पूर्वजों की आत्मा की शांति और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के लिए श्राद्ध प्रारंभ ज्योतिर्लिंग और नर्मदा घाट पितृ दोष शांति पूजा और 11,000 शिव अघोर मंत्र जाप
पूर्वजों की आत्मा की शांति और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के लिए श्राद्ध प्रारंभ ज्योतिर्लिंग और नर्मदा घाट पितृ दोष शांति पूजा और 11,000 शिव अघोर मंत्र जाप
पूर्वजों की आत्मा की शांति और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के लिए श्राद्ध प्रारंभ ज्योतिर्लिंग और नर्मदा घाट पितृ दोष शांति पूजा और 11,000 शिव अघोर मंत्र जाप
पूर्वजों की आत्मा की शांति और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के लिए श्राद्ध प्रारंभ ज्योतिर्लिंग और नर्मदा घाट पितृ दोष शांति पूजा और 11,000 शिव अघोर मंत्र जाप
पूर्वजों की आत्मा की शांति और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के लिए श्राद्ध प्रारंभ ज्योतिर्लिंग और नर्मदा घाट पितृ दोष शांति पूजा और 11,000 शिव अघोर मंत्र जाप
पूर्वजों की आत्मा की शांति और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के लिए श्राद्ध प्रारंभ ज्योतिर्लिंग और नर्मदा घाट पितृ दोष शांति पूजा और 11,000 शिव अघोर मंत्र जाप
पूर्वजों की आत्मा की शांति और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के लिए श्राद्ध प्रारंभ ज्योतिर्लिंग और नर्मदा घाट पितृ दोष शांति पूजा और 11,000 शिव अघोर मंत्र जाप
पूर्वजों की आत्मा की शांति और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के लिए श्राद्ध प्रारंभ ज्योतिर्लिंग और नर्मदा घाट पितृ दोष शांति पूजा और 11,000 शिव अघोर मंत्र जाप
श्राद्ध प्रारंभ ज्योतिर्लिंग और नर्मदा घाट

पितृ दोष शांति पूजा और 11,000 शिव अघोर मंत्र जाप

पूर्वजों की आत्मा की शांति और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के लिए
temple venue
श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर एवं नर्मदा घाट, खंडवा, मध्य प्रदेश
pooja date
Warning InfoBookings has been closed for this Puja
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
இப்போது வரை3,00,000+பக்தர்கள்ஶ்ரீ மந்திர் பூஜா சேவை நடத்தும் பூஜைகளில் கலந்துகொண்டவர்கள்
பூஜை வீடியோவைப் பெறுக. icon
பூஜை வீடியோவைப் பெறுக.
முழுமையான பூஜை வீடியோ 2 நாட்களுக்குள் பகிரப்படும்.
முறையான சடங்குகள் பின்பற்றப்பட்டன. icon
முறையான சடங்குகள் பின்பற்றப்பட்டன.
கோவிலில் இருந்து ஒரு சிறந்த பண்டிதர் உங்கள் பூஜையைச் செய்வார்.
உச்சரிப்பதற்கான மந்திரம் icon
உச்சரிப்பதற்கான மந்திரம்
ஆசீர்வாதம் பெற கீழே சிறப்பு மந்திரங்கள் பகிரப்பட்டுள்ளன.
ஆசீர்வாதப் பெட்டி icon
ஆசீர்வாதப் பெட்டி
உங்கள் வீட்டு வாசலிலேயே ஆசீர்வாதப் பெட்டியைப் பெறுங்கள்.

पूर्वजों की आत्मा की शांति और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के लिए श्राद्ध प्रारंभ ज्योतिर्लिंग और नर्मदा घाट पितृ दोष शांति पूजा और 11,000 शिव अघोर मंत्र जाप

सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। यह समय पूर्वजों की आत्माओं की शांति के लिए की सबसे शुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान हमारे पूर्वज पितृ लोक से धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए गए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान से खुश होकर आशीर्वाद देते हैं। पितृ पक्ष की हर तिथि का अपना विशेष महत्व होता है, जिसमें से प्रतिपदा तिथि एक है। इसे श्राद्ध प्रतिपदा या पड़वा श्राद्ध भी कहते हैं। इस दिन उनका श्राद्ध करते हैं, जिनकी मृत्यु हिंदु पंचांग के अनुसार, किसी भी मास की प्रतिपदा तिथि पर हुई हो। हिंदु धर्म ग्रंथों के अनुसार 'पितृ दोष' पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं और नकारात्मक कर्मों के कारण होता है। इस दौरान पूर्वजों को पिशाच योनि में कष्ट भोगने पड़ते हैं। पिशाच योनि एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आत्मा अपने पिछले जन्मों के पापों और बुरे कर्मों के परिणामस्वरूप एक निम्नतर अवस्था में फंसी रहती है और कष्ट सहती है। इस योनि में आत्मा तब तक रहती है जब तक इसे पुण्य कर्मों या आध्यात्मिक अनुष्ठानों के द्वारा मुक्त नहीं किया जाता। पितृ दोष के कारण आर्थिक परेशानियां, रिश्तों में तनाव, विवाद और स्वास्थ्य संबधी समस्याओं का सिलसिला लगा ही रहता है। मान्यता है कि पितृ दोष से मुक्ति और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पितृ दोष शांति पूजा करनी चाहिए।

