⚔️इस कालाष्टमी शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर में होने जा रहा है सम्पूर्ण सुरक्षा महायज्ञ
इस विशेष अवसर के भागी बन आप भी पा सकते हैं अपने और अपने परिवार के लिए दिव्य सुरक्षा कवच का त्रिदेव आशीर्वाद ⚔️
कालाष्टमी, जिसे भैरवाष्टमी भी कहा जाता है, भगवान काल भैरव को समर्पित पावन तिथि है। यह हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आती है, लेकिन आश्विन मास की कालाष्टमी का विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन किया गया हवन, जाप और विशेष पूजा नकारात्मक प्रभावों को कम करता है और जीवन में नई सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। शास्त्रों में कालाष्टमी को साधना, आत्मचिंतन और ईश्वर से जुड़ने का श्रेष्ठ समय बताया गया है। इस दिन किए गए धार्मिक कार्य का असर अन्य दिनों की तुलना में अधिक माना जाता है, क्योंकि यह समय आध्यात्मिक जगत के लिए सबसे ग्रहणशील होता है। इसलिए, इस विशेष अवसर पर शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर में श्री हनुमान, भगवान भैरव और माँ काली संपूर्ण सुरक्षा महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।
भगवान भैरव, भगवान शिव का उग्र और रक्षक रूप हैं। उन्हें काशी का कोतवाल कहा जाता है, जो अपने भक्तों को बुरी शक्तियों, अदृश्य संकटों और अशुभ प्रभावों से बचाते हैं। मान्यता है कि उनकी आराधना से जीवन में सुरक्षा का एक मजबूत कवच बनता है, जो हर दिशा से रक्षा करता है। श्री हनुमान शक्ति, साहस और भक्ति के प्रतीक हैं। रामायण में उनके अद्भुत पराक्रम, जैसे समुद्र पार करना और लंका दहन, आज भी प्रेरणा देते हैं। कालाष्टमी पर उनकी पूजा से भय और बाधाओं से मुक्ति मिलती है और मनोबल बढ़ता है।
वहीं माँ काली को नकारात्मक शक्तियों के नाश और समय के नियंत्रण की देवी माना जाता है। उन्होंने रक्तबीज जैसे दैत्यों का अंत कर देवताओं और भक्तों को सुरक्षित किया। कालाष्टमी की रात माँ काली की आराधना करने से भीतर और बाहर की नकारात्मकता दूर होती है और मानसिक स्थिरता आती है। इन तीनों दिव्य शक्तियों का संयुक्त आह्वान कालाष्टमी की विशेष ऊर्जा के साथ मिलकर ऐसा वातावरण बनाता है, जो जीवन से नकारात्मकता को दूर कर सुरक्षा, आत्मबल और मन की शांति प्रदान करता है।
आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस अनुष्ठान का हिस्सा बन सकते हैं और कालाष्टमी के इस अवसर पर इन तीनों शक्तियों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। 🙏