🕉️ भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने हेतु, घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग में रुद्राभिषेक कराएं और जीवन में पाएँ शांति व राहत 🔱
सोमवार का दिन भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन शिवलिंग का पूजन करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, मन शांत होता है और आत्मा की शुद्धि होती है। यह दिन ईश्वर से जुड़ने और अपने भीतर के भावों को जाग्रत करने का उत्तम अवसर होता है। इसी भावना के साथ भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में अंतिम और अति पूज्य घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग में विशेष रुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है। महाराष्ट्र के देवगिरि पर्वत के समीप स्थित यह पवित्र स्थल शिवभक्ति की अखंड परंपरा और अद्भुत श्रद्धा का प्रतीक है। धार्मिक कथाओं के अनुसार, घुश्मा नामक एक श्रद्धालु स्त्री की अखंड भक्ति से प्रसन्न होकर स्वयं भगवान शिव यहां प्रकट हुए थे और इस स्थान को अपना निवास बनाया था। तभी से यह स्थान 'घृष्णेश्वर' के नाम से विख्यात हुआ।
यह ज्योतिर्लिंग अपनी दिव्य शक्ति और आस्था की ऊर्जा के लिए प्रसिद्ध है। हर वर्ष असंख्य श्रद्धालु यहाँ आकर अपनी समस्याओं से मुक्ति और आध्यात्मिक शांति की कामना करते हैं। इस विशेष रुद्राभिषेक में जल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से शिवलिंग का अभिषेक किया जाएगा। साथ ही वेदमंत्रों से रुद्रपाठ और अग्निहोत्र विधि अनुसार हवन भी सम्पन्न होगा। यह अनुष्ठान विशेष रूप से उन भक्तों के लिए सहायक माना जाता है, जो मानसिक तनाव, शारीरिक दुर्बलता, पारिवारिक कलह या आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, घृष्णेश्वर में विधिपूर्वक किया गया रुद्राभिषेक साधक को मानसिक स्थिरता, आध्यात्मिक उन्नति और शिवकृपा का अनुभव कराता है। यहां की पूजा रोग, शोक और दरिद्रता जैसे कष्टों को दूर करने में सहायक मानी जाती है। यदि आप भी इस पुण्य सोमवार को भगवान शिव की भक्ति में मन लगाकर आत्मिक और मानसिक संतुलन प्राप्त करना चाहते हैं, तो श्री मंदिर के माध्यम से इस शुभ रुद्राभिषेक में सहभागी बनें और भगवान शिव का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करें।