धन्वंतरि स्तुति
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धन्वंतरि स्तुति (Dhanvantari Stuti)

क्या आप रोग, शारीरिक दुर्बलता या स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं? धन्वंतरि स्तुति से पाएं भगवान धन्वंतरि का आरोग्यदायक आशीर्वाद – जानिए इसका पाठ और दिव्य लाभ।

धन्वंतरि स्तुति के बारे में

भगवान धन्वंतरि की स्तुति का पाठ करना अत्यंत शुभ होता है। इनकी स्तुति स्वास्थ्य, समृद्धि और दीर्घायु का वरदान देती है। अगर आप धन्वंतरि स्तुति के महत्व, लाभ और विधि को जानना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पढ़िए, जहां आपको इस स्तुति से संबंधित सारी जानकारी एक स्थान पर मिल जाएगी।

क्या है धन्वंतरि स्तुति

धन्वंतरि स्तुति भगवान धन्वंतरि को समर्पित है, जिन्हें आयुर्वेद और चिकित्सा का देवता माना जाता है। धन्वंतरि स्तुति में उनके गुणों, शक्तियों और रोगों से मुक्ति देने वाली कृपा का वर्णन किया गया है। इस स्तुति को पढ़ने से शरीर स्वस्थ रहता है, रोग दूर होते हैं और मन को शांति मिलती है। विशेष रूप से धनतेरस और पूजा के समय इस स्तुति का पाठ करना शुभ माना जाता है।

धन्वंतरि स्तुति

ॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः

सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम।

कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम

वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम।

ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:

अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय।

त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप

श्री धन्वं‍तरि स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः।

धन्वंतरि स्तुति पाठ विधि

धन्वंतरि स्तुति का पाठ विधिपूर्वक करने से अत्यंत शुभ फल प्राप्त होता है। नियम और श्रद्धा के साथ पाठ करने से साधक पर भगवान धन्वंतरि की विशेष कृपा बरसती है।

  • विशेष रूप से धनतेरस के दिन इसका पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • इस दिन पूजा के लिए शाम के समय प्रदोष काल में उत्तर दिशा की ओर लकड़ी की चौकी स्थापित करें।
  • इससे पहले स्नान करके साफ कपड़े धारण कर लें। फिर पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें। उस पर भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • इसके बाद पंचामृत या गंगाजल से तुलसी का अभिषेक करें और चंदन, कुमकुम, अक्षत, लाल फूल, फल और लक्ष्मी माता और कुबेर जी को सफेद बर्फी और धन्वंतरि भगवान को पीले रंग की मिठाई जैसे बेसन के लड्डू या केसर वाली बर्फी का भोग अर्पित करें।
  • फिर दीपक, धूप और अगरबत्ती जलाएं। इसके बाद अब शांत मन से भगवान धन्वंतरि का ध्यान करते हुए उनकी स्तुति का पाठ करें।
  • इस दौरान ॐ धन्वंतरये नमः मंत्र का जप भी किया जा सकता है। स्तोत्र का पाठ सुबह या शाम किसी भी समय किया जा सकता है, परंतु श्रद्धा और नियम से किया गया पाठ अधिक फलदायी होता है।
  • पाठ करते समय आसपास शांति रहे इसका ध्यान रखें और मन में किसी तरह के कोई भी नकारात्मक विचार न आने दें।
  • पाठ पूर्ण होने के बाद माता लक्ष्मी की आरती करें भोग अर्पित करें और अंत में उनसे सुख, समृद्धि और कल्याण की प्रार्थना करें।
  • ध्यान रखें किसी विशेष मुहूर्त पर पूजन करने के लिए जानकारी पंडित और विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें और फिर पूजा को विधिपूर्वक करें ताकि पूजा सही समय पर हो और अधिक प्रभावशाली सिद्ध हो।

धन्वंतरि स्तुति पाठ के फायदे

धन्वंतरि स्तुति का पाठ करने के कई लाभ होते हैं।

स्वास्थ्य लाभ

धन्वंतरि स्तुति का नियमित पाठ करने से शरीर स्वस्थ रहता है और पुराने रोगों से मुक्ति मिलती है।

आयु में वृद्धि

इस स्तुति का नियमित पाठ दीर्घायु जीवन प्रदान करता है ।

धन और समृद्धि की प्राप्ति

धन्वंतरि स्तुति का नियमित पाठ करने से भगवान धन्वंतरि की कृपा से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और धन की प्राप्ति होती है।

जीवन शक्ति और ऊर्जा में वृद्धि

धन्वंतरि स्तुति से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और व्यक्ति अधिक ऊर्जावान महसूस करता है।

मानसिक शांति और संतुलन

इस स्तुति का पाठ करने से तनाव, चिंता और मानसिक अस्थिरता में कमी आती है, जिससे मन शांत और स्थिर रहता है।

साहस और आत्मविश्वास

धन्वंतरि स्तुति पाठ से साहस और आत्मबल में वृद्धि होती है, जिससे व्यक्ति जीवन की चुनौतियों का सामना आसानी से कर सकता है।

आध्यात्मिक शुद्धि

धन्वंतरि स्तुति न केवल शरीर को बल्कि आत्मा को भी शुद्ध करता है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता लाता है।

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Published by Sri Mandir·June 13, 2025

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