फाल्गुन मास कब है
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फाल्गुन मास कब है?

क्या आप जानते हैं फाल्गुन मास 2026 कब से शुरू होकर कब समाप्त होता है? यहां जानें इसकी तिथि, इस महीने में आने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार, पूजा-विधि, महत्व और धार्मिक मान्यताएं — सब कुछ एक ही जगह!

फाल्गुन मास के बारे में

फाल्गुन मास हिंदू पंचांग का अंतिम महीना है, जो आनंद, उल्लास और रंगों का प्रतीक माना जाता है। इस माह में होली, महाशिवरात्रि जैसे प्रमुख पर्व आते हैं। फाल्गुन में किए गए दान, व्रत और पूजा से सुख-समृद्धि, सकारात्मक ऊर्जा और जीवन में नवचेतना का संचार होता है।

फाल्गुन मास कब से लगेगा 2026 में

फाल्गुन मास 2026 : उत्सव, आध्यात्मिकता और नव आरंभ का पवित्र महीना

हिंदू पंचांग में फाल्गुन मास विशेष महत्व रखने वाला महीना है, क्योंकि इसी महीने के बाद नववर्ष का आरंभ होता है। चैत्र जहाँ वर्ष का पहला महीना है, वहीं फाल्गुन अंतिम मास माना जाता है। वर्ष 2026 में फाल्गुन माह 2 फरवरी 2026 से 3 मार्च 2026 तक रहेगा। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह महीना हर साल फरवरी और मार्च के बीच पड़ता है। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन आकाश में फाल्गुनी नक्षत्र की उपस्थिति के कारण इस मास का नाम फाल्गुन पड़ा।

यह महीना आध्यात्मिक रूप से अत्यंत शुभ माना गया है क्योंकि महाशिवरात्रि, भगवान शिव का परम प्रिय दिन, इसी मास में मनाया जाता है। इसके साथ ही रंगों और प्रेम का पर्व होली भी फाल्गुन मास की पूर्णिमा को ही आता है, जो इस महीने को और भी आनंदमय बनाता है।

फाल्गुन मास में माता सीता, भगवान श्रीकृष्ण, मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा का विशेष फल बताया गया है। मान्यता है कि इस अवधि में की गई उपासना से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और घर में शांति, समृद्धि तथा धन-वृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

आध्यात्मिक उत्साह, भक्ति, आनंद और नए आरंभ की ऊर्जा से भरा हुआ फाल्गुन मास 2026 हर भक्त के लिए शुभता और सौभाग्य लेकर आने वाला पवित्र समय माना जाता है।

फाल्गुन मास का महत्व

हिन्दू पंचांग का अंतिम महीना फाल्गुन मास अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। इस समय मौसम में परिवर्तन शुरू हो जाता है, ठंड कम होती है और गर्मी का आगमन होने लगता है। यही परिवर्तन आध्यात्मिक रूप से भी नए ऊर्जा चक्र की शुरुआत का संकेत देता है।

फाल्गुन मास में महाशिवरात्रि और होली जैसे बड़े और महत्वपूर्ण पर्व मनाए जाते हैं, जो इसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत विशेष बनाते हैं। पुराणों के अनुसार यह मास चंद्रदेव की आराधना का श्रेष्ठ समय है, क्योंकि इसे चंद्रमा का जन्म माह कहा गया है। शिव जी के मस्तक पर चंद्रमा का वास होने के कारण इस महीने में शंकर भगवान की पूजा का भी अनंत फल प्राप्त होता है।

इस मास में भगवान श्रीकृष्ण की उपासना का विशेष महत्व है:

  • बाल स्वरूप कृष्ण संतान प्राप्ति के लिए,
  • युवा स्वरूप कृष्ण दांपत्य सुख के लिए,
  • गुरु स्वरूप कृष्ण मोक्ष और वैराग्य की प्राप्ति के लिए पूजा जाते हैं।

इसके साथ ही गणेश पूजा, आमलकी एकादशी, और विष्णु उपासना भी अत्यंत शुभ मानी जाती है। फाल्गुन मास में दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है। घी, तेल, फल, अनाज, वस्त्र आदि जरूरतमंदों को दान करने से सौभाग्य और पुण्य प्राप्त होता है। पितरों के लिए तर्पण करने से भी शुभ फल मिलता है।

फाल्गुन मास की प्रमुख तिथियाँ

             तिथि 

              दिन 

 त्यौहार / महत्वपूर्ण दिवस

       2 फरवरी 

           सोमवार 

 फाल्गुन मास का आरंभ 

      15 फरवरी

           रविवार 

       महाशिवरात्रि

      17 फरवरी

          मंगलवार

    फाल्गुन अमावस्या

      27 फरवरी

          शुक्रवार

    आमलकी एकादशी

       3 मार्च

          मंगलवार

फाल्गुन पूर्णिमा (पूर्णिमा व्रत)

       4 मार्च

          बुधवार

होली

फाल्गुन मास में आने वाले व्रत और त्योहार

  • 5 फरवरी, गुरुवार- संकष्टी चतुर्थी
  • 13 फरवरी, शुक्रवार- विजया एकादशी, कुम्भ संक्रांति
  • 14 फरवरी, शनिवार- प्रदोष व्रत (कृष्ण)
  • 15 फरवरी, रविवार- महाशिवरात्रि, मासिक शिवरात्रि
  • 17 फरवरी, मंगलवार- फाल्गुन अमावस्या
  • 27 फरवरी, शुक्रवार- आमलकी एकादशी
  • 28 फरवरी, शनिवार- प्रदोष व्रत (शुक्ल)
  • 3 फरवरी, मंगलवार- होलिका दहन, फाल्गुन पूर्णिमा व्रत
  • 4 फरवरी, बुधवार- होली

