हिंदू धर्म में भाद्रपद यानि भादो माह का विशेष महत्व माना गया है। ये चातुर्मास का दूसरा महीना है और इसी माह में भगवान विष्णु ने धरती पर कृष्ण अवतार में जन्म लिया था। इसलिए इस पावन माह में किसी भी धार्मिक अनुष्ठान का प्रभाव अत्यधिक होता है। वहीं इस माह पड़ने वाली शनि त्रयोदशी पर हनुमान जी एवं शनिदेव की पूजा करना लाभकारी हो सकता है। यह दिन शनि देव और हनुमान जी को समर्पित अनुष्ठान और पूजा करने के लिए विशेष रूप से शुभ है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से न केवल दैवीय कृपा मिलती है बल्कि शनि के दुष्प्रभावों को दूर करने, चुनौतियों से मुक्ति दिलाने और समग्र कल्याण को बढ़ाने में भी मदद मिलती है। यदि यह पूजा उज्जैन में स्थित मायापति हनुमान मंदिर में की जाए तो यह अत्यंत फलदायी हो सकती है। माना जाता है कि इस मंदिर में हनुमान जी मायापति स्वरूप में विराजित हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब हनुमान घायल लक्ष्मण को बचाने के लिए संजीवनी बूटी लेने जा रहे थे, तो रास्ते में उनका सामना कालनेमि नामक राक्षस से हुआ। माया विद्या में निपुण कालनेमि ने अपनी माया से हनुमान को रोकने का प्रयास किया। हनुमान ने राक्षस की माया को समझकर उसे परास्त कर दिया, तब से हनुमान मायापति के नाम से जाने जाते हैं और मायापति हनुमान मंदिर में उन्हें इसी रूप में पूजा जाता है। जिस तरह हनुमान ने लक्ष्मण के लिए संजीवनी बूटी लाकर उनकी जान बचाई थी, उसी तरह इस मंदिर में मृत संजीवनी मंत्र का जाप करने से भक्तों को अच्छे स्वास्थ्य और बाधाओं से सुरक्षा मिलती है। शनि त्रयोदशी के दिन पर इस मंत्र का जाप करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
वहीं अन्य प्रचलित कथा के अनुसार, त्रेतायुग में रावण ने अन्य ग्रहों के साथ शनि देव को भी बांध लिया था। कुछ समय बाद जब हनुमान जी माता सीता की खोज में लंका पहुंचे तो उन्होंने शनि देव को भी रावण की कैद से मुक्त कराया। कृतज्ञता से भरे शनि देव ने हनुमान जी से वादा किया कि उनके भक्तों पर उनके बुरे प्रभाव नहीं पड़ेंगे। ऐसे में इस मंदिर में शनि त्रयोदशी के दिन 1008 मृत संजीवनी मंत्र जाप, 1008 शनि मूल मंत्र जाप और हवन करना अत्यंत फलदायी हो सकता है। इस बार शनि त्रयोदशी शनिवार के दिन ही पड़ रही है और इस दिन शनिदेव द्वारा शासित पुष्य नक्षत्र भी लग रहा है, जिससे इस पूजा का महत्व और बढ़ जाता है। इसलिए शनि त्रयोदशी और पुष्य नक्षत्र के शुभ संयोग पर उज्जैन स्थित मायापति हनुमान मंदिर में 1008 मृत संजीवनी मंत्र जाप, 1008 शनि मूल मंत्र जाप और हवन का आयोजन किया जाएगा। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और भगवान हनुमान और शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त करें।