो वैवाहिक जीवन में संतुलन, समझ और प्रेम बना रहता है।
🔱 इस विशेष अनुष्ठान से करें बृहस्पति को मजबूत और दूर करें वैवाहिक जीवन के मतभेद✨
इसके विपरीत, यदि कुंडली में बृहस्पति कमजोर या अशुभ स्थिति में हो, तो विवाह में देरी, उपयुक्त जीवनसाथी की प्राप्ति में कठिनाई, या वैवाहिक जीवन में मतभेद और संघर्ष जैसे संकट उत्पन्न हो सकते हैं। ऐसी मान्यता है कि इन बाधाओं को काशी स्थित श्री बृहस्पति मंदिर में 16,000 बार बृहस्पति मूल मंत्र के जाप और सुदर्शन हवन जैसे विशेष अनुष्ठानों द्वारा दूर किया जा सकता है। पुराणों के अनुसार, स्वयं भगवान शिव ने बृहस्पति को इस स्थान पर प्रतिष्ठित किया था। इसीलिए बृहस्पति की कृपा पाने और विवाह तथा संबंधों से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए वैशाख मास और एकादशी के पवित्र संयोग में यह अनुष्ठान आयोजित किया जा रहा है।
शास्त्रों के अनुसार, यह मंत्र जाप बृहस्पति की ऊर्जा को जाग्रत और सशक्त करता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और प्रेम का संचार होता है। वहीं, सुदर्शन हवन भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त करने का प्रभावी माध्यम है, जो व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है और उसे आध्यात्मिक रूप से बलवान बनाता है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पुण्य अवसर का भागी बन आप भी भगवान विष्णु एवं देवगुरु बृहस्पति के दिव्य आशीर्वाद से एक सुखमय एवं मंगलमय वैवाहिक जीवन का आशीष प्राप्त करें।