फाल्गुन मास में क्या करें

  • चंद्र देव की उपासना करें, क्योंकि फाल्गुन को चंद्रमा का जन्म माह माना जाता है। प्रतिदिन चंद्र देव को अर्घ्य अर्पित करें।
  • महाशिवरात्रि का विशेष महत्व होने के कारण इस माह में भगवान शिव की नियमित पूजा करें।
  • प्रतिदिन या यथासंभव शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जप करें।
  • इस महीने भगवान श्रीकृष्ण और महादेव को गुलाल चढ़ाएं। मान्यता है कि इससे जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है।
  • फाल्गुन में श्रीकृष्ण की भक्ति विशेष फलदायी होती है। बाल, किशोर और गुरु—कृष्ण के सभी स्वरूपों की पूजा करें।
  • श्रीकृष्ण–राधा की आराधना करें, विशेषकर फाग उत्सव की भावना के साथ।
  • फाल्गुन मास को आनंद और उत्साह का महीना माना जाता है, इसलिए इस समय पूजा-पाठ, हवन, यज्ञ जैसे धार्मिक कार्यों में भाग लें।
  • दान-पुण्य करें—शुद्ध घी, सरसों का तेल, मौसमी फल, अनाज, वस्त्र आदि जरूरतमंदों को दान करने से पुण्य बढ़ता है।
  • अपने पितरों के प्रति सम्मान रूप में तर्पण करें, इससे शुभ फल प्राप्त होते हैं।
  • गाय की सेवा करें, यह अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है।
  • पीपल के पेड़ का पूजन करें, इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में शांति बनी रहती है।

फाल्गुन मास में क्या न करें

  • फाल्गुन में आठ दिनों का होलाष्टक काल आता है। इस अवधि में ग्रह उग्र रहते हैं और भक्त प्रहलाद ने कष्ट सहे थे, इसलिए विवाह, गृहप्रवेश आदि मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए।
  • मौसम परिवर्तन के कारण इस माह में शराब, मांस, लहसुन, प्याज जैसी तामसिक वस्तुओं का सेवन त्यागना चाहिए।
  • इस पवित्र महीने में किसी के प्रति नकारात्मक सोच, द्वेष या नुकसान पहुँचाने की भावना रखना तक अशुभ माना जाता है।
  • गंदगी, अव्यवस्था और अस्वच्छता इस महीने में वर्जित मानी जाती है। स्वयं भी प्रतिदिन स्नान करके स्वच्छ रहें।
  • फाल्गुन मास में महिलाओं, बड़ों और बुजुर्गों का अपमान करना अत्यंत अशुभ माना गया है, इसलिए हमेशा सम्मान और विनम्रता रखें।

फाल्गुन मास में स्नान का महत्व

  • पवित्र नदी या घर पर नियमित स्नान इस माह में शरीर और मन दोनों को शुद्ध करता है।
  • ऐसा माना जाता है कि फाल्गुन में स्नान करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता का वास होता है।
  • माह के दौरान सुबह ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करने से धार्मिक कार्यों का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है।
  • शिवरात्रि और पूर्णिमा जैसे विशेष पर्वों पर स्नान करने से धन, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

फाल्गुन मास में दान का महत्व

  • इस महीने दान को अत्यंत शुभ माना गया है क्योंकि यह पुण्य और कल्याण दोनों दिलाता है।
  • जरूरतमंदों को घी, तेल, फल, अनाज, वस्त्र आदि का दान करने से जीवन में समृद्धि आती है।
  • फाल्गुन मास में किया गया दान कष्टों का निवारण करता है और मन को शांति प्रदान करता है।
  • पितरों के लिए तर्पण और दान करने से शीघ्र शुभ फल प्राप्त होते हैं और पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है।

फाल्गुन मास में की जाने वाली विशेष पूजा

हिंदू धर्म में फाल्गुन माह को अत्यंत पवित्र और शुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार इस महीने में की गई पूजा-अर्चना अत्यधिक फलदायी मानी जाती है और इससे जीवन के कष्ट दूर होकर सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। फाल्गुन मास में विशेष रूप से निम्न देवी-देवताओं की उपासना का महत्व बताया गया है:-

भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा

फाल्गुन मास में आने वाली महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शिव और माता गौरी की विधिवत पूजा करने से दांपत्य जीवन में सुख-शांति आती है और जीवन आनंदमय बनता है। शिवजी का चमत्कारी मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप अवश्य करना चाहिए। इससे मनोकामनाएं पूरी होती हैं और ग्रह दोष दूर होते हैं।

चंद्रदेव की उपासना

फाल्गुन माह को चंद्रमा का जन्म मास कहा गया है। इस महीने चंद्रदेव को अर्घ्य अर्पित करने और उनकी पूजा करने से कुंडली में चंद्र की स्थिति मजबूत होती है। चंद्र पूजा से मानसिक शांति, स्थिरता और भावनात्मक संतुलन प्राप्त होता है।

भगवान कृष्ण और राधा रानी की आराधना

फाल्गुन माह में होली का पावन उत्सव मनाया जाता है, इसलिए इस महीने राधा-कृष्ण की भक्ति का विशेष महत्व है। मथुरा, वृंदावन और बरसाना में फाग उत्सव के दौरान की गई पूजा-अर्चना अत्यंत शुभ मानी जाती है। राधा-कृष्ण की उपासना करने से जीवन में प्रेम, आनंद और खुशहाली बनी रहती है।

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Published by Sri Mandir·December 22, 2025

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