image
downloadDownload
shareShare
ShareWhatsApp

Vindhyavasini Stuti

क्या आप माँ विंध्यवासिनी का आशीर्वाद और संरक्षण चाहते हैं? विंध्यवासिनी स्तुति से पाएं माँ की दिव्य कृपा – जानिए इसका पाठ और चमत्कारी लाभ।

विंध्यवासिनी स्तुति के बारे में

विंध्यवासिनी स्तुति देवी विंध्यवासिनी माता की महिमा का गुणगान करने वाली एक भक्तिपूर्ण प्रार्थना है। माता विंध्यवासिनी, जिन्हें देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है, उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के विंध्याचल पर्वत पर विराजमान हैं। उनकी स्तुति करने से जीवन में शक्ति, साहस और सुरक्षा की भावना जाग्रत होती है। यह स्तुति विशेष रूप से नवरात्रि और शुक्रवार के दिन की जाती है, जिससे मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

विंध्यवासिनि स्तुति का महत्व

विंध्यवासिनी स्तुति, जिसे विंध्येश्वरी स्तोत्र भी कहा जाता है, देवी विंध्यवासिनी को समर्पित एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है। यह स्तुति भक्तों को देवी के प्रति भक्ति और श्रद्धा व्यक्त करने में मदद करती है और उन्हें आध्यात्मिक शक्ति और सफलता प्रदान करती है। विंध्यवासिनी स्तुति के माध्यम से भक्त मां की कृपा, शक्ति और संरक्षण की याचना करता है। यह स्तुति मां के दुर्गा, लक्ष्मी और काली तीनों रूपों की आराधना का माध्यम है।

विंध्यवासिनी स्तुति

निशुम्भ शुम्भ गर्जनी,

प्रचण्ड मुण्ड खण्डिनी ।

बनेरणे प्रकाशिनी,

भजामि विन्ध्यवासिनी ॥

त्रिशूल मुण्ड धारिणी,

धरा विघात हारिणी ।

गृहे-गृहे निवासिनी,

भजामि विन्ध्यवासिनी ॥

दरिद्र दुःख हारिणी,

सदा विभूति कारिणी ।

वियोग शोक हारिणी,

भजामि विन्ध्यवासिनी ॥

लसत्सुलोल लोचनं,

लतासनं वरप्रदं ।

कपाल-शूल धारिणी,

भजामि विन्ध्यवासिनी ॥

कराब्जदानदाधरां,

शिवाशिवां प्रदायिनी ।

वरा-वराननां शुभां,

भजामि विन्ध्यवासिनी ॥

कपीन्द्न जामिनीप्रदां,

त्रिधा स्वरूप धारिणी ।

जले-थले निवासिनी,

भजामि विन्ध्यवासिनी ॥

विशिष्ट शिष्ट कारिणी,

विशाल रूप धारिणी ।

महोदरे विलासिनी,

भजामि विन्ध्यवासिनी ॥

पुंरदरादि सेवितां,

पुरादिवंशखण्डितम्‌ ।

विशुद्ध बुद्धिकारिणीं,

भजामि विन्ध्यवासिनीं ॥

विंध्यवासिनी स्तुति पाठ विधि

  • पाठ शुरू करने से पहले, अपने आसपास की जगह को साफ करें।
  • अपने मन को शांत करें और विंध्यवासिनी देवी की भक्ति में डूबें।
  • हाथ जोड़कर कहें: “हे मां विंध्यवासिनी! मैं आज आपकी स्तुति सच्चे मन और श्रद्धा से कर रहा/रही हूं। कृपा करके मेरी भक्ति स्वीकार करें।”
  • यदि संभव हो, तो विंध्यवासिनी देवी की मूर्ति या तस्वीर के सामने पाठ करें।
  • स्तुति को ध्यान से पढ़ें और हर पंक्ति को अपनी आवाज में पढ़ें।
  • पाठ करते समय, विंध्यवासिनी देवी के प्रति भक्ति और प्रेम का भाव रखें।
  • पाठ के अंत में, देवी से प्रार्थना करें और अपनी इच्छाओं के बारे में बताएं।

विंध्यवासिनी स्तुति पाठ के फायदे

  • इस स्तुति का पाठ करने से भक्त को माँ विंध्यवासिनी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे उन्हें जीवन में सुख, समृद्धि और शांति मिलती है।
  • विंध्यवासिनी स्तुति का पाठ भक्तों को शक्ति और सुरक्षा प्रदान करता है, जिससे वे डर तथा बाधाओं से मुक्त हो जाते हैं।
  • माँ विंध्यवासिनी की आराधना से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और वे जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं।
  • इस स्तुति का पाठ करने से भक्तों को रोगों से मुक्ति मिलती है और उनका स्वास्थ्य बेहतर होता है।
  • विंध्यवासिनी स्तुति का पाठ भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है और उन्हें ईश्वर के करीब लाता है।
  • मां विंध्यवासिनी की कृपा से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और जीवन में समृद्धि आती है।
divider
Published by Sri Mandir·June 17, 2025

Did you like this article?

srimandir-logo

श्री मंदिर ने श्रध्दालुओ, पंडितों, और मंदिरों को जोड़कर भारत में धार्मिक सेवाओं को लोगों तक पहुँचाया है। 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के साथ साझेदारी करके, हम विशेषज्ञ पंडितों द्वारा की गई विशेष पूजा और चढ़ावा सेवाएँ प्रदान करते हैं और पूर्ण की गई पूजा विधि का वीडियो शेयर करते हैं।

Address:
Firstprinciple AppsForBharat Private Limited 435, 1st Floor 17th Cross, 19th Main Rd, above Axis Bank, Sector 4, HSR Layout, Bengaluru, Karnataka 560102
Play StoreApp Store

हमे फॉलो करें

facebookinstagramtwitterwhatsapp

© 2025 SriMandir, Inc. All rights reserved.