गणेश विसर्जन मंत्र
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गणेश विसर्जन मंत्र

गणपति बप्पा के विसर्जन के समय कौन से मंत्र बोले जाते हैं और क्यों? जानें उनका अर्थ, महत्व और सही उच्चारण विधि।

गणेश विसर्जन मंत्र के बारे में

गणेश विसर्जन मंत्र भगवान गणपति को श्रद्धापूर्वक विदा करने के लिए उच्चारित किया जाता है। यह मंत्र भक्तों की प्रार्थना, कृतज्ञता और अगले वर्ष पुनः आगमन की कामना का प्रतीक है। इससे मन को शांति और आशीर्वाद मिलता है।

गणेश विसर्जन मंत्र

गणेश चतुर्थी न केवल भगवान गणेश के स्वागत का पर्व है, और अनंत चतुर्दशी उनके सम्मानपूर्वक विदाई का पर्व है। जैसे उनकी स्थापना पूरे विधि-विधान से की जाती है, वैसे ही विसर्जन भी विशेष मंत्रों, पूजा विधि और भावनाओं के साथ किया जाता है। विसर्जन के दौरान सही मंत्रों का जाप करने से बप्पा प्रसन्न होते हैं और सालभर कृपा बनाए रखते हैं। इस लेख में हम जानेंगे विसर्जन से पहले बोले जाने वाले मंत्र, विसर्जन के समय के मुख्य मंत्र, और इन मंत्रों के जाप का सही समय व विधि।

गणेश विसर्जन से पहले बोले जाने वाले मंत्र

जब गणेश विसर्जन का समय आता है, तो उससे पहले भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है। इस पूजा के दौरान कुछ विशेष मंत्र बोले जाते हैं, जिनके माध्यम से बप्पा से पुनः आगमन और आशीर्वाद की कामना की जाती हैं। नीचे कुछ प्रमुख मंत्र और उनके अर्थ दिए गए हैं:

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ॐ गण गणपतये नमः

अर्थ: मैं विघ्नों के विनाशक, मंगलदायक भगवान गणेश को नमन करता हूं।

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ॐ एकदन्ताय विहे, वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्॥

अर्थ: हम एकदंत (एक दांत वाले) और वक्रतुण्ड (टेढ़ी सूंढ़ वाले) भगवान का ध्यान करते हैं। वह हमें विवेक, शक्ति और प्रेरणा प्रदान करें।

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ॐ मोदाय नमः

अर्थ: मैं आनंदस्वरूप भगवान गणेश को नमन करता हूं।

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गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ, स्वस्थाने परमेश्वर। मम पूजा गृहीतां मेवं, पुनरागमनाय च॥

अर्थ: हे देवों में श्रेष्ठ गणेश जी! आप मेरी पूजा स्वीकार कर अपने स्थान को लौटें, और कृपया अगले वर्ष पुनः मेरे घर पधारें।

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ॐ नमो भगवते गजाननाय

अर्थ: भगवान गजानन को बारंबार नमन।

इन मंत्रों के माध्यम से हम बप्पा से आग्रह करते हैं कि वे हमारी पूजा स्वीकार करें और अगले वर्ष फिर लौटें।

गणेश विसर्जन के समय पढ़े जाने वाले मुख्य मंत्र

जब बप्पा को विसर्जन के लिए ले जाया जाता है, तब ढोल-नगाड़ों के साथ बप्पा की विदाई के समय कुछ विशेष मंत्र भी बोले जाते हैं, जैसे:

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ॐ यान्तु देवगणाः सर्वे, पूजामादाय मामकीम्। इष्टकामसमृद्ध्यर्थं, पुनरपि पुनरागमनाय च॥

अर्थ: हे सभी देवता! मेरी पूजा स्वीकार कर, मेरी सभी इच्छाओं की पूर्ति करें, अपने स्थान को लौटें, और कृपया पुनः पधारें।

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गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ

अर्थ: ये वाक्य भक्त गणेश जी की मूर्ति विसर्जित करते समय बोलते है, जिसमें वे बप्पा से अगले वर्ष जल्दी आने का आग्रह करते हैं।

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ॐ नमो विघ्नविनाशाय

अर्थ: मैं विघ्नों के विनाशक भगवान गणेश को नमन करता हूं।

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ॐ नमः सिद्धिविनायकाय सर्वकार्यकर्त्रे नमः

अर्थ: जो हर कार्य को सिद्ध करते हैं, उन सिद्धिविनायक भगवान को नमन।

गणेश विसर्जन मंत्रों का जाप कब और कैसे करें?

