फलाहारी आहार क्या है?
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फलाहारी आहार क्या है?

क्या आप जानते हैं फलाहारी आहार क्या है? जानिए इसके प्रकार, महत्व और नवरात्रि व्रत में फलाहारी भोजन आसान हिंदी में।

फलाहारी आहार के बारे में

फलाहारी आहार वह आहार है जो उपवास या व्रत के दौरान लिया जाता है। इसमें अनाज, नमक और तली-भुनी वस्तुएं नहीं खाई जातीं। इसमें फल, दूध, दही, मखाने, साबूदाना, सिंघाड़ा, शकरकंद, मूंगफली और सेंधा नमक का सेवन किया जाता है।

नवरात्रि 2025

नवरात्रि, नौ दिनों का एक ऐसा महापर्व है जो शक्ति और साधना का प्रतीक है। इस दौरान, भक्त देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं, और इस पवित्र यात्रा को सफल बनाने के लिए, वे उपवास और सात्विक आहार का पालन करते हैं। यह उपवास सिर्फ़ भूखा रहने का नहीं, बल्कि शरीर और मन को शुद्ध करने का एक माध्यम है। इस शुद्धि में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है फलाहारी आहार।

साल 2025 में, नवरात्रि का पर्व 22 सितंबर, सोमवार से शुरू होकर 1 अक्टूबर, बुधवार तक चलेगा।

फलाहारी आहार क्या है? जानें धार्मिक महत्व

फलाहारी, दो शब्दों “फल” और “आहार” से मिलकर बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है “फलों का भोजन”। धार्मिक संदर्भ में, यह एक ऐसा आहार है जिसमें अनाज, दालें, और मांसाहारी भोजन का त्याग कर केवल फल, सब्जियां, दूध और उनसे बनी चीज़ों का सेवन किया जाता है। इसका उद्देश्य शरीर को शुद्ध करना, मन को शांत रखना और सात्विक ऊर्जा को बढ़ाना है।

नवरात्रि में फलाहार का धार्मिक महत्व गहरा है। शास्त्रों के अनुसार, उपवास के दौरान पृथ्वी से उत्पन्न होने वाले अनाज, दालों और नमक का सेवन वर्जित होता है। इसका कारण यह है कि ये खाद्य पदार्थ तामसिक माने जाते हैं, जो मन को चंचल कर सकते हैं और आध्यात्मिक ऊर्जा को बाधित कर सकते हैं। इसके विपरीत, फल, दूध और साबूदाना जैसे खाद्य पदार्थ सात्विक होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा देते हैं और मन को पूजा-पाठ में केंद्रित करने में मदद करते हैं।

नवरात्रि में फलाहारी आहार में क्या खा सकते हैं?

नवरात्रि के दौरान आप विभिन्न प्रकार के फलाहारी खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं। यहाँ एक विस्तृत सूची दी गई है:

फल

  • फलाहार में आप सभी तरह के मौसमी फल खा सकते हैं, जैसे सेब, केला, अंगूर, संतरा, अनार, पपीता, तरबूज और खरबूजा।
  • सूखे मेवे जैसे बादाम, अखरोट, काजू, किशमिश, मखाना।

सब्जियां

  • आलू, कद्दू (पेठा), शकरकंद, अरबी, कच्चा केला, टमाटर, लौकी, गाजर, पालक।
  • इन सब्जियों का उपयोग आप सब्जी, चिप्स, या हलवा बनाने में कर सकते हैं।

अनाज और अन्य खाद्य पदार्थ

  • साबूदाना: साबूदाने की खिचड़ी, वड़ा, या खीर।
  • सिंघाड़े का आटा: सिंघाड़े की पूरी, हलवा, या पकौड़ी।
  • कूटू का आटा: कूटू की पूरी, रोटी, या पकौड़ी।
  • समा के चावल: समा के चावल की खिचड़ी।
  • राजगिरा का आटा: राजगिरे की पूरी या लड्डू।

डेयरी उत्पाद

  • दूध, दही, पनीर, छाछ, और घी का सेवन किया जा सकता है।

मसाले

  • सेंधा नमक ही एकमात्र नमक है जिसका उपयोग किया जाता है।
  • काली मिर्च, हरी मिर्च, जीरा पाउडर, और धनिया पत्ती का उपयोग स्वाद के लिए किया जा सकता है।

नवरात्रि व्रत में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए?

