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पूर्णिमा शुक्ल पक्ष,रविवार
माघ मास
शिशिर,कालयुक्त 2082
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त्यौहार
माघ पूर्णिमा, पूर्णिमा उपवास, गुरु रविदास जयन्ती, ललिता जयन्ती, थाई पूसम
त्यौहार
माघ पूर्णिमा, पूर्णिमा उपवास, गुरु रविदास जयन्ती, ललिता जयन्ती, थाई पूसम

शुभ-अशुभ समय

शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त
11:50 AM से 12:34 PM
11:50 AM से 12:34 PM
राहुकाल
राहुकाल
4:20 PM से 5:43 PM
4:20 PM से 5:43 PM
गुलिक काल
गुलिक काल
2:58 PM से 4:20 PM
2:58 PM से 4:20 PM
यमघण्टकाल
यमघण्टकाल
12:12 PM से 1:35 PM
12:12 PM से 1:35 PM

आज का पंचांग

तिथि
शुक्ल पक्ष पूर्णिमा
3:40 AM तक
3:40 AM तक
नक्षत्र
पुष्य
11:59 PM तक
11:59 PM तक
योग
प्रीति
10:18 AM तक
10:18 AM तक
करण
विष्टि
4:46 PM तक
4:46 PM तक
महीना अमान्त
माघ
महीना पूर्णिमांत
माघ
विक्रम संवत
2082 (कालयुक्त)
शक संवत
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मकर
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1 February, 2026
गुरु रविदास जयन्ती
1 February, 2026
ललिता जयन्ती
1 February, 2026
थाई पूसम
2 February, 2026
फाल्गुन प्रारम्भ *उत्तर
5 February, 2026
संकष्टी चतुर्थी
7 February, 2026
यशोदा जयन्ती
8 February, 2026
भानु सप्तमी
8 February, 2026
शबरी जयन्ती
9 February, 2026
जानकी जयन्ती
9 February, 2026
कालाष्टमी
12 February, 2026
महर्षि दयानन्द सरस्वती जयन्ती
13 February, 2026
विजया एकादशी
13 February, 2026
कुम्भ संक्रान्ति
14 February, 2026
प्रदोष व्रत
14 February, 2026
शनि त्रयोदशी
15 February, 2026
महा शिवरात्रि
17 February, 2026
फाल्गुन अमावस्या
17 February, 2026
दर्श अमावस्या
17 February, 2026
सूर्य ग्रहण
18 February, 2026
चन्द्र दर्शन
19 February, 2026
फुलैरा दूज
19 February, 2026
श्री रामकृष्ण जयन्ती
21 February, 2026
विनायक चतुर्थी
22 February, 2026
स्कन्द षष्ठी
24 February, 2026
अष्टाह्निका विधान प्रारम्भ
24 February, 2026
मासिक दुर्गाष्टमी
25 February, 2026
रोहिणी व्रत
27 February, 2026
आमलकी एकादशी
28 February, 2026
नरसिंह द्वादशी
23,000 शनि मूल मंत्र जाप, 18,000 राहु मूल मंत्र जाप और 21,000 हनुमान गायत्री मंत्र जाप
शनिवार आखिरी राहु नक्षत्र - 21 ब्राह्मण महानुष्ठान श्रापित दोष विशेष

23,000 शनि मूल मंत्र जाप, 18,000 राहु मूल मंत्र जाप और 21,000 हनुमान गायत्री मंत्र जाप

नकारात्मकता दूर करने और जीवन में आने वाली मुश्किलों से बचने के लिए

puja venue
श्री नवग्रह शनि मंदिर, राहु पैठाणी मंदिर, उज्जैन, पौड़ी | मध्य प्रदेश, उत्तराखंड
puja date
6 दिसम्बर, शनिवार, पौष कृष्ण द्वितीया
राहु-शनि श्रापित दोष शांति हवन एवं तिल तेल अभिषेक
साल 2025 का आखिरी राहु नक्षत्र - शनिवार विशेष

राहु-शनि श्रापित दोष शांति हवन एवं तिल तेल अभिषेक

कर्मिक बाधाओं, बार-बार होने वाली असफलताओं और रुकावटों से राहत पाने के लिए

puja venue
श्री नवग्रह शनि मंदिर, उज्जैन, मध्य प्रदेश
puja date
6 दिसम्बर, शनिवार, पौष कृष्ण द्वितीया

