😔 क्या आपने कभी सोचा है कि पारिवारिक झगड़े क्यों खत्म नहीं होते, आर्थिक परेशानियाँ क्यों बनी रहती हैं, या कुछ समस्याएँ पीढ़ी दर पीढ़ी क्यों दोहराई जाती हैं?
प्राचीन ज्ञान के अनुसार, ऐसी परेशानियाँ हमेशा संयोग नहीं होतीं। ये अक्सर अशांत पितृ शक्तियों का असर भी हो सकती हैं। जब हमारे पूर्वज अशांत रहते हैं, तो उनका आशीर्वाद सही रूप से नहीं मिलता और वंशजों को जीवन में रुकावट, विवाद और अशांति का सामना करना पड़ता है।
✨पितृ पक्ष की पवित्र कथा पुराणों में वर्णित है कि महाभारत में जब महान योद्धा कर्ण ने देह त्यागी, तो वे स्वर्ग पहुँचे। वहाँ उन्हें भोजन की जगह केवल सोना मिला। आश्चर्य से कर्ण ने कारण पूछा, तो देवताओं ने बताया कि उन्होंने जीवन में सोना और रत्न खूब दान किए थे, लेकिन कभी अपने पूर्वजों को भोजन नहीं दिया। दया करके, भगवान यम ने कर्ण को 15 दिनों के लिए पृथ्वी पर लौटने की अनुमति दी, ताकि वे श्राद्ध कर सकें और अपने पूर्वजों को तृप्त कर सकें। यही 15 दिन पितृ पक्ष के रूप में जाने जाते हैं जोकि पूर्वजों का सम्मान करने का सबसे पवित्र समय भी है। शास्त्रों में काशी को पितृ कार्यों के लिए सबसे पवित्र स्थान माना गया है। कहा जाता है कि यहाँ अर्पित चावल का एक दाना भी पितरों तक पहुँचकर उन्हें तृप्त करता है। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि पितृ पक्ष के दौरान काशी में पिंडदान और तर्पण जैसे अनुष्ठान दिवंगत आत्माओं को शांति देने और परिवार के कल्याण में सहायक होते हैं।
🌊 पिशाच मोचन कुंड में दैनिक अनुष्ठानों की शक्ति पितृ पक्ष के 15 दिनों तक पवित्र पिशाच मोचन कुंड में पूर्वजों की आत्माओं को सम्मान देने के लिए पिंडदान, तर्पण और मंत्रोच्चार के विशेष अनुष्ठान किए जाएँगे। हर शाम दिव्य गंगा आरती का आयोजन होगा, जहाँ माना जाता है कि प्रार्थनाएँ ज्वालाओं के साथ उठकर सीधे पूर्वजों तक पहुँचती हैं।
🌸 उपचार और सद्भाव का मार्ग जब पितरों को सच्चे मन से याद किया जाता है, तो बेचैन ऊर्जाएँ धीरे-धीरे आशीर्वाद में बदल जाती हैं। परिवारों को संघर्षों से राहत, जीवन की दिशा में स्पष्टता और घर में सामंजस्य का अनुभव हो सकता है। काशी में होने वाली इस पवित्र 15-दिवसीय महापूजा में शामिल होकर आप अपने पूर्वजों को शांति दे सकते हैं और अपने परिवार के लिए उनके आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
🙏 आप श्री मंदिर के माध्यम से इस पवित्र 15-दिवसीय महापूजा में शामिल होकर अपने जीवन में पितृ आशीर्वाद और पारिवारिक शांति को आमंत्रित कर सकते हैं।