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धनतेरस कब है?

क्या आप जानना चाहते हैं धनतेरस कब है? जानें इस खास दिन के शुभ मुहूर्त, आवश्यक सामग्री और पूजा विधि के साथ अपनी समृद्धि को कैसे आकर्षित करें। इस धनतेरस को बनाएं विशेष और सफल!

धनतेरस के बारे में

दीपावली के पंचदिवसीय उत्सव की शुरुआत धनतेरस से होती है, जो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी, भगवान श्री गणेश और कुबेर देव की पूजा की जाती है, जो सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद देते हैं। धनतेरस की रात को यम दीपम अनुष्ठान करने से अकाल मृत्यु से रक्षा होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। तो चलिए अब जानते हैं कि इस साल धनतेरस कब है?

धनतेरस कब है? शुभ मुहूर्त

  • धनतेरस पूजा शनिवार, अक्टूबर 18, 2025 पर
  • धनतेरस पूजा मुहूर्त - 06:58 पी एम से 07:58 पी एम
  • अवधि - 01 घण्टा 00 मिनट्स
  • यम दीपम शनिवार, अक्टूबर 18, 2025 को
  • प्रदोष काल - 05:28 पी एम से 07:58 पी एम
  • वृषभ काल - 06:58 पी एम से 08:55 पी एम
  • त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 18, 2025 को 12:18 पी एम बजे
  • त्रयोदशी तिथि समाप्त - अक्टूबर 19, 2025 को 01:51 पी एम बजे

प्रमुख शहरों में धनतेरस पूजा मुहूर्त

  • 07:46 पी एम से 08:38 पी एम - पुणे
  • 07:16 पी एम से 08:20 पी एम - नई दिल्ली
  • 07:28 पी एम से 08:15 पी एम - चेन्नई
  • 07:24 पी एम से 08:26 पी एम - जयपुर
  • 07:29 पी एम से 08:20 पी एम - हैदराबाद
  • 07:17 पी एम से 08:20 पी एम - गुरुग्राम
  • 07:14 पी एम से 08:20 पी एम - चण्डीगढ़
  • 06:41 पी एम से 07:38 पी एम - कोलकाता
  • 07:49 पी एम से 08:41 पी एम - मुम्बई
  • 07:39 पी एम से 08:25 पी एम - बेंगलूरु
  • 07:44 पी एम से 08:41 पी एम - अहमदाबाद
  • 07:15 पी एम से 08:19 पी एम - नोएडा

इस दिन के अन्य शुभ समय

मुहूर्त

समय

ब्रह्म मुहूर्त

04:18 ए एम से 05:08 ए एम

प्रातः सन्ध्या

04:43 ए एम से 05:58 ए एम

अभिजित मुहूर्त

11:20 ए एम से 12:06 पी एम

विजय मुहूर्त

01:38 पी एम से 02:24 पी एम

गोधूलि मुहूर्त

05:28 पी एम से 05:53 पी एम

सायाह्न सन्ध्या

05:28 पी एम से 06:43 पी एम

अमृत काल

08:50 ए एम से 10:33 ए एम

निशिता मुहूर्त

11:18 पी एम से 12:08 ए एम, अक्टूबर 19

क्या है धनतेरस

धनतेरस रोशनी के त्योहार दिवाली की शुरूआत का प्रतीक है। इसे धन त्रयोदशी या धन्वन्तरि त्रयोदशी भी कहा जाता है जिसका अर्थ "धन" और तेरस या "त्रयोदशी" होता है जिसका अर्थ है तेरह। भारत भर में हिंदू, इस दिन धन, समृद्धि, खुशहाली और खुशी के लिए समर्पण के साथ देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। पारंपरिक रूप से, आयुर्वेद के उत्प्रेरक भगवान धन्वन्तरि और देवताओं के चिकित्सक की धनत्रयोदशी पर अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए पूजा की गई थी, लेकिन अब यह धन और समृद्धि का उत्सव बन गया है।

धनतेरस पूजा का महत्त्व: धन के देवता कुबेर, माता लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और यमराज देवता का पूजन क्यों किया जाता है!

  • धनतेरस पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का खास महत्व है। माना जाता है ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि की कमी नहीं रहती और वैभव-विलासता का वास बना रहता है।
  • धनतेरस पूजा को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस का दिन धन्वन्तरि त्रयोदशी या धन्वन्तरि जयन्ती, जो कि आयुर्वेद के देवता का जन्म दिवस है, के रूप में भी मनाया जाता है।
  • इसी दिन परिवार के किसी भी सदस्य की असामयिक मृत्यु से बचने के लिए मृत्यु के देवता यमराज के लिए घर के बाहर दीपक जलाया जाता है जिसे यम दीपम के नाम से जाना जाता है और इस धार्मिक संस्कार को त्रयोदशी तिथि के दिन किया जाता है।

धनतेरस पूजा सामग्री लिस्ट

विधि-विधान से धनतेरस की पूजा के लिए कुछ विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है, जो इस प्रकार है:-