सम्पूर्ण पंचांग, Varanasi, Uttar Pradesh, India

आज का दिन Varanasi, Uttar Pradesh, India के भक्तों के लिए आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस रविवार को हम माघ के पवित्र माह में पूर्णिमा शुक्ल पक्ष पक्ष की शुक्ल पक्ष पूर्णिमा का पालन करते हैं। शिशिर ऋतु के चलते सूर्य मकर में संचार कर रहा है, जबकि चंद्रमा कर्क में स्थित है। पंचांग के अनुसार, शुक्ल पक्ष पूर्णिमा 3:40 AM तक तक सक्रिय रहेगी, इसके बाद अगली तिथि प्रारंभ होगी। आज का नक्षत्र पुष्य है, जो 11:59 PM तक तक रहेगा, इसके पश्चात अगला नक्षत्र आरंभ होगा। आज का योग प्रीति है, जो 10:18 AM तक तक प्रभावी रहेगा। दिन की शुरुआत में करण विष्टि है, जो 4:46 PM तक तक रहेगा।

Varanasi, Uttar Pradesh, India में आज सूर्योदय 6:42 AM पर और सूर्यास्त 5:43 PM पर होगा, जो दिन की आध्यात्मिक लय को परिभाषित करता है। चंद्रमा का उदय 5:10 PM पर और अस्त 6:13 AM पर होगा। दिशाओं की दृष्टि से आज दिशा शूल पश्चिम दिशा में है, अतः इस दिशा में यात्रा से बचना चाहिए। यदि यात्रा अनिवार्य हो, तो घर से निकलने से पहले अदरक या गुड़ का सेवन करने जैसे पारंपरिक उपाय अपनाने की सलाह दी जाती है। आज चंद्रमा उत्तर दिशा में स्थित है, जो मानसिक स्पष्टता और भावनात्मक ऊर्जा को प्रभावित करता है।

दिन का सबसे शुभ समय अभिजीत मुहूर्त 11:50 AM से 12:34 PM के बीच आता है, जो किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत या आध्यात्मिक साधना के लिए उत्तम है। हालांकि, कुछ अशुभ कालों से बचना चाहिए। राहुकाल 4:20 PM से 5:43 PM, गुलिक काल 2:58 PM से 4:20 PM, और यमगंड काल 7:28 AM से 8:53 AM के दौरान नए कार्यों की शुरुआत करना वर्जित माना जाता है।

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आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang)

पंचांग हिंदू धर्म में समय और तिथियों को समझने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण साधन है। यह भारतीय ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर दिन के सभी प्रमुख पहलुओं की जानकारी प्रदान करता है। आज के दिन की गतिविधियों को सफल और शुभ बनाने के लिए पंचांग का उपयोग करना अत्यंत लाभकारी होता है। इसमें प्रमुख रूप से तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण, शुभ मुहूर्त, सूर्योदय और सूर्यास्त की जानकारी होती है। आइए जानते हैं आज के पंचांग की विस्तार से जानकारी।

तिथि

तिथि पंचांग का एक प्रमुख हिस्सा होती है। तिथि से यह ज्ञात होता है कि चंद्रमा की स्थिति किस प्रकार की है और आज का दिन कौन सा है। हिंदू धर्म में हर तिथि का अपना महत्व है, जैसे एकादशी व्रत, पूर्णिमा या अमावस्या पर विशेष पूजा और व्रत किए जाते हैं। आज की तिथि जानकर आप अपने धार्मिक कार्यों को सही समय पर कर सकते हैं।

वार

वार यानी सप्ताह का दिन। पंचांग के अनुसार, हर वार का भी अपना महत्व होता है। जैसे सोमवार को भगवान शिव की पूजा की जाती है, मंगलवार को हनुमानजी का दिन माना जाता है। वार से यह पता चलता है कि आज किस देवता की पूजा-अर्चना की जानी चाहिए ताकि दिन शुभ रहे।

