देवी सीता का जन्म बिहार के मिथिला में वैशाख शुक्ल नवमी को हुआ था, इसलिए इसे सीता जयंती के रूप में मनाया जाता है। सीता जयंती को सीता नवमी या जानकी नवमी के नाम से भी जाना जाता है। देवी लक्ष्मी का अवतार मानी जाने वाली मां सीता को भगवान राम के प्रति उनकी निष्ठा, भक्ति एवं त्याग के लिए पूजा जाता है। मान्यता है कि इस शुभ दिन पर सीता अष्टोत्तर शतनामावली जाप करने से वैवाहिक जीवन के समस्याओं से मुक्ति मिलती है और खुशहाली आती है। इस जाप में देवी सीता के 108 नाम शामिल हैं जो उनके गुणों एवं शक्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। दिनांक 16 मई 2024 को इस सीता जयंती पर अयोध्या के श्री प्राचीन राज द्वार मंदिर में विशेष पूजा आयोजित की जाएगी। श्रीमंदिर के माध्यम से इसमें भाग लें।