  • माता लक्ष्मी व श्री गणेश जी की तस्वीर,
  • भगवान धन्वंतरि की तस्वीर,
  • चौकी,
  • गंगा जल,
  • लाल वस्त्र,
  • पूजा की थाली,
  • मिट्टी के दीये,
  • रुई की बत्तियां,
  • सरसों का तेल,
  • फूल और माला,
  • सुपारी,
  • कुबेर यंत्र,
  • पानी से भरा कलश,
  • मौली/ कलावा,
  • सिक्का,
  • जल से भरा एक पात्र,
  • कपूर,
  • कुमकुम,
  • अक्षत,
  • रोली,
  • अबीर,
  • गुलाल,
  • हल्दी,
  • चंदन,
  • कौड़ी,
  • फल,
  • मिष्ठान्न,
  • पान या पान का बीड़ा,
  • खील-बताशे,
  • नए बर्तन,
  • नई झाड़ू,
  • स्वास्तिक या अल्पना बनाने के लिए आटा या कुमकुम।

आपको बता दें कि धनतेरस के दिन नए बर्तन व सोना-चांदी के आभूषण ख़रीदना विशेष शुभ माना जाता है। इन सामग्रियों के साथ धनतेरस की पूजा करने से घर सदा धन-धान्य से परिपूर्ण रहता है।

धनतेरस की संपूर्ण पूजा विधि

पूजा से पहले धनतेरस पर कुछ नियमित कर्म करें जैसे कि -

सबसे पहले धनत्रयोदशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इसके बाद साफ वस्त्र पहनें। और शुद्ध जल से भगवान सूर्यनारायण को अर्घ्य दें। इस दिन किसी जरूरतमंद को दान अवश्य करें।

धनतेरस के दिन में अपनी क्षमतानुसार कोई भी शुभ वस्तु खरीदें। इस दिन कौन-कौन सी शुभ वस्तु खरीदी जा सकती हैं, इसकी जानकारी श्रीमंदिर पर आपके लिए उपलब्ध है।

धनतेरस की पूजा विधि

  • संध्या समय में पूजा की तैयारी शुरू करें।
  • पूजा स्थल को साफ करके यहां आटे या चावल की मदद से अल्पना उकेरें। ईशान कोण या पूर्व दिशा में चौकी की स्थापना करें। आप चाहे तो यहां स्वस्तिक भी बना सकते हैं।
  • अब यहां चौकी स्थापित करें, और इस पर एक साफ लाल वस्त्र बिछाएं। इसे गंगाजल से शुद्ध करें।
  • अब सभी भगवानों के आसन के स्वरूप में इसपर कुछ अक्षत डालें। इस चौकी पर माता लक्ष्मी को स्थापित करें।
  • माता लक्ष्मी के साथ ही कुबेर यंत्र को कुबेर देवता के रूप में, और एक सुपारी को श्री गणेश के रूप में स्थापित करें।
  • अब एक कलश में जल भरें। इसकी ग्रीवा पर कलावा बांधें। अब चौकी पर कुछ अक्षत डालकर यहां इस कलश को स्थापित करें।
  • इसके मुख पर एक बड़ा दीपक रखें और इसे प्रज्वलित करें। यह जल कलश भगवान धन्वंतरि का स्वरूप है।
  • यमराज देवता की पूजा के लिए एक बड़ा मिट्टी का दीपक लें। इसमें एक कौड़ी, एक सिक्का और भोग के रूप में थोड़ा सा गुड़ या शक्कर डालें। इसे सरसों के तेल से भरकर इसमें तीन या चार रुई की बातियां रखके इसे जलाएं।
  • 13 मिट्टी के दीपक प्रज्वलित करने के लिए पूजा की चौकी के पास रखें।
  • अब जल पात्र से तीन बार आचमन विधि करें, और चौथी बार बाएं हाथ से दाएं हाथ में जल लेकर हाथ साफ करें। इसके बाद स्वस्तिवाचन मन्त्र का उच्चारण करें।
  • अब प्रथम पूज्य श्री गणेश, माता लक्ष्मी, कुबेर देव, यमदीप और जलकलश पर गंगाजल छिड़कें।
  • इसके बाद हल्दी, कुमकुम, रोली, चंदन, पुष्प आदि से पंचोपचार की क्रिया पूरी करें। चौकी पर विराजमान देवों को कलावा अर्पित करें। कौड़ी और सिक्का माता के चरणों में भी रखें।
  • इसके बाद सभी भगवानों को अबीर, गुलाल और अन्य सुगंधित चीजें चढ़ाएं, और धुप-अगरबत्ती जलाएं। साथ ही सभी दीपकों को प्रज्वलित करें।
  • धनतेरस के दिन अपने जो भी सामग्री खरीदी है, उसे पूजा में चौकी के पास अवश्य रखें। खील-बताशा और धनिया भी माता लक्ष्मी को धनतेरस के दिन अवश्य चढ़ाएं।
  • सोने- चांदी के आभूषण, सिक्के, बर्तन, नई झाड़ू, धान-मूंग आदि भी पूजा में अवश्य रखें।
  • चांदी या अन्य किसी भी धातु की साफ कटोरी में खीर और फल-मिष्ठान्न का भोग लगाएं।
  • ताम्बूल (पान, लौंग, सुपारी, