इस्कॉन मंदिर लखनऊ
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इस्कॉन मंदिर लखनऊ

क्या आप जानना चाहते हैं लखनऊ इस्कॉन मंदिर कब जाएं? कहाँ है? क्या देखें? फोटो और पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें और करें अपनी यात्रा को आध्यात्मिक।

इस्कॉन मंदिर लखनऊ के बारे में

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी एक बेहद खूबसूरत और भक्ति से परिपूर्ण इस्कॉन मंदिर है? गोमती नगर में स्थित इस्कॉन लखनऊ मंदिर, सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि अध्यात्म, कीर्तन और कृष्ण भक्ति का जीवंत केंद्र है। तो चलिए इस आर्टिकल में जानते हैं कि इस मंदिर से जुड़ी सभी जरूरी चीजों के बारे में।

इस्कॉन मंदिर लखनऊ कहाँ स्थित है?

इस्कॉन मंदिर लखनऊ एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है। लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी में लगभग 5 एकड़ में फैला यह भव्य और आकर्षक इस्कॉन मंदिर श्री राधा रमण बिहारी जी के नाम से भी प्रसिद्ध है। शानदार वास्तुकला और शांत वातावरण के कारण यह मंदिर भक्तों और पर्यटकों दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र है। यहाँ हर दिन श्रीकृष्ण की भक्ति, कीर्तन, प्रवचन और कई धार्मिक कार्यक्रम होते हैं, जो मन को शांति और सुकून देते हैं।

इस्कॉन मंदिर लखनऊ का इतिहास और स्थापना

इस्कॉन मंदिर लखनऊ का निर्माण साल 2012 में किया गया था और इसे इस्कॉन के संस्थापक श्रील प्रभुपाद की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में समर्पित किया गया था। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की भक्ति का केंद्र है, जहाँ हर दिन कीर्तन, प्रवचन, भगवत गीता पाठ और अन्य आध्यात्मिक गतिविधियाँ होती हैं। इसकी आकर्षक वास्तुकला, शांत वातावरण और भक्ति से भरे आयोजनों के कारण यह न केवल श्रद्धालुओं, बल्कि पर्यटकों के बीच भी लोकप्रिय है। मंदिर में गोविंदा रेस्टोरेंट, ध्यान केंद्र, भक्तों के लिए आवास, और धार्मिक पुस्तकों की दुकानें भी मौजूद हैं, जो यहाँ आने वाले हर व्यक्ति को एक संपूर्ण आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करते हैं।

इस्कॉन मंदिर लखनऊ की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?

इस्कॉन लखनऊ मंदिर अपनी खूबसूरत और आकर्षक वास्तुकला के लिए जाना जाता है, जो इसे एक अलग पहचान देती है। यह मंदिर केवल पूजा का स्थल ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी एक महत्वपूर्ण केंद्र है। मंदिर परिसर में एक गोशाला है, जहाँ गायों की सेवा की जाती है और उनके दूध से भगवान को अर्पित प्रसाद तैयार किया जाता है। बच्चों के लिए यहाँ किड्स क्लब भी है, जहाँ उन्हें श्रीकृष्ण भक्ति, नैतिक शिक्षा और आध्यात्मिक जीवन के मूल्यों के बारे में सिखाया जाता है। यहाँ एक परामर्श केंद्र भी है, जहाँ भक्तों के आध्यात्मिक प्रश्नों का समाधान किया जाता है। परिसर में एक हरी-भरी वाटिका भी है, जो वातावरण को और शांतिपूर्ण बनाती है।

इस्कॉन मंदिर लखनऊ में दर्शन और आरती का समय

इस्कॉन मंदिर लखनऊ प्रतिदिन निर्धारित समय पर खुलता है और भक्तों को श्रीकृष्ण की भक्ति, आरती और प्रवचनों में भाग लेने का अवसर मिलता है। यहाँ पूरे दिन आध्यात्मिक वातावरण बना रहता है, जिसमें आरतियाँ, प्रवचन और दर्शन शामिल हैं।

