क्या आप अपने घर और परिवार को बुरी नजर और नकारात्मकता से बचाने के लिए एक दिव्य सुरक्षा कवच चाहते हैं? 🛡️✨
साल की सबसे बड़ी एकादशी पर 11 ब्राह्मणों द्वारा सम्पन्न 11 घंटे के इस अनुष्ठान में भाग लेकर करें भगवान विष्णु के दिव्य रक्षा कवच का आह्वान 🔱🔥
निर्जला एकादशी को वर्ष की सभी एकादशियों में सबसे प्रभावशाली, पुण्यदायक और फलदायी माना गया है। इसे भीम एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। पुराणों के अनुसार, महाभारत काल में पांडवों में से भीम को उपवास करना अत्यंत कठिन लगता था। उन्होंने महर्षि वेदव्यास से प्रश्न किया कि बिना हर महीने व्रत किए वे सभी एकादशियों का पुण्य कैसे प्राप्त कर सकते हैं। तब वेदव्यास जी ने उन्हें निर्जला एकादशी का व्रत करने की सलाह दी। एक ऐसा व्रत जिसमें अन्न और जल दोनों का त्याग किया जाता है। भीम ने इस कठिन व्रत का पालन किया और उन्हें समस्त एकादशियों का पुण्य प्राप्त हुआ। तभी से इस व्रत को 'भीम एकादशी' भी कहा जाने लगा। ऐसी मान्यता है कि इस दिन का आध्यात्मिक प्रभाव अत्यंत प्रबल होता है। यह एक अदृश्य दिव्य सुरक्षा कवच की तरह कार्य करता है, जो नकारात्मक ऊर्जा, बुरी नजर और अदृश्य विघ्नों से जीवन की रक्षा करता है।
इसीलिए इस पावन अवसर पर श्री मंदिर एक विशेष अनुष्ठान का आयोजन कर रहा है। 11 घंटे का विष्णु इस महायज्ञ में भगवान विष्णु के 1000 पावन नामों का जाप लगातार 11 घंटे तक रिले पद्धति से किया जाएगा। हर चरण के बाद अग्नि में विशेष वैदिक आहुतियाँ समर्पित की जाएंगी। प्रत्येक नाम स्वयं में एक दिव्य ऊर्जा है, और जब यह नाम सामूहिक रूप से, शुद्ध श्रद्धा और विधि-विधान से उच्चारित होते हैं, तो वे जीवन, घर और परिवार के चारों ओर सुरक्षा का एक सूक्ष्म लेकिन अटूट घेरा बना देते हैं। 11 ब्राह्मणों द्वारा 11 घंटे तक सम्पन्न होने वाला यह विशेष अनुष्ठान ‘एकादश रुद्रों’ का प्रतीक है, जो दिशाओं के हर कोण में सुरक्षा की स्थापना करता है। यह यज्ञ विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो मानसिक, आर्थिक या पारिवारिक अस्थिरता से जूझ रहे हैं, या जो जीवन में किसी नए आरंभ से पहले दिव्य ऊर्जा की रक्षा चाहते हैं।
आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस पावन अनुष्ठान का भाग बनें और अपने जीवन में स्थिरता, शुभता तथा आध्यात्मिक सुरक्षा को आमंत्रित करें।