नवरात्रि व्रत के दौरान, कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाता है, जबकि कुछ से पूरी तरह बचना चाहिए।

क्या खाना चाहिए

  • फलाहारी भोजन: उपर्युक्त सभी फल, सब्जियां, और फलाहारी अनाज।
  • नारियल पानी: शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए।
  • छाछ और लस्सी: पाचन को बेहतर रखने के लिए।
  • पनीर और दही: प्रोटीन और कैल्शियम के लिए।
  • सूखे मेवे: ऊर्जा बनाए रखने के लिए।

क्या नहीं खाना चाहिए

  • सामान्य नमक: व्रत में सामान्य नमक की जगह सेंधा नमक का उपयोग किया जाता है।
  • अनाज और दालें: गेहूँ, चावल, चना, मसूर, राजमा आदि का सेवन वर्जित है।
  • लहसुन और प्याज: ये तामसिक माने जाते हैं और इनका सेवन नहीं करना चाहिए।
  • मांसाहारी भोजन और अंडे: ये पूरी तरह वर्जित हैं।
  • शराब और तंबाकू: इनका सेवन भी नहीं करना चाहिए।

नवरात्रि में फलाहारी आहार के फायदे

फलाहारी आहार का पालन केवल धार्मिक मान्यता नहीं, बल्कि इसके कई वैज्ञानिक और स्वास्थ्य संबंधी लाभ भी हैं:

  • शरीर का शुद्धिकरण: नौ दिनों तक हल्का और सात्विक भोजन करने से शरीर के भीतर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं। यह शरीर के डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करता है।
  • पाचन तंत्र में सुधार: अनाज और दालों को छोड़कर हल्का भोजन लेने से पाचन तंत्र को आराम मिलता है।
  • ऊर्जा और ताजगी: फलों और सब्जियों में प्राकृतिक शर्करा, विटामिन और मिनरल्स होते हैं, जो शरीर को ऊर्जावान और मन को शांत रखते हैं।
  • वजन नियंत्रण: फलाहारी आहार कम कैलोरी वाला और पौष्टिक होता है, जो वजन को नियंत्रित करने में सहायक है।
  • आध्यात्मिक लाभ: सात्विक भोजन मन को शांत और एकाग्र रखता है, जिससे पूजा-पाठ और ध्यान में मन लगता है

नवरात्रि में फलाहारी आहार क्यों जरूरी है?

नवरात्रि में फलाहारी आहार इसलिए जरूरी है, क्योंकि यह हमें शारीरिक और मानसिक दोनों स्तरों पर शुद्ध करता है। यह हमें प्रकृति से जोड़ता है और सिखाता है कि हम अपनी ज़रूरतों को सीमित कर सकते हैं। यह हमें संयम और आत्म-नियंत्रण का पाठ भी पढ़ाता है। फलाहार का पालन करके, भक्त न केवल देवी दुर्गा को प्रसन्न करते हैं, बल्कि वे अपने शरीर को भी स्वस्थ और मन को शांत रखते हैं, जो किसी भी आध्यात्मिक यात्रा के लिए आवश्यक है।

निष्कर्ष

नवरात्रि का पर्व एक आध्यात्मिक उत्सव है, और फलाहारी आहार इस उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह हमें सादगी, संयम और शुद्धता का महत्व सिखाता है। इस दौरान, फलाहारी भोजन का सेवन कर हम अपने शरीर को स्वस्थ और मन को शांत रखते हैं, जिससे हम देवी दुर्गा की पूजा में पूरी तरह लीन हो पाते हैं।

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Published by Sri Mandir·September 25, 2025

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