नक्षत्र

नक्षत्र चंद्रमा की स्थिति को दर्शाते हैं। पूरे दिन में कौन सा नक्षत्र चल रहा है, इसका ज्ञान पंचांग से होता है। शुभ कार्यों के लिए नक्षत्र का विशेष महत्व होता है। कुछ नक्षत्र शुभ होते हैं जिनमें शादी, गृह प्रवेश या अन्य मांगलिक कार्य किए जाते हैं, जबकि कुछ नक्षत्र अशुभ माने जाते हैं जिनमें इन कार्यों को टाला जाता है।

योग

पंचांग में योग भी शामिल होता है, जो कि समय के अनुसार बदलता रहता है। योग का ज्ञान शुभ-अशुभ घटनाओं का संकेत देता है। अगर आज कोई शुभ योग है, तो यह किसी विशेष कार्य की सफलता का सूचक हो सकता है। वहीं, अशुभ योग होने पर कार्य को स्थगित करना उचित माना जाता है।

करण

करण पंचांग का वह हिस्सा है जो तिथि को दो हिस्सों में विभाजित करता है। यह बताता है कि किस समय का उपयोग शुभ कार्यों के लिए किया जा सकता है। करण का सही ज्ञान होने से आप अपने दिन को बेहतर बना सकते हैं और अनुकूल समय में अपने कार्यों को संपन्न कर सकते हैं।

शुभ मुहूर्त

आज का पंचांग शुभ मुहूर्त की जानकारी भी देता है। हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। चाहे वह विवाह हो, व्यापार का आरंभ हो या फिर कोई धार्मिक अनुष्ठान हो, शुभ मुहूर्त जानकर आप अपने कार्यों को सफल बना सकते हैं। पंचांग में दिन के अनुसार, सबसे शुभ समय को बताया जाता है जिसे 'अभिजीत मुहूर्त' भी कहा जाता है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

आज के पंचांग में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का भी विशेष उल्लेख होता है। हिंदू धर्म में सूर्योदय और सूर्यास्त के समय का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व होता है। सूर्योदय के समय किए गए धार्मिक कार्य अधिक फलदायी होते हैं। साथ ही, शाम के समय सूर्य को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है।

आज का चंद्रमा और चंद्रदर्शन

पंचांग में चंद्रमा की स्थिति और चंद्रदर्शन की जानकारी भी दी जाती है। आज का चंद्रमा किस राशि में है और किस समय उगेगा, इसका विवरण पंचांग में दिया जाता है। व्रत या उपवास रखने वाले लोगों के लिए चंद्रदर्शन का विशेष महत्व होता है।

पंचांग के लाभ क्या हैं?

पंचांग एक पारंपरिक हिंदू कैलेंडर है, जो पांच मुख्य तत्त्वों तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण का समन्वय करता है। ये सभी तत्व मिलकर दिन की गुणवत्ता और ऊर्जा को निर्धारित करते हैं। पंचांग का उपयोग ब्रह्मांडीय प्रभावों को समझने और अपने कार्यों को उनके अनुरूप ढालने के लिए किया जाता है।

पंचांग का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह शुभ और अशुभ समय की पहचान करने में मदद करता है। विवाह, यात्रा, नए कार्यों की शुरुआत या धार्मिक अनुष्ठानों के लिए उपयुक्त समय जानने के लिए पंचांग मार्गदर्शन करता है। यह सूर्योदय, सूर्यास्त, चंद्रोदय और चंद्रास्त जैसे विवरण भी देता है, जो व्रत और पूजाओं के लिए आवश्यक होते हैं।

हमें प्रतिदिन पंचांग क्यों देखना चाहिए?

प्रतिदिन पंचांग देखने से हम अपने दैनिक जीवन को प्रकृति की लय के अनुरूप ढाल सकते हैं। यह राहुकाल, गुलिक काल और यमगंड जैसे अशुभ समयों से सतर्क करता है, जब कोई नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए।

पंचांग का अनुसरण कर हम अनावश्यक समस्याओं से बच सकते हैं और अपने कार्यों की सफलता को बढ़ा सकते हैं। यह विशेष रूप से साधकों, ज्योतिषियों, किसानों और प्रकृति से सामंजस्य में जीने वालों के लिए अत्यंत उपयोगी है। संक्षेप में, पंचांग एक ब्रह्मांडीय योजनाकर्ता की तरह काम करता है, जो हमें एक सोच-समझकर, सफल और आध्यात्मिक रूप से संतुलित जीवन जीने में मदद करता है।

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श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 100 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

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