पूर्वजों की आत्मा की शांति और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के लिए श्राद्ध प्रारंभ ज्योतिर्लिंग और नर्मदा घाट पितृ दोष शांति पूजा और 11,000 शिव अघोर मंत्र जाप
पूर्वजों की आत्मा की शांति और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के लिए श्राद्ध प्रारंभ ज्योतिर्लिंग और नर्मदा घाट पितृ दोष शांति पूजा और 11,000 शिव अघोर मंत्र जाप
पूर्वजों की आत्मा की शांति और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के लिए श्राद्ध प्रारंभ ज्योतिर्लिंग और नर्मदा घाट पितृ दोष शांति पूजा और 11,000 शिव अघोर मंत्र जाप
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पूर्वजों की आत्मा की शांति और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के लिए श्राद्ध प्रारंभ ज्योतिर्लिंग और नर्मदा घाट पितृ दोष शांति पूजा और 11,000 शिव अघोर मंत्र जाप
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पूर्वजों की आत्मा की शांति और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के लिए श्राद्ध प्रारंभ ज्योतिर्लिंग और नर्मदा घाट पितृ दोष शांति पूजा और 11,000 शिव अघोर मंत्र जाप
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श्राद्ध प्रारंभ ज्योतिर्लिंग और नर्मदा घाट

पितृ दोष शांति पूजा और 11,000 शिव अघोर मंत्र जाप

पूर्वजों की आत्मा की शांति और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के लिए
temple venue
श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर एवं नर्मदा घाट, खंडवा, मध्य प्रदेश
pooja date
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं
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आशीर्वाद बॉक्स
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पूर्वजों की आत्मा की शांति और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा के लिए श्राद्ध प्रारंभ ज्योतिर्लिंग और नर्मदा घाट पितृ दोष शांति पूजा और 11,000 शिव अघोर मंत्र जाप

सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। यह समय पूर्वजों की आत्माओं की शांति के लिए की सबसे शुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान हमारे पूर्वज पितृ लोक से धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए गए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान से खुश होकर आशीर्वाद देते हैं। पितृ पक्ष की हर तिथि का अपना विशेष महत्व होता है, जिसमें से प्रतिपदा तिथि एक है। इसे श्राद्ध प्रतिपदा या पड़वा श्राद्ध भी कहते हैं। इस दिन उनका श्राद्ध करते हैं, जिनकी मृत्यु हिंदु पंचांग के अनुसार, किसी भी मास की प्रतिपदा तिथि पर हुई हो। हिंदु धर्म ग्रंथों के अनुसार 'पितृ दोष' पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं और नकारात्मक कर्मों के कारण होता है। इस दौरान पूर्वजों को पिशाच योनि में कष्ट भोगने पड़ते हैं। पिशाच योनि एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आत्मा अपने पिछले जन्मों के पापों और बुरे कर्मों के परिणामस्वरूप एक निम्नतर अवस्था में फंसी रहती है और कष्ट सहती है। इस योनि में आत्मा तब तक रहती है जब तक इसे पुण्य कर्मों या आध्यात्मिक अनुष्ठानों के द्वारा मुक्त नहीं किया जाता। पितृ दोष के कारण आर्थिक परेशानियां, रिश्तों में तनाव, विवाद और स्वास्थ्य संबधी समस्याओं का सिलसिला लगा ही रहता है। मान्यता है कि पितृ दोष से मुक्ति और पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पितृ दोष शांति पूजा करनी चाहिए।

