हिंदु धर्म में कालाष्टमी तिथि भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव को समर्पित है। इस तिथि पर मां काली की भी पूजा शुभ मानी जाती है, क्योंकि जिस प्रकार बाबा काल भैरव, भगवान शिव के रौद्र रूप है, उसी प्रकार मां काली भी देवी पार्वती का रौद्र रूप है। दस महाविद्याओं में मां काली प्रथम महाविद्या है। देवी भागवत पुराण के अनुसार, माँ काली के विभिन्न सौम्य और उग्र रूपों की पूजा दस महाविद्याओं के रूप में की जाती है। मां काली भगवान शिव के महाकाल रूप की शक्ति का प्रतीक हैं। ब्रह्मनील तंत्र में मां काली के दो रूपों का वर्णन किया गया है: प्रथम रूप रक्त-लाल काली है, जिसे 'सुंदरी' कहते हैं, द्वितीय रूप काली है जो काजल की तरह कृष्ण रंग की हैं, जिन्हें 'दक्षिणा' भी कहा जाता है। माना जाता है कि मां काली की पूजा नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करती है और आत्मविश्वास बढ़ाती है।
पौराणिक कथानुसार, रक्तबीज एक शक्तिशाली राक्षस था जिसे यह वरदान प्राप्त था कि उसके खून की हर बूंद से एक नया राक्षस पैदा हो सकता था। देवता उसे हराने में असमर्थ थे क्योंकि जब भी उसे घायल करते, उसका खून जमीन पर गिरते ही और राक्षस पैदा हो जाते। इससे रक्तबीज को हराना लगभग असंभव हो गया था। इस संकट को समाप्त करने के लिए, माँ काली प्रकट हुईं और उन्होंने अपनी जीभ फैलाकर युद्धभूमि पर फैला दी, जिससे रक्त की कोई भी बूंद जमीन पर नहीं गिरी। इस तरह, उन्होंने रक्तबीज को पुनर्जन्म से रोक दिया और उसे पराजित किया। शास्त्रों में मां काली को प्रसन्न करने के लिए दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एवं काली कवच पाठ को बहुत प्रभावशाली बताया गया है। माना जाता है कि इस अनुष्ठान को करने से मां काली प्रसन्न होता है और अपने भक्तों को अपना दिव्य आशीष प्रदान करती है। ऐसे में यदि यह अनुष्ठान कालाष्टमी तिथि पर किसी शक्तिपीठ में किया जाए तो यह और अधिक फलदायी हो सकता है। इसलिए कालाष्टमी के शुभ अवसर पर शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर में दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एवं काली कवच पाठ का आयोजन किया जा रहा है। यह मंदिर मां काली की पूजा के लिए सबसे शुभ शक्तिपीठ माना गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यहां देवी सती का दाहिने पैर की उंगली गिरी थी, जब भगवान शिव उनके शव को लेकर तांडव कर रहे थे। इस कारण, यह स्थल अत्यंत पवित्र 51 शक्तिपीठों में शामिल है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें मां काली द्वारा निडरता और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त करें।