✨नववर्ष में अच्छे स्वास्थ्य और तनाव मुक्त जीवन का आशीर्वाद पाना चाहते हैं? 🙏
🕉️ आखिर कौन है धन्वंतरि देव?✨
साल 2025 नववर्ष की शुरुआत में पहले सोमवार को भगवान शिव की पूजा करना अत्यंत फलदायी हो सकता है। भगवान शिव को सोमवार का दिन अत्यंत प्रिय है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की अराधना करने से वो शीघ्र प्रसन्न होते हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, चंद्रदेव ने इसी दिन भगवान शिव की आराधना करके अपने रोग से मुक्ति पाई थी। शास्त्रों के अनुसार, चंद्रदेव ने महामृत्युंजय मंत्र का जाप करके निरोगी काया का आशीर्वाद प्राप्त किया था। ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से भगवान शिव से अच्छे स्वास्थ्य और तनावमुक्त जीवन का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। इसके अलावा, यदि इस मंत्र जाप के साथ धन्वंतरि देव का हवन किया जाए तो यह अनुष्ठान कई गुना फलदायी माना जाता है।
पौराणिक कथाओं में भगवान धन्वंतरि का उल्लेख मिलता है। उन्हें आयुर्वेद और चिकित्सा का ज्ञान था और वे विष्णु जी के अवतार माने जाते हैं। समुद्र मंथन से प्रकट होने के बाद जब धनवंतरि ने विष्णु जी से अपना पद मांगा तो विष्णु जी ने कहा कि तुम्हें आने में थोड़ा विलंब हो गया। तुम द्वितीय द्वापर युग में पृथ्वी पर राजकुल में जन्म लोगे और तीनों लोक में तुम प्रसिद्ध और पूजित होगे। इस वर के कारण ही द्वितीय द्वापर युग में काशी में संस्थापक भगवान शिव की नगरी में काशी नरेश राजा काश के पुत्र धन्व की संतान के रूप में भगवान धनवंतरि ने जन्म लिया। जिसके बाद भारद्वाज से उन्होंने आयुर्वेद को पुनः ग्रहण करके उसे आठ अंगों में बांटा। भगवान धनवंतरि को समस्त रोगों के चिकित्सा की पद्धति ज्ञात थी। शास्त्रों में वर्णित है कि महामृत्युंजय मंत्र जाप और धन्वंतरि देव को समर्पित हवन करने से जीवन में आरोग्यता, दीर्घायु और तनावमुक्त जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। नववर्ष के पहले सोमवार के शुभ अवसर पर श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में 11,000 महामृत्युंजय मंत्र जाप और धन्वंतरि हवन का आयोजन किया जा रहा है। आप भी इस विशेष अनुष्ठान में श्री मंदिर के माध्यम से भाग लें और भगवान शिव व धन्वंतरि देव का आशीर्वाद प्राप्त कर अपने स्वास्थ्य को बेहतर और तनावमुक्त बनाएं।