सनातन परंपरा में मंगलमूर्ति भगवान श्री गणेश की पूजा सभी विघ्न बाधाओं को दूर करके जीवन को शुभ और मंगलमय बनाने वाली मानी गई है। भगवान गणेश को विघ्न हर्ता और अष्ट विनायक भी कहा जाता है। पुराणों के अनुसार, अष्ट विनायक अर्थात विनायक के आठ स्वरूप हैं और प्रत्येक स्वरूप की पूजा से विशेष फल की प्राप्ति होती है। ये आठ स्वरूप वक्रतुंड, एकदंत, महोदर, गजानन, लंबोदर, विकट, विघ्नराज, और धूम्रवर्ण है। भगवान गणेश के सातवां स्वरूप विघ्नराज है। मान्यता है कि उनके इस रूप की पूजा करने से सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलती है और उनकी दिव्य सुरक्षा प्राप्त होती है। यही कारण है कि भक्त नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा एवं बाधाओं से मुक्ति के लिए भगवान गणेश के विघ्नराज रूप की पूजा करते हैं। मान्यता है कि भगवान गणेश के इस रूप को प्रसन्न करने और उनका दिव्या आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विघ्न हर्ता गणेश मूल मंत्र जाप और अष्ट विनायक हवन करना चाहिए। विघ्न हर्ता गणेश मूल मंत्र भगवान गणेश को समर्पित एक मंत्र है। इस मंत्र का अर्थ है कि हे प्रभु आपके गुणों को मैं अपने व्यक्तित्व का हिस्सा बना सकूं, मुझे इसका अशीर्वाद दो। मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से रिद्धि-सिद्धि की प्राप्ति होती है और यह मंत्र हर प्रकार की बाधाओं एवं समस्याओं को दूर करने के लिए मददगार साबित होता है।
वहीं अष्ट विनायक हवन भगवान गणेश के आठ स्वरूपों को समर्पित एक अग्नि अनुष्ठान है। इस अनुष्ठान में भगवान गणेश के आठ स्वरूपों को समर्पित मंत्रों का उच्चारण करते हुए अग्नि में आहुतियां दी जाती है। मान्यता है कि इस अनुष्ठान से व्यक्ति के चारों ओर एक सुरक्षा घेरा उत्तपन्न होता है, जो नकारात्मक ऊर्जाओं एवं उनके कारण हुए उत्पन्न अशुभ प्रभावों से व्यक्ति की रक्षा करता है। इसी कारणवश भक्त नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा के लिए अष्ट विनायक हवन करते हैं। यदि यह अनुष्ठान कार्तिक मास की शुक्ल चतुर्थी पर किया जाए तो यह कई गुना अधिक फलदायी हो सकता है, क्योंकि सनातन धर्म में चतुर्मास का यह अंतिम महीना सभी प्रकार के अनुष्ठानों के लिए शुभ माना जाता है। वहीं चतुर्थी का संबध भगवान गणेश के जन्म से है। पौराणिक मान्यता है कि भगवान गणेश का जन्म शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ था। इसलिए कार्तिक मास की शुक्ल चतुर्थी पर उज्जैन के श्री बड़ा गणेश मंदिर में 11,000 विघ्न हर्ता गणेश मूल मंत्र जाप और अष्ट विनायक हवन का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष अनुष्ठान में भाग लें और भगवान गणेश द्वारा नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा और बाधाओं से मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त करें।