वहीं अघोर मंत्र भगवान शिव को समर्पित एक शक्तिशाली मंत्र है, जो आत्माओं को जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त करने की शक्ति रखते हैं। यह मंत्र विशेष रूप से भगवान शिव के अघोर रूप को समर्पित है। भगवान शिव का अघोर रूप निडर और करुणामय स्वभाव का प्रतीक है। शिव को बाधाओं और कर्मों के असंतुलन को नष्ट करने वाले रूप में भी पूजा जाता है। यही कारण है कि पितृ दोष शांति पूजा के साथ 11,000 अघोर मंत्रों का जाप करने से न केवल पिशाच योनि में कष्ट भोग रहे पूर्वजों की आत्माओं को शांति प्राप्त होती है, बल्कि भक्तों को नकारात्मक शक्तियों से भी सुरक्षा मिलती है। यदि यह यह पूजा किसी ज्योतिर्लिंग में की जाए तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इसीलिए 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक और नर्मदा नदी के तट पर स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में 11,000 शिव अघोर मंत्र जाप और पावन नर्मदा घाट पर पितृ दोष शांति पूजा आयोजन किया जा रहा है। इसके अलावा, पितृपक्ष में पूर्वजों के लिए दान पुण्य करने का भी विधान है। मान्यता है कि इस समय दान करने से दोगुने फल की प्राप्ति होती है, जिनमें पितृ पक्ष विशेष पंच भोग, दीप दान भी शामिल है। इसलिए इस पूजा के साथ अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए जैसे पंच भोग, दीप दान एवं गंगा आरती का चुनाव करना आपके लिए फलदायी हो सकता है। इसलिए इस पूजा में इन विकल्पों को चुनकर अपनी पूजा को और भी अधिक प्रभावशाली बनाएं। अपने पूर्वजों की आत्माओं की शांति और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें।

पूजा लाभ

puja benefits
पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए
पितृ दोष के कारण जीवन में लगातार समस्याओं का सिलसिला लगा रहता है। पितृ दोष से ग्रसित जातक को मेहनत करने के बावजूद सफलता नहीं मिलती है। मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध प्रतिपदा तिथि पर ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में 11,000 शिव अघोर मंत्र जाप और नर्मदा घाट पर पितृ दोष शांति पूजा करने से पूर्वजों की आत्माओं को शांति मिलती है और उनके आशीर्वाद से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।
puja benefits
नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए
हिंदु धर्म में भगवान शिव को बुरी शक्तियों का नाश एवं नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करने वाले देव के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध प्रतिपदा तिथि पर ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग पर 11,000 शिव अघोर मंत्रों का जाप करने से भगवान शिव द्वारा नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं इसके अलावा नर्मदा घाट पर पितृ दोष शांति पूजा करने से नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति का वरदान मिलता है।
puja benefits
पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए
कई बार कुछ घरों में पारिवारिक क्लेश कि कोई ठोस वजह तो नहीं होती, लेकिन हमेशा ही तनाव का माहौल बना रहता है। घर में क्लेश होने का एक कारण पितृ दोष भी माना गया है, ऐसे में पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध प्रतिपदा तिथि पर पितृ दोष शांति पूजा और 11,000 शिव अघोर मंत्र जाप करने से पारिवारिक क्लेश से मुक्ति पायी जा सकती है।
puja benefits
पितृ पक्ष विशेष पंच भोग का महादान
पितृ पक्ष के दौरान होने वाले श्राद्ध कर्मों में दान का विशेष महत्व माना गया है। धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि इस दौरान ब्राह्मण भोज के साथ गाय, कुत्ते, पक्षी और चींटी को भोजन कराना पुण्य माना गया है, जिसे पंच बलि यानि पंच भोग भी कहा जाता है। कहा जाता है अगर पितृ पक्ष में अगर इन्हें भोजन कराया जाता है तो पितृ इनके द्वारा खाए अन्न से तृप्त होते हैं और अपने वंशजों को आशीष देते हैं। इसलिए पूजा को बुक करते समय अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए इस ऑप्शन का चुनाव कर अपने पूर्वजों को तृप्त कर सकते हैं।

पूजा प्रक्रिया

Number-0

पूजा का चयन करें:

नीचे दिए गए पूजा के विकल्पों में से किसी एक का चुनाव करें।
Number-1

अर्पण जोड़ें

गौ सेवा, दीप दान, वस्त्र दान एवं अन्न दान जैसे अन्य सेवाओं के साथ अपने पूजा अनुभव को बेहतर बनाएं।
Number-2

संकल्प विवरण दर्ज करें

संकल्प के लिए अपना नाम एवं गोत्र भरें।
Number-3

पूजा के दिन अपडेट पाएं

हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
Number-4

पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर एवं नर्मदा घाट, खंडवा, मध्य प्रदेश