कब करें?

गणेश विसर्जन अनन्त चतुर्दशी के दिन किया जाता है, जो 2025 में शनिवार, 6 सितंबर को पड़ रही है। इस दिन सुबह से लेकर रात्रि तक कई शुभ समय होते हैं, जब गणेश विसर्जन मंत्रों का जाप किया जा सकता है। आप अपने पारिवारिक समय और सुविधा अनुसार इनमें से कोई भी समय चुन सकते हैं।

गणेश विसर्जन के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त (शनिवार, 6 सितंबर 2025)

  • प्रातः मुहूर्त (शुभ): सुबह 07:14 से 08:48
  • अपराह्न मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत): 11:56 से 04:38
  • सायाह्न मुहूर्त (लाभ): 06:12 से 07:38
  • रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर): 09:04 से 01:22 (सितम्बर 07)
  • उषाकाल मुहूर्त (लाभ): 04:15 से 05:41 (सितम्बर 07)

जाप की विधि

  • विसर्जन से पहले भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए उनका प्रिय भोग जैसे मोदक, नारियल, केले, सेब आदि फल, और ताजे फूल अवश्य अर्पित करें। मोदक विशेष रूप से गणेश जी का प्रिय माना जाता है, इसलिए इसे भोग में जरूर रखें।
  • अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश के साथ-साथ भगवान विष्णु के अनंत रूप की भी पूजा की जाती है। इसमें अनंत सूत्र (14 गांठ वाला धागा) को पूजा के बाद पुरुष दाएं हाथ में और महिलाएं बाएं हाथ में बांधती हैं। इस पूजा से समृद्धि, सुरक्षा और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। अतः विसर्जन से पहले भगवान अनंत की विधिपूर्वक आराधना अवश्य करें।
  • भगवान गणेश की आरती करते हुए यह भाव रखें कि अब वे ससम्मान हमारे जीवन से विदा हो रहे हैं, लेकिन कृपा बनाए रखें। आरती के साथ विसर्जन मंत्रों का उच्चारण करें और बप्पा से अनुमति लें कि अब हम आपको विदा कर रहे हैं।
  • जब आप बप्पा को विसर्जन के लिए घर से बाहर ले जाएं, तो उन्हें एक बार पूरे घर में घुमाएं। इससे ऐसा माना जाता है कि बप्पा ने घर के सभी स्थानों को अपनी शुभ दृष्टि से देख लिया और घर को पवित्र कर दिया। जब आप उन्हें घर की चौखट पार कराएं, तो ध्यान रखें कि उनका मुख घर की ओर ही हो। यह दर्शाता है कि बप्पा घर की ओर देख रहे हैं और आश्वासन दे रहे हैं कि वे फिर आएंगे।
  • विसर्जन स्थल पर पहुँचने के बाद, ऊपर दिए गए विसर्जन मंत्रों का शुद्ध उच्चारण करें। यह मंत्र भगवान गणेश के प्रति कृतज्ञता और सम्मान प्रकट करते हैं। मंत्रों का उच्चारण करते समय मन में श्रद्धा अवश्य होनी चाहिए।
  • विसर्जन के बाद भगवान गणेश से क्षमा प्रार्थना करें कि यदि कोई त्रुटि या भूल पूजा या सेवा में हो गई हो, तो वे क्षमा करें। फिर अंत में यह प्रार्थना करें"गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ" जो बप्पा के अगले वर्ष के आह्वान का प्रतीक है।
  • अगर आप घर में ही गणेश विसर्जन कर रहे हैं, तो एक टब या बड़े बर्तन में विसर्जन करें। मूर्ति के जल-मिट्टी को बाद में किसी गमले या बगीचे की मिट्टी में डाल दें, ताकि वह पर्यावरण के अनुकूल हो और पवित्रता बनी रहे।

यह थी 'अनंत चतुर्दशी' के दिन ‘गणेश विसर्जन के दौरान बोले जाने वाले मंत्र’ से जुड़ी जानकारी। हम आशा करते हैं कि इन दस दिनों में आपके द्वारा विधि-विधान से की गयी पूजा अर्चना सफल हो, और भगवान गणेश प्रसन्न होकर आपको सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दें। ऐसे ही व्रत त्यौहारों से जुड़ी जानकारियों के लिए जुड़े रहिए 'श्री मंदिर' पर।

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Published by Sri Mandir·August 19, 2025

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