🪔 सनातन में शरद पूर्णिमा के शुभ काल में मस्तक पर चंद्रमा से सुशोभित महादेव के चंद्रमौलीश्वर अवतार की आराधना बेहद फलदायी मानी गई है। कहते हैं कि इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण आभा और दिव्य शीतलता के साथ धरती को आशीर्वाद देता है और अमृत वर्षा करता है। इस विशेष रात्रि में यदि चंद्र-मौलीश्वर पूजन और महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाए तो जीवन के सभी छोटे-बड़े कष्ट दूर हो सकते हैं। इस दिव्य काल में श्री मंदिर द्वारा 11 हजार महामृत्युंजय मंत्र जाप होने जा रहा है, जो परिवार में शांति, आत्मबल और सौभाग्य के बंद दरवाजे खोल सकता है।
चंद्रमौलीश्वर की आराधना:
🪔 महादेव के शीश पर चंद्रमा का महत्व बहुत पुराना है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान निकले विष के कारण शिव जी का शरीर गर्म हो गया था, जिसे शांत करने के लिए देवताओं ने उनसे चंद्रमा को धारण करने का अनुरोध किया, क्योंकि चंद्रमा शीतलता का प्रतीक है। इसलिए, शरद पूर्णिमा जैसे शुभ अवसर पर अडिग जीवनशक्ति और आत्मबल का आशीर्वाद पाने के लिए महादेव के इस दिव्य स्वरूप की आराधना की जाती है। विद्वानों का विश्वास है कि जब इस अनुष्ठान में 11 हजार महामृत्युंजय मंत्र जाप की शक्ति जुड़ती है तो प्रभाव सामान्य से कहीं ज्यादा बढ़ जाता है।
🪔 शास्त्रों में शरद पूर्णिमा पर 11 हजार महामृत्युंजय मंत्र जाप करना अत्यंत शुभ और कल्याणकारी माना गया है। इस रात चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं के साथ अमृत वर्षा करता है, जिससे मंत्रों की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है। महामृत्युंजय मंत्र शिवजी का महा-मंत्र है, जो आयु वृद्धि, रोग नाश और अकाल मृत्यु से रक्षा कर सकता है। शरद पूर्णिमा पर इस मंत्र का 11 हजार बार जप करने से भक्तों को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति की दिशा मिलती है। यह अनुष्ठान जीवन से भय, संकट और नकारात्मकता को दूर कर परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का मार्ग दिखा सकता है। चुनौतीपूर्ण समय में जीवन शक्ति और आंतरिक मजबूती के लिए विद्नान पुरोहितों द्वारा प्रयागराज के श्री सोमेश्वर महादेव मंदिर में यह अनुष्ठान संपन्न कराया जाएगा।
🔱 श्री मंदिर द्वारा महादेव के शरद पूर्णिमा अनुष्ठान में भाग लेने का अवसर हाथ से न जाने दें 🔱