✨ आखिर क्यों बड़ा मंगल को माना जाता है भगवान हनुमान और माँ काली की संयुक्त पूजा के लिए सबसे खास ?
हर मंगलवार भगवान हनुमान को समर्पित होता है, लेकिन ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को विशेष रूप से अत्यंत शक्तिशाली माना जाता है। इस माह के सभी मंगलवार को "बड़ा मंगल" या "बुढ़वा मंगल" कहा जाता है और इन्हें सुरक्षा, बल और मनोकामनाओं की पूर्ति का विशेष दिन माना जाता है। रामायण के अनुसार, जब भगवान श्रीराम माता सीता की खोज में थे, तब हनुमान जी साधु वेश में पहली बार ऋष्यमूक पर्वत के निकट उनसे मिले थे। ऐसा विश्वास है कि यह दिव्य भेंट ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को हुई थी, जिससे हनुमान जी की भगवान राम के प्रति अटूट भक्ति का आरंभ हुआ। इस बार का मंगलवार इसलिए भी विशेष है, क्योंकि इसी दिन कालाष्टमी भी पड़ रही है। इस योग के कारण यह दिन मां गुह्य काली की आराधना के लिए भी अत्यंत फलदायी माना गया है। यह तिथि भगवान हनुमान और मां काली की संयुक्त कृपा प्राप्त करने का दुर्लभ अवसर मानी जाती है।
🔱 जब हनुमान जी ने किया था माँ काली की शक्तियों का आह्वान
पुराणों के अनुसार, पाताल लोक के राक्षस तांत्रिक अहिरावण और महिरावण ने रावण के आदेश पर भगवान श्रीराम और लक्ष्मण का अपहरण कर उन्हें बलि चढ़ाने की योजना बनाई थी। उस समय वानर सेना तांत्रिक जादू से गहरी नींद में थी, लेकिन हनुमान जी जागते रहे और पाताल लोक की ओर प्रस्थान किया। वहाँ पहुंचकर उन्होंने देखा कि राक्षसों का अंत तभी संभव है जब पाँचों दिशाओं में जल रहे दीपों को एक साथ बुझाया जाए। हनुमान जी ने माँ काली का आह्वान किया, जिन्होंने उन्हें अपना पंचमुखी स्वरूप प्रदान किया। पंचमुख रूप में हनुमान जी ने एक साथ पाँच मुखों से दीप बुझाए और राक्षसों का संहार कर डाला। माँ काली के आशीर्वाद से, हनुमान जी ने अहिरावण और महिरावण का वध कर भगवान राम और लक्ष्मण को सुरक्षित लौटाया। इस बड़े मंगल पर, यदि आप भी बाधाओं, भय और कठिन परिस्थितियों से मुक्ति चाहते हैं, तो श्री मंदिर के माध्यम से कालीघाट मंदिर में आयोजित पंचमुखी हनुमान और माँ काली पूजा में अवश्य भाग लें।