वहीं अघोर मंत्र भगवान शिव को समर्पित एक शक्तिशाली मंत्र है, जो आत्माओं को जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त करने की शक्ति रखते हैं। यह मंत्र विशेष रूप से भगवान शिव के अघोर रूप को समर्पित है। भगवान शिव का अघोर रूप निडर और करुणामय स्वभाव का प्रतीक है। शिव को बाधाओं और कर्मों के असंतुलन को नष्ट करने वाले रूप में भी पूजा जाता है। यही कारण है कि पितृ दोष शांति पूजा के साथ 11,000 अघोर मंत्रों का जाप करने से न केवल पिशाच योनि में कष्ट भोग रहे पूर्वजों की आत्माओं को शांति प्राप्त होती है, बल्कि भक्तों को नकारात्मक शक्तियों से भी सुरक्षा मिलती है। यदि यह यह पूजा किसी ज्योतिर्लिंग में की जाए तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इसीलिए 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक और नर्मदा नदी के तट पर स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में 11,000 शिव अघोर मंत्र जाप और पावन नर्मदा घाट पर पितृ दोष शांति पूजा आयोजन किया जा रहा है। इसके अलावा, पितृपक्ष में पूर्वजों के लिए दान पुण्य करने का भी विधान है। मान्यता है कि इस समय दान करने से दोगुने फल की प्राप्ति होती है, जिनमें पितृ पक्ष विशेष पंच भोग, दीप दान भी शामिल है। इसलिए इस पूजा के साथ अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए जैसे पंच भोग, दीप दान एवं गंगा आरती का चुनाव करना आपके लिए फलदायी हो सकता है। इसलिए इस पूजा में इन विकल्पों को चुनकर अपनी पूजा को और भी अधिक प्रभावशाली बनाएं। अपने पूर्वजों की आत्माओं की शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें।

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर एवं नर्मदा घाट, खंडवा, मध्य प्रदेश

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर एवं नर्मदा घाट, खंडवा, मध्य प्रदेश
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से चौथा ज्योतिर्लिंग है श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, इन्हें स्वयंभू लिंग माना जाता है। यह मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के बीच मन्धाता या शिवपुरी नाम के द्वीप पर स्थित है। यहां ज्योतिर्लिंग दो स्वरूप में मौजूद है। जिनमें से एक को ममलेश्वर के नाम से और दूसरे को ओंकारेश्वर नाम से जाना जाता है। ममलेश्वर नर्मदा के दक्षिण तट पर ओंकारेश्वर से थोड़ी दूर स्थित है। अलग होते हुए भी इनकी गणना एक ही की जाती है। ओमकार का उच्चारण सर्वप्रथम स्रष्टिकर्ता ब्रह्मा के मुख से हुआ था। वेद पाठ का प्रारंभ भी ॐ के बिना नहीं होता है। मान्यता है कि मां नर्मदा भी यहां स्वयं ॐ के आकार में बहती हैं। शास्त्रों के अनुसार ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। पुराणों में स्कन्द पुराण, शिवपुराण व वायुपुराण में ओम्कारेश्वर क्षेत्र की महिमा का उल्लेख है।

पौराणिक कथा के अनुसार, भोलेनाथ तीनों लोकों के भ्रमण के बाद यहां रात्रि में शयन के लिए आते हैं। कहते हैं पृथ्वी पर ये एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां शिव-पार्वती रोज चौसर पांसे खेलते हैं। रात्रि में शयन आरती के बाद यहां प्रतिदिन चौपड़ बिछाए जाते हैं और गर्भग्रह बंद कर दिया जाता है। आश्चर्य की बात है कि जिस मंदिर के भीतर रात के समय परिंदा भी पर नहीं मार पाता है वहां हर दिन चौपड़ बिखरे पाए जाते हैं। यह तथ्य इस मंदिर के धार्मिक महत्व को और बढा देता है यही कारण है कि सभी तीर्थों के दर्शन पश्चात ओंकारेश्वर के दर्शन व पूजन विशेष महत्व है। तीर्थ यात्री सभी तीर्थों का जल लाकर ओमकारेश्वर में अर्पित करते हैं, तभी सारे तीर्थ पूर्ण माने जाते हैं अन्यथा वे अधूरे ही माने जाते हैं।

மதிப்புரைகள் மற்றும் மதிப்பீடுகள்

நம் அன்பு பக்தர்கள் ஸ்ரீ மந்திரைப் பற்றித் தந்திருக்கும் கருத்துகளைப் படித்துப் பாருங்கள்
User Image

Achutam Nair

Bangalore
User review
User Image

Ramesh Chandra Bhatt

Nagpur
User review
User Image

Aperna Mal

Puri
User review
User Image

Shivraj Dobhi

Agra
User review
User Image

Mukul Raj

Lucknow

அடிக்கடி கேட்கப்படும் கேள்விகள்

srimandir-logo

ஸ்ரீ மந்திர் இந்தியாவில் பக்தர்கள், பண்டிதர்கள் மற்றும் கோயில்களை இணைப்பதன் மூலம் மத சேவைகளை மக்களுக்கு கொண்டு வந்துள்ளது. 50 க்கும் மேற்பட்ட புகழ்பெற்ற கோயில்களுடன் இணைந்து, நாங்கள் பிரத்தியேக பூஜைகள் மற்றும் நிபுணத்துவ பண்டிதர்களால் செய்யப்படும் பிரசாத சேவைகளை வழங்குகிறோம் மற்றும் முடிக்கப்பட்ட பூஜை சடங்குகளின் வீடியோக்களைப் பகிர்ந்து கொள்கிறோம்.

Address:
Firstprinciple AppsForBharat Private Limited 435, 1st Floor 17th Cross, 19th Main Rd, above Axis Bank, Sector 4, HSR Layout, Bengaluru, Karnataka 560102
Play StoreApp Store

எங்களை பின்தொடரவும்

facebookinstagramtwitterwhatsapp

© 2025 SriMandir, Inc. All rights reserved.