😔 क्या विवाह में देरी या रिश्तों में चुनौतियाँ आपको परेशान कर रही हैं? माँ कत्यायनी का दिव्य आशीर्वाद बन सकता है आपकी इन समस्याओं का समाधान
नवरात्रि का समय माँ दुर्गा की उपासना का सबसे पवित्र अवसर माना जाता है। इन नौ दिनों में श्रद्धालु देवी के नौ स्वरूपों की पूजा करके जीवन की बाधाओं को दूर करने और सुख, शांति व समृद्धि की कामना करते हैं। ऐसा विश्वास है कि इस अवधि में की गई साधना से नकारात्मक शक्तियाँ कम होती हैं और भक्तों के जीवन में नई ऊर्जा व उत्साह का संचार होता है। इन्हीं नौ दिनों में छठा दिन विशेष महत्व रखता है, जिसे षष्ठी तिथि कहा जाता है। यह दिन माँ कात्यायनी की पूजा को समर्पित है और खासतौर पर वैवाहिक जीवन और रिश्तों में सामंजस्य के लिए शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस तिथि पर की गई साधना से जीवन की अनेक रुकावटें दूर होती हैं और मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। भक्त श्रद्धा भाव से इस दिन देवी का स्मरण कर उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं।
शास्त्रों के अनुसार माँ कात्यायनी देवी दुर्गा का छठा स्वरूप हैं। उनका नाम महर्षि कात्यायन के नाम पर पड़ा, जिन्होंने कठोर तपस्या कर माँ को प्रसन्न किया था। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर देवी ने महर्षि कात्यायन के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया और इसीलिए वे कात्यायनी कहलाईं। ऐसा माना जाता है कि उनकी आराधना से अविवाहित कन्याओं को योग्य जीवनसाथी प्राप्त होता है और विवाहित लोग वैवाहिक जीवन में प्रेम और सुख का अनुभव करते हैं। माँ की कृपा से शत्रुओं पर विजय, आत्मबल और साहस की प्राप्ति भी होती है।
इसी पावन तिथि पर इस वर्ष कटरा के नवदुर्गा मंदिर में माँ कात्यायनी शक्ति पूजा और 10,000 नर्वाण मंत्र जाप का विशेष आयोजन हो रहा है। मान्यता है कि यहाँ की गई प्रार्थनाएँ शीघ्र ही माँ तक पहुँचती हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन की कठिनाइयाँ दूर होती हैं। आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस अनुष्ठान में सम्मिलित होकर वैवाहिक सुख, रिश्तों में सामंजस्य और जीवन की बाधाओं से मुक्ति के लिए माँ कात्यायनी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।