💫 हिंदू धर्म में करवाचौथ का त्योहार और व्रत पति-पत्नी के अटूट प्रेम, विश्वास और दीर्घायु की कामना से जुड़ा हुआ है। सनातन परंपरा में सुहागिन स्त्रियां सूर्योदय से चंद्रोदय तक निर्जला उपवास रखती हैं और संध्या के समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं। माना जाता है कि इस दिन किए जाने वाले अनुष्ठानों से पति की आयु बढ़ती है, वैवाहिक जीवन में सौहार्द और समृद्धि बनी रहती है। करवाचौथ केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि परिवार और संबंधों को और ज्यादा मजबूती देने का अवसर भी है। इसलिए, इस ख़ास दिन मां विंध्यवासिनी धाम में 1 लाख 25 हजार वैवाहिक जीवन सुख प्राप्ति मंत्र और हवन होने जा रहा है, जो रिश्तों में पहले जैसी मिठास और बेहतर सामंजस्य का आशीर्वाद दे सकता है।
करवाचौथ की कथा:
💫 करवाचौथ की एक कथा महाभारत से जुड़ी हुई है, जिसमें द्रौपदी ने अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए व्रत किया था। इस कथा के अनुसार, जब पांडव वनवास पर थे, तब द्रौपदी ने भगवान श्री कृष्ण से अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना की। श्री कृष्ण ने उन्हें करवाचौथ का व्रत करने की सलाह दी। द्रौपदी ने इस व्रत को पूरी श्रद्धा और भक्ति से किया, जिससे पांडवों की विजय और उनकी वापसी की राह मजबूत हुई। इस व्रत के माध्यम से द्रौपदी ने अपनी आस्था और प्रेम को दिखाया, जो आज भी सुहागिनों द्वारा निभाया जाता है। मान्यता है कि जब इस व्रत के साथ 1 लाख 25 हजार वैवाहिक जीवन सुख प्राप्ति मंत्र की शक्ति जुड़ती है तो इसका फल कई गुना हो जाता है।
💫 ज्योतिष शास्त्र में करवाचौथ पर 1,25,000 वैवाहिक जीवन सुख प्राप्ति मंत्र का बड़ा महत्व माना गया है। यह पूजा पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाने और उनके जीवन में सुख-शांति बढ़ाने का अवसर है। इस दिन विद्वान पुरोहितों द्वारा विशेष रूप से 1,25,000 बार वैवाहिक सुख के लिए मंत्रोच्चारण किया जाएगा। मंत्र का जाप करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम, समर्पण और मिठास लौट सकती है। साथ ही जीवनसाथी के स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए मां का दिव्य आशीर्वाद मिलता है। इस मंत्र का उच्चारण न केवल वैवाहिक सुख को बढ़ा सकता है, बल्कि रिश्ते में सुख-शांति और पहले जैसी मधुरता आ सकती है।
⛺ श्री मंदिर द्वारा घर बैठे 1,25,000 वैवाहिक जीवन सुख प्राप्ति मंत्र जाप एवं हवन में भाग लेकर करवाचौथ पूजा को और ज्यादा फलदायी बनाने का अवसर हाथ से न जाने दें।