तांत्रिक परंपराओं में भैरव पूजा को अत्यधिक शक्तिशाली और महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यता है कि देवी की अद्भुत कृपा प्राप्त करने के लिए सबसे पहले भैरव की पूजा करनी चाहिए। यही कारण है कि इस बार नवरात्रि के समापन पर श्री मंदिर भक्तों के लिए, भगवान भैरव के साथ सर्वशक्ति मां कामाख्या का आशीर्वाद पाने का एक सुनहरा अवसर लेकर आया है। इस महानवमी पर पहली बार होने वाले नवमी भैरव एवं देवी विशेष पूजा में भाग लें और जीवन के सभी कष्टों से निवारण पाएं। दिनांक 17 अप्रैल 2024 को होने वाली नवमी भैरव एवं देवी विशेष संयुक्त पूजा में श्री मंदिर के माध्यम से भाग लेकर आप एक साथ बटुक भैरव एवं मां कामाख्या का आशीष पाएं।