बैसाखी 2025 में कब है? इस साल का खास दिन कब है और क्यों है यह पर्व इतना महत्वपूर्ण? जानें तिथि, महत्व और कैसे इस दिन का लाभ उठाकर आप अपना जीवन बेहतर बना सकते हैं।
बैसाखी पंजाब और उत्तर भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है, जो हर साल 13 या 14 अप्रैल को आता है। यह फसल कटाई का पर्व है और किसान इसे नए साल और नई फसल के आगमन के रूप में मनाते हैं। इस दिन गुरु गोबिंद सिंह जी ने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी, इसलिए यह सिख समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है।
हमारे देश के सिख समुदाय के लोग हर साल 13 या 14 अप्रैल को वैसाखी/बैसाखी पर्व का उत्सव मनाते हैं। यह पर्व वैसाख माह की शुरुआत को चिह्नित करता है।
इस वर्ष में यह पर्व 14 अप्रैल 2025, सोमवार को मनाया जाएगा।
बैसाखी को मुख्य रूप से नई फसल के आने की ख़ुशी में मनाया जाता है। साथ ही उत्तरी राज्यों जैसे कि उत्तराखंड, पंजाब, जम्मू, हिमाचल, हरियाणा, और उत्तरप्रदेश के कुछ क्षेत्रों में भी लोग वैसाखी को बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं। भारत के अन्य कई हिस्सों में वैशाखी को भारतीय सौर नव वर्ष की तरह भी देखा जाता है।
इतिहास के पन्नों को पलटा जाए तो 5297 वर्ष पूर्व राजा शक्तिकरण डोगरा, जिन्हें राजा शास्त्री के नाम से भी जाना जाता है, ने इसी दिन शास्त्री कैलेंडर उर्फ डोगरा-पहाड़ी कैलेंडर की शुरुआत की थी, इसलिए वैसाखी का डोगरा समुदाय से विशेष संबंध है।
वैसाखी का संबंध अब तक की सबसे भयावह घटना से भी है। जब ब्रिटिश अधिकारी रेजिनॉल्ड डायर ने अपने सैनिकों को वैसाखी का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए सैकड़ों लोगों को गोली मारने का आदेश दिया था। इस घटना को हम जलियांवाला बाग हत्याकांड के नाम से जानते हैं। यह नरसंहार भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में बहुत प्रभावशाली घटना साबित हुई।
वैसाखी सिख धर्म की एक महत्वूर्ण घटना से भी सम्बन्धित है। इस घटना के अनुसार 13 अप्रैल 1699 को सिख धर्म के दसवें गुरु ‘गुरु गोबिंद सिंह’ द्वारा खालसा पंथ की स्थापना की गई थी। इसी दिन उन्होंने पंज-प्यारे अर्थात ‘गुरु के सबसे प्रिय पांच शिष्य’ को खालसा के प्रवर्तन के लिए चुना था।
इसके साथ ही आगे चलकर रणजीत सिंह को वैसाखी से एक दिन पहले 12 अप्रैल 1801 को सिख साम्राज्य का महाराज घोषित किया गया और सिखों के लिए एक एकीकृत राज्य का निर्माण किया गया।
तो यह थी वैसाखी पर हमारी खास पेशकश। ऐसी ही अन्य जानकारी के लिए श्री मंदिर के साथ बने रहें।
यह वैसाखी आपके जीवन में शुभता लाएं। शुभ वैशाखी!
Did you like this article?
सीता नवमी 2025 कब है? जानें तिथि, महत्त्व और पूजन विधि। जानकी जन्मोत्सव पर करें मां सीता की पूजा और पाएं सुख-शांति का आशीर्वाद।
कूर्म जयंती 2025 कब है? जानें भगवान विष्णु के कूर्म अवतार की जयंती की तिथि, पूजा विधि और धार्मिक महत्त्व। समुद्र मंथन की कथा में इस अवतार की भूमिका का विशेष महत्व है।
छिन्नमस्ता जयंती 2025 कब है? जानें तांत्रिक साधना की देवी छिन्नमस्ता की जयंती तिथि, पूजा विधि और धार्मिक महत्त्व। यह दिन शक्ति उपासकों के लिए विशेष होता है।