ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि आप भय, मानसिक अस्थिरता या भावनात्मक अशांति का अनुभव कर रहे हैं, तो आप काल सर्प दोष से प्रभावित हो सकते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, काल सर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को सपने में सांप और मृत व्यक्ति दिखाई देने लगते हैं और उन्हें मानसिक अस्थिरता, अकेलेपन की भावना, बेवजह गुस्सा, बार-बार व्यापार में घाटा, रिश्तों में परेशानी और खराब स्वास्थ्य जैसी समस्याओं को सामना करना पड़ सकता है। काल सर्प दोष तब होता है जब कुंडली में सभी सात ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित होते हैं। इस दोष को ज्योतिष विद्या में सबसे अशुभ योगों में से एक माना गया है। माना जाता है कि इस दोष के कारण जीवन में अलगाव, हानि, लक्ष्यहीन, भटकाव और भ्रम जैसी भावना पैदा होती है, जो वैवाहिक जीवन और रिश्तों में बाधाएं उत्पन्न कर सकती है। जहां ज्योतिष शास्त्र में इस दोष के बारे में बताया गया है, वहीं उसमें इस दोष के निवारण का भी उपाय बताया गया है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दोष से राहत प्राप्त करने के लिए बुधवार के दिन काल सर्प दोष शांति पूजा करना चाहिए, क्योंकि बुधवार का दिन केतु को समर्पित है। यदि यह पूजा राहु पैठाणी मंदिर में की जाए तो यह और अधिक फलदायी हो सकती है, क्योंकि इस मंदिर में भगवान शिव के साथ राहु की भी पूजा की जाती है। इसलिए श्री मंदिर द्वारा बुधवार के दिन उत्तराखंड में स्थित राहु पैठाणी मंदिर में काल सर्प दोष शांति पूजा एवं शिव रुद्राभिषेक का आयोजन कराया जा रहा है। मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा करने से काल सर्प दोष से राहत मिलती है, क्योंकि काल सर्प दोष राहु और केतु ग्रह के कारण होता है और राहु एवं केतु दोनों ही भगवान शिव के उपासक हैं। यही कारण है कि यह पूजा राहु पैठाणी मंदिर में आयोजित की जा रही है। मान्यता है कि पांडवों ने भी इस मंदिर में भगवान शिव और राहु की पूजा की थी। आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और भगवान शिव द्वारा निडरता और मानसिक स्थिरता प्राप्त करने का आशीर्वाद प्राप्त करें।