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर एवं नर्मदा घाट, खंडवा, मध्य प्रदेश
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से चौथा ज्योतिर्लिंग है श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, इन्हें स्वयंभू लिंग माना जाता है। यह मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के बीच मन्धाता या शिवपुरी नाम के द्वीप पर स्थित है। यहां ज्योतिर्लिंग दो स्वरूप में मौजूद है। जिनमें से एक को ममलेश्वर के नाम से और दूसरे को ओंकारेश्वर नाम से जाना जाता है। ममलेश्वर नर्मदा के दक्षिण तट पर ओंकारेश्वर से थोड़ी दूर स्थित है। अलग होते हुए भी इनकी गणना एक ही की जाती है। ओमकार का उच्चारण सर्वप्रथम स्रष्टिकर्ता ब्रह्मा के मुख से हुआ था। वेद पाठ का प्रारंभ भी ॐ के बिना नहीं होता है। मान्यता है कि मां नर्मदा भी यहां स्वयं ॐ के आकार में बहती हैं। शास्त्रों के अनुसार ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। पुराणों में स्कन्द पुराण, शिवपुराण व वायुपुराण में ओम्कारेश्वर क्षेत्र की महिमा का उल्लेख है।

पौराणिक कथा के अनुसार, भोलेनाथ तीनों लोकों के भ्रमण के बाद यहां रात्रि में शयन के लिए आते हैं। कहते हैं पृथ्वी पर ये एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां शिव-पार्वती रोज चौसर पांसे खेलते हैं। रात्रि में शयन आरती के बाद यहां प्रतिदिन चौपड़ बिछाए जाते हैं और गर्भग्रह बंद कर दिया जाता है। आश्चर्य की बात है कि जिस मंदिर के भीतर रात के समय परिंदा भी पर नहीं मार पाता है वहां हर दिन चौपड़ बिखरे पाए जाते हैं। यह तथ्य इस मंदिर के धार्मिक महत्व को और बढा देता है यही कारण है कि सभी तीर्थों के दर्शन पश्चात ओंकारेश्वर के दर्शन व पूजन विशेष महत्व है। तीर्थ यात्री सभी तीर्थों का जल लाकर ओमकारेश्वर में अर्पित करते हैं, तभी सारे तीर्थ पूर्ण माने जाते हैं अन्यथा वे अधूरे ही माने जाते हैं।

रिव्यूज़ और रेटिंग

जानिए प्रिय भक्तों का श्री मंदिर के बारे में क्या कहना है!
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अच्युतम नायर

बेंगलुरु
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रमेश चंद्र भट्ट

नागपुर
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अपर्णा मॉल

पुरी
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शिवराज डोभी

आगरा
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मुकुल राज

लखनऊ

भक्तों का अनुभव

जिन भक्तों ने हमारे साथ पूजा बुक की उनका अनुभव जाने
तीश मोड़

तीश मोड़

17 February, 2025

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बहुत ही अतुलनीय कार्य है आपका भगवन आपको ऐसे ही कार्य करने की ताक़त दे


Ramesh Tripathi

Ramesh Tripathi

17 February, 2025

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Hame vishwas hai ki Puja poorn vishwas aur aastha se hui hogi avm hame Prabhu ka Aasirwad prapt hoga apne pariwar ke liye.Jai Bholenath sahai rehna Hamesha.🙏🏽🕉️🌼


S JAREENA BEGUM

S JAREENA BEGUM

16 February, 2025

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Namaste guruji ap ku bhuth,bahut, dhanyawad guruji,, ap ki sevaiya acche hai Ghar bhite Puja karwana, bhuth bhuth accha hai ,,meri mano kamna Puri hone baad mai mai ap se spark karungi

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
महाशिवरात्रि 4 प्रहर अभिषेक
8 March 2023
दिव्य महाकाली मध्यरात्रि तांत्रोक्त यज्ञ
7 May 2023
शनि शांति यज्ञ और तिल तेल अभिषेक
4 May 2023

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

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श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

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