माँ तारा का अर्थ है- सितारा। ऐसा माना जाता है कि माँ तारा अज्ञान के अंधेरे में प्रकाश की तरह हैं। तारा जयंती एक पूजनीय तिथि के रूप में मनाया जाता है, इसदिन मां काली के दूसरे स्वरूप यानि मां तारा का जन्म हुआ था। पौराणिक कथा के अनुसार पृथ्वी की उत्पत्ति से पहले जब चारों ओर अंधकार फैला था, तब अंधकार की देवी मां काली थी तब घोर अंधकार से एक प्रकाश की किरण उत्पन्न हुई, जिन्हें मां तारा कहा गया। सौंदर्य और ऐश्वर्य की देवी तारा को मोक्षदायिनी भी माना गया है। माँ तारा को दस महाविद्याओं में से एक माना गया है। तारा जयंती के दिन माँ तारा की उपासना सर्वसिद्धिदायक मानी जाती है। मां तारा रात में प्रकट हुई थी इसलिए इनकी पूजा रात में अत्यंत लाभकारी मानी गई है। दिनांक 16 अप्रैल 2024, महाअष्टमी पर पहली बार होने वाली अर्धरात्रि विशेष महायज्ञ से भक्तों को नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा एवं विनाश का आशीष प्राप्त होता है।