यहां पर रोजाना कई आरतियाँ आयोजित होती हैं, जिनमें प्रमुख हैं।

  • सुबह 04:30 बजे – मंगला आरती

  • सुबह 07:30 बजे – श्रृंगार दर्शन

  • सुबह 08:00 बजे – श्रीमद्भागवतम प्रवचन

  • दोपहर 12:30 बजे – राजभोग आरती

  • शाम 04:30 बजे – उष्ठापना आरती

  • शाम 07:00 बजे – संध्या आरती

  • शाम 07:30 बजे – भगवद्गीता प्रवचन

  • रात्रि 08:30 बजे – शयन आरती

इस्कॉन मंदिर लखनऊ में कौन-कौन से त्योहार मनाए जाते हैं?

इस्कॉन लखनऊ में साल भर मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहार न केवल भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक हैं, बल्कि यहां की सांस्कृतिक विविधता और आध्यात्मिक माहौल को भी जीवंत रूप देते हैं।

  • जनमाष्टमी- श्रीकृष्ण की जन्मोत्सव बड़ी भक्ति और उल्लास के साथ मनाया जाता है। कीर्तन, अष्टावक्र, दही-हांडी, सांस्कृतिक कार्यक्रम और रात्रि में छप्पन-भोग शामिल होते हैं।

  • राधाष्टमी- राधारानी की जयंती पर श्रृंगार, कीर्तन और विशेष आरतियों के साथ आयोजन आयोजित होता है।

  • गौर-पूर्णिमा- चैतन्य महाप्रभु के प्राकट्य दिवस पर कथा, कीर्तन, नृत्य और प्रसाद का आयोजन होता है।

  • गोवर्धन पूजा / अन्नकूट- विजयादशमी के बाद भगवान गोवर्धन की पूजा की जाती है। छप्पन भोग, कथा और प्रसाद वितरण शामिल है।

  • रामनवमी- भगवान राम का जन्मोत्सव श्रद्धा के साथ मनाया जाता है, जिसमें जलीय अभिषेक और कथा-कीर्तन शामिल होते हैं।

  • नित्यानंद त्रयोदशी- चैतन्य महाप्रभु के सहयोगी श्री नित्यानंद प्रभु की जयंती पर कीर्तन, नृत्य और अभिषेक के साथ महान उत्सव मनाया जाता है।

  • गुण्डिचा मार्जन- जगन्नाथ रथ यात्रा से पहले मंदिर की विशेष सफाई की परंपरा शुरू होती है, भक्त इसमें सक्रिय भाग लेते हैं।

  • चंदन यात्रा - अक्षय तृतीया से 21 दिनों तक चलने वाला आयोजन है जिसमें भगवान को चंदन अर्पित किया जाता है और इसका महोत्सव होता है।

  • रथ यात्रा - भगवान जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा की रथयात्रा भक्तों द्वारा बड़े उत्साह से निकाली जाती है।

इस्कॉन मंदिर लखनऊ में प्रसाद और भोजन की व्यवस्था

इस्कॉन लखनऊ में भक्तों को रोजाना भगवान को अर्पित किया गया प्रसाद दिया जाता है। यह प्रसाद सुबह और शाम दोनों वक्त बांटा जाता है।

इस्कॉन मंदिर लखनऊ कैसे पहुँचें?

अगर आप इस्कॉन लखनऊ मंदिर जाने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको यह जानना जरूरी है कि यह मंदिर शहर के मुख्य क्षेत्र से थोड़ा बाहर, सुशांत गोल्फ सिटी के पास, शहीद पथ पर स्थित है। यह स्थान लखनऊ रेलवे स्टेशन (चारबाग) से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर है। क्यूंकि यह इलाका शहर के बाहरी हिस्से में आता है, इसलिए यहां तक पहुंचने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है निजी वाहन या टैक्सी सेवा का उपयोग करना। यहां तक पहुंचने के लिए सार्वजनिक परिवहन की सुविधाएं बहुत सीमित हैं।

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Published by Sri Mandir·July 11, 2025

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