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नवग्रह कवच

क्या आप जानते हैं कि नवग्रह कवच का नियमित पाठ करने से ग्रह दोष शांत होते हैं और जीवन में शुभता आती है? जानें इसकी पाठ विधि, लाभ और चमत्कारी प्रभाव।

नवग्रह कवच के बारे में

नवग्रह कवच एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो नौ ग्रहों (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु) की कृपा और सुरक्षा के लिए पढ़ा जाता है। इसका नियमित पाठ ग्रह दोष, अशुभ प्रभाव, और जीवन की बाधाओं को दूर करता है तथा सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करता है।

नवग्रह कवच

कभी-कभी ऐसा लगता है जैसे सब कुछ हमारे विरुद्ध हो रहा है, बिना वजह काम बिगड़ते हैं, मानसिक बेचैनी बनी रहती है, सेहत गिरती है या परिवार में क्लेश होता है। कई बार मेहनत के बावजूद सफलता नहीं मिलती। ऐसी परिस्थितियों में एक सवाल अक्सर मन में उठता है- क्या हमारे जीवन में ग्रहों का असर है?

भारतीय वैदिक ज्योतिष इस प्रश्न का उत्तर देता है। हमारे जीवन के हर क्षेत्र पर नवग्रहों का प्रभाव होता है। नवग्रह यानी सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु। इन ग्रहों की अनुकूलता जीवन को सुखमय बना सकती है, जबकि इनकी प्रतिकूलता समस्याओं की जड़ बन सकती है।

ऐसे में "नवग्रह कवच" एक शक्तिशाली उपाय के रूप में उभरता है। यह एक वैदिक मंत्रमय कवच है, जो सभी नौ ग्रहों की कृपा और रक्षा प्रदान करता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि नवग्रह कवच क्या है, इसकी पाठ विधि क्या है, और इसके नियमित पाठ से क्या लाभ होते हैं।

नवग्रह कवच क्या है?

नवग्रह कवच एक वैदिक स्तोत्र है, जिसमें सभी नौ ग्रहों के लिए बीज मंत्रों और प्रार्थनाओं का समावेश होता है। यह कवच ग्रहों के दुष्प्रभावों से रक्षा करता है और अनुकूल प्रभाव को बढ़ाता है। इसे कवच इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह व्यक्ति के चारों ओर एक सुरक्षा-कवच बना देता है, जो नकारात्मक ऊर्जा और ग्रह दोषों से उसकी रक्षा करता है।

नवग्रह कवचम्

शिरो मे पातु मार्ताण्डः कपालं रोहिणीपतिः।

मुखमङ्गारकः पातु कण्ठश्च शशिनन्दनः।

बुद्धिं जीवः सदा पातु हृदयं भृगुनन्दनः।

जठरञ्च शनिः पातु जिह्वां मे दितिनन्दनः।

पादौ केतुः सदा पातु वाराः सर्वाङ्गमेव च।

तिथयोऽष्टौ दिशः पान्तु नक्षत्राणि वपुः सदा।

अंसौ राशिः सदा पातु योगाश्च स्थैर्यमेव च।

गुह्यं लिङ्गं सदा पान्तु सर्वे ग्रहाः शुभप्रदाः।

अणिमादीनि सर्वाणि लभते यः पठेद् ध्रुवम्।

एतां रक्षां पठेद् यस्तु भक्त्या स प्रयतः सुधीः।

स चिरायुः सुखी पुत्री रणे च विजयी भवेत्।

अपुत्रो लभते पुत्रं धनार्थी धनमाप्नुयात्।

दारार्थी लभते भार्यां सुरूपां सुमनोहराम्।

रोगी रोगात् प्रमुच्येत बद्धो मुच्येत बन्धनात्।

जले स्थले चान्तरिक्षे कारागारे विशेषतः।

यः करे धारयेन्नित्यं भयं तस्य न विद्यते।

ब्रह्महत्या सुरापानं स्तेयं गुर्वङ्गनागमः।

सर्वपापैः प्रमुच्येत कवचस्य च धारणात्।

नारी वामभुजे धृत्वा सुखैश्वर्यसमन्विता।

काकवन्ध्या जन्मवन्ध्या मृतवत्सा च या भवेत्।

बह्वपत्या जीववत्सा कवचस्य प्रसादतः।

नवग्रह कवच पाठ विधि

नवग्रह कवच का पाठ यदि श्रद्धा, नियम और विधिवत किया जाए, तो यह जीवन में अद्भुत सकारात्मक परिणाम देता है। नीचे नवग्रह कवच के पाठ की संपूर्ण विधि दी गई है:

शुभ समय का चयन

  • नवग्रह कवच का पाठ प्रातः सूर्योदय के समय करना सबसे शुभ माना जाता है।
  • विशेषतः रविवार, मंगलवार और शनिवार को इसका पाठ अत्यंत फलदायी होता है।
  • ग्रह दोषों के शमन हेतु किसी ज्योतिषाचार्य से परामर्श लेकर नवग्रह की विशेष तिथि भी चुन सकते हैं।

पाठ के लिए स्थान और तैयारी

  • शांत, स्वच्छ और पवित्र स्थान चुनें।
  • स्नान करके साफ वस्त्र पहनें और पूजा स्थान को धूप-दीप से शुद्ध करें।
  • आसन पर बैठकर मन को एकाग्र करें। कुशा या ऊनी आसन का उपयोग करें।

संकल्प और ध्यान

  • पाठ आरंभ करने से पहले ईश्वर, गुरु और नवग्रहों का स्मरण करें।
  • “ॐ नवग्रहाय नमः” का उच्चारण करके संकल्प लें कि आप विधिपूर्वक पाठ करेंगे।

पाठ की विधि

  • नवग्रह कवच के श्लोक श्रद्धा और स्पष्ट उच्चारण के साथ पढ़ें।
  • यदि संस्कृत में कठिनाई हो, तो हिंदी अनुवाद के साथ समझकर पढ़ना भी लाभकारी है।
  • पाठ के पश्चात नवग्रह बीज मंत्र या नवग्रह आरती करें।

पाठ की अवधि और नियम

  • आप इसे 11, 21 या 40 दिनों तक नियमित रूप से कर सकते हैं।
  • विशेष कामना पूर्ति हेतु 108 बार जप करना अत्यंत प्रभावशाली होता है।
  • पाठ के दौरान सात्विक आहार और संयमित जीवन शैली अपनाएं।

नवग्रह कवच के लाभ/फायदे

ग्रह दोषों का शमन: अगर किसी की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती, राहु-केतु की दशा या किसी अन्य ग्रह की प्रतिकूल स्थिति हो, तो नवग्रह कवच का पाठ इन दोषों को शांत करता है। मानसिक शांति और संतुलन: यह कवच मन की बेचैनी और नकारात्मक विचारों को दूर करता है। इससे व्यक्ति को मानसिक स्थिरता, सकारात्मक सोच और आत्मबल मिलता है। कार्यों में सफलता और बाधाओं से मुक्ति: नवग्रहों की कृपा से रुके हुए कार्य बनने लगते हैं, करियर में सफलता मिलती है और व्यापार में वृद्धि होती है। पारिवारिक सुख और संबंधों में सुधार: यह कवच घर में सुख-शांति बनाए रखने में मदद करता है। पारिवारिक रिश्ते मधुर होते हैं और क्लेश समाप्त होते हैं। स्वास्थ्य में सुधार: कई रोगों की जड़ ग्रह दोष होते हैं। नवग्रह कवच के प्रभाव से ऐसे दोष दूर होते हैं और व्यक्ति शारीरिक रूप से स्वस्थ रहता है। आध्यात्मिक जागरण और ऊर्जा: यह केवल एक ज्योतिषीय उपाय नहीं, बल्कि आध्यात्मिक साधना का माध्यम भी है। इससे साधक की चेतना जागृत होती है और भीतर आत्मिक शक्ति का विकास होता है।

अनुभव और मान्यताएं

अनगिनत श्रद्धालुओं ने नवग्रह कवच के पाठ से अपने जीवन में बदलाव देखा है। कुछ ने कहा कि परीक्षा में सफलता मिली, तो कुछ को विवाह या नौकरी संबंधी परेशानियों से मुक्ति मिली। यहां तक कि लंबे समय से चली आ रही पारिवारिक समस्याएं भी शांत हो गईं। महत्वपूर्ण बात यह है कि यह एक सकारात्मक ऊर्जा देने वाला मंत्र है, जो जीवन के हर क्षेत्र में संतुलन लाने का कार्य करता है।

निष्कर्ष

अगर आप जीवन में बार-बार आ रही समस्याओं, मानसिक अस्थिरता, स्वास्थ्य गिरावट, या ग्रह दोषों से जूझ रहे हैं, तो नवग्रह कवच का पाठ आपके लिए एक दिव्य और कारगर उपाय हो सकता है।

यह केवल एक धार्मिक कर्मकांड नहीं, बल्कि आत्मबल, स्थिरता और सफलता की ओर बढ़ने का एक मार्ग है। श्रद्धा, नियम और संयम के साथ इसका पाठ करें और जीवन में आने वाले शुभ बदलावों का अनुभव करें।

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Published by Sri Mandir·April 16, 2025

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