📿 क्या आपको ऐसा लगता है कि ज़िंदगी में सबकुछ रुक गया है? साल की आखिरी अमावस्या पर आप अपने पूर्वजों की आत्मा शांति और उनका आशीर्वाद पाएं…
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2025 अंतिम अमावस्या गया पितृ दोष विशेष

गया त्रिपिंडी श्राद्ध और तिल तर्पण

दिवंगत आत्माओं की शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए
temple venue
धर्मारण्य वेदी, गया, बिहार
pooja date
19 December, Friday, पौष कृष्ण अमावस्या
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📿 क्या आपको ऐसा लगता है कि ज़िंदगी में सबकुछ रुक गया है? साल की आखिरी अमावस्या पर आप अपने पूर्वजों की आत्मा शांति और उनका आशीर्वाद पाएं…

सनातन धर्म में अमावस्या तिथि बहुत पवित्र और शुभ मानी जाती है। यह साल की आखिरी अमावस्या भी है, और ऐसा विश्वास है कि इस दिन की गई पूजा से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। माना जाता है कि भगवान श्री विष्णु की कृपा से इस दिन जीवन में रुकी हुई ऊर्जा फिर से चलने लगती है और वातावरण में सकारात्मकता बढ़ती है। यह तिथि आत्मिक शुद्धि, परिवार में संतुलन और पूर्वजों के प्रति सम्मान दिखाने का विशेष अवसर मानी जाती है। इस दिन किए गए कर्मकांड परिवार, कुल और समाज में सुख, शांति और समृद्धि लाने में प्रभावी माने जाते हैं।

गया में अमावस्या के इस शुभ अवसर पर ये पवित्र अनुष्ठान किए जाते हैं:
1. गया त्रिपिंडी श्राद्ध – इसमें तिल, चावल और कुश से बने पिंड तीन पीढ़ियों—पिता, पितामह और प्रपितामह—को अर्पित किए जाते हैं। इसका उद्देश्य पूर्वजों की आत्मा को तृप्त करना और उनके आशीर्वाद से परिवार में सुख, स्वास्थ्य और स्थिरता पाना होता है। यह अपने कुल के प्रति कृतज्ञता दिखाने का प्रतीक माना जाता है।

2. तिल तर्पण – इसमें तिल, जल और मंत्रों के साथ तर्पण किया जाता है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और पूर्वजों की कृपा पाने का एक तरीका माना जाता है। इससे घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा, शांति और संतुलन आता है।

गया तीर्थ की पवित्र कथा -
गरुड़ पुराण के अनुसार, ‘गया’ नाम का एक असुर कठोर तप करके बहुत शक्तिशाली हो गया था, जिससे देवताओं और मनुष्यों को परेशानी होने लगी। तब भगवान विष्णु ने उसके शरीर में प्रवेश कर उसे शांत किया और उसके शरीर को ही एक पवित्र तीर्थ बना दिया। इसी कारण गया को श्राद्ध और पितृ-कर्म के लिए अत्यंत शुभ स्थान माना जाता है। यहां श्रद्धा और आस्था से किया गया तर्पण, पूर्वजों की आत्मा को शांति और मोक्ष दिलाने वाला माना गया है।

साल 2025 की आखिरी अमावस्या तिथि पर आप भी इन पवित्र कर्मों में शामिल होकर अपने पूर्वजों का सम्मान कर सकते हैं और जीवन में सुख, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव कर सकते हैं।

धर्मारण्य वेदी, गया, बिहार

धर्मारण्य वेदी, गया, बिहार
बिहार में स्थित गया शहर जिसे बोध गया के नाम से भी जाना जाता है, यहां पिंडदान का विशेष महत्व है। इस स्थान पर पिंडदान व तर्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है इसलिए इस पवित्र स्थान को मोक्ष स्थली भी कहा जाता है। माना जाता है कि यहां ब्रह्मा, विष्णु और महेश के अलावा सभी देवी-देवता विराजमान हैं। गया का महत्व इसी से पता चलता है कि यहां फल्गु नदी के तट पर राजा दशरथ की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए श्राद्ध कर्म और पिंडदान किया गया था। वायु पुराण, गरुड़ पुराण और विष्णु पुराण में भी गया शहर का वर्णन किया गया है।

कालांतर से चली आ रही तर्पण व पिंडदान की प्रक्रिया पावन भूमि गया के आसपास स्थित पिंडवेदियों पर आज भी जारी है। स्कंद पुराण के अनुसार, महाभारत के युद्ध के दौरान मारे गए लोगों की आत्मा की शांति और पश्चाताप के लिए धर्मराज युधिष्ठिर ने धर्मारण्य पिंडवेदी पर पिंडदान किया था। हिंदू संस्कारों में पंचतीर्थ वेदी में धर्मारण्य वेदी की गणना की जाती है। माना जाता है कि धर्मारण्य पिंडवेदी पर पिंडदान और त्रिपिंडी श्राद्ध का विशेष महत्व है। यहां किए गए पिंडदान व त्रिपिंडी श्राद्ध से प्रेतबाधा से मुक्ति मिलती है और सभी पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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व्यक्तिगत पूजा

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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ अन्न सेवा, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पूजा संपन्न होने के बाद दिव्य आशीर्वाद बॉक्स जैसे- गंगाजल, धागा आदि जो कि प्रतिष्ठित तीर्थ स्थलों से प्राप्त किए गए हैं, 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा। यह बॉक्स, श्री मंदिर की तरफ से आपकी पूजा बुकिंग के साथ ही बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के भेजा जाएगा।

पार्टनर पूजा

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पारिवारिक पूजा

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2001
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
धर्मारण्य वेदी में आपके पूर्वज को फल, मिठाई और सूखे मेवे का भोग चढ़ाया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ अन्न सेवा, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
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संयुक्त परिवार पूजा

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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
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மதிப்புரைகள் மற்றும் மதிப்பீடுகள்

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Mukul Raj

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