🌕 पूर्णिमा पर पाएं भगवान विष्णु का आशीर्वाद, पाएं संपूर्ण समृद्धि 💰🌺🙏
पूर्णिमा का दिन हिंदू धर्म में ईश्वरीय आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। हमारे सनातन धर्म में इस दिन ब्रह्मांड के पालनकर्ता भगवान विष्णु की पूजा करने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि यदि कोई भक्त इस दिन श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान विष्णु की आराधना करता है, तो उसे सुख, समृद्धि और अपार धन की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए सबसे प्रभावशाली अनुष्ठान सत्यनारायण कथा और धन्वंतरि यज्ञ माने गए हैं।
✨एक ही पूजा से पाएं भगवान विष्णु का आशीर्वाद 🙏 — 💰 धन, 🩺 स्वास्थ्य, 🔱 पुण्य और 🌺 समग्र समृद्धि
प्राचीन कथाओं के अनुसार सत्यनारायण और धन्वंतरि दोनों ही भगवान विष्णु के स्वरूप हैं। सत्यनारायण कथा की महिमा स्वयं भगवान विष्णु ने ऋषि नारद को सुनाई थी। शास्त्रों में उल्लेख है कि इस कथा को करने से हजारों वर्षों के यज्ञ के समान पुण्य प्राप्त होता है। खासकर पूर्णिमा के दिन इस कथा को करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। इसी तरह धन्वंतरि को स्वास्थ्य और आरोग्य का देवता माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार समुद्र मंथन से निकलने के बाद भगवान धन्वंतरि ने भगवान विष्णु से एक स्थान मांगा। विष्णु ने उन्हें बताया कि वे थोड़ा देर से पहुंचे हैं, लेकिन उन्होंने उन्हें एक दिव्य वरदान दिया कि वे द्वापर युग में एक राजसी वंश में जन्म लेंगे और तीनों लोकों में पूजे जाएंगे। इस वरदान के अनुसार, द्वापर युग में भगवान धन्वंतरि ने काशी के राजा कश्यप के पुत्र के रूप में जन्म लिया, बाद में उन्होंने ऋषि भारद्वाज से आयुर्वेद का अध्ययन किया और औषधीय विज्ञान का व्यापक ज्ञान प्राप्त किया।
तिरुपति की पवित्र भूमि से भगवान विष्णु की दिव्य कृपा का आह्वान ✨🙏
ये अनुष्ठान तिरुपति के पवित्र श्री सिद्धि बुद्धि लक्ष्मी गणपति मंदिर में आयोजित किए जाएंगे। भगवान विष्णु को समर्पित सबसे प्रतिष्ठित तीर्थस्थलों में से एक, जो अपने शक्तिशाली आध्यात्मिक स्पंदनों के लिए जाना जाता है। भगवान वेंकटेश्वर के निवास के रूप में प्रसिद्ध इस स्थान को प्राचीन काल से एक शक्तिशाली आध्यात्मिक केंद्र माना जाता है, जहाँ प्रार्थना और अनुष्ठानों को विशेष दिव्य प्रभाव से संपन्न माना जाता है। इस पवित्र शहर में भगवान विष्णु को समर्पित अनुष्ठान करने से स्वतः ही धन, समृद्धि और प्रचुरता का आशीर्वाद मिलता है क्योंकि भगवान वेंकटेश्वर की उपस्थिति किसी भी वैदिक अनुष्ठान की शक्ति को बढ़ा देती है।