🙏 महादेव और माता पार्वती के विवाह स्थल पर किया गया यह अनुष्ठान कितना प्रभावशाली माना जाता है? 🙏
🕉️ 2026 के पहले सोमवार को शिव और शक्ति के दिव्य मिलन से प्रेम और सामंजस्य से भरे वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त करने का पावन अवसर। 🤝
🤝 भारत में भगवान शिव को समर्पित अनेक मंदिर हैं, किंतु कुछ स्थल विशेष आध्यात्मिक महत्व रखते हैं। ऐसा ही एक अत्यंत पवित्र स्थान है उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में स्थित त्रियुगीनारायण मंदिर, जिसे भगवान श्री शिव और माता पार्वती के दिव्य विवाह का साक्षी माना जाता है। यहां प्रज्वलित अखंड अग्नि को उनके पवित्र विवाह संस्कार का साक्षी कहा जाता है। क्योंकि यह मंदिर दांपत्य एकता और साथ के भाव का प्रतीक माना जाता है, इसलिए यहां जीवनसाथी के साथ मिलकर संयुक्त संकल्प के साथ पूजन करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। वेदों के अनुसार त्रियुगीनारायण मंदिर की स्थापना त्रेतायुग से मानी जाती है। आज भी श्रद्धालु यहां सुखमय और सामंजस्यपूर्ण वैवाहिक जीवन की कामना से पूजा अर्चना करते हैं।
वर्ष के पहले सोमवार से अधिक शुभ अवसर और क्या हो सकता है, जब भगवान शिव और माता पार्वती की संयुक्त उपासना की जाए। इसी कारण श्री मंदिर के माध्यम से शिव पार्वती विवाह पूजन, देवी माहात्म्य पाठ और अर्धनारीश्वर पूजा का आयोजन शिव शक्ति के इस पावन मिलन स्थल पर किया जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि यह अनुष्ठान आपसी संबंधों में प्रेम, सौहार्द और मधुरता को बढ़ाने में सहायक होता है। भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हिंदू धर्म में दिव्य एकता का प्रतीक माना जाता है। यह पावन कथा प्रेम, समर्पण और त्याग के शाश्वत बंधन को दर्शाती है। इसलिए शिव पार्वती विवाह माहात्म्य कथा का पाठ सुखी और समृद्ध वैवाहिक जीवन के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना गया है।
साथ ही अर्धनारीश्वर स्वरूप भगवान शिव और माता पार्वती की अविभाज्य एकता का प्रतीक है, जिसमें आधा स्वरूप शिव का और आधा शक्ति का है। मान्यता है कि अर्धनारीश्वर की उपासना से दांपत्य जीवन में संतुलन और सामंजस्य का भाव जाग्रत होता है। शास्त्रों के अनुसार जिन लोगों को विवाह में बाधाएं, जीवनसाथी प्राप्ति में विलंब या दांपत्य संबंधों में संघर्ष का अनुभव होता है, उनके लिए अर्धनारीश्वर पूजा विशेष रूप से उपयुक्त मानी जाती है। यह धारणा है कि इस पावन अनुष्ठान से वैवाहिक जीवन में आनंद और स्थिरता का मार्ग प्रशस्त होता है।
✨ श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा में सहभागी बनें और शिव शक्ति के पावन स्थल पर भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा से वैवाहिक सुख, प्रेम और सामंजस्य से परिपूर्ण जीवन की भावना को सुदृढ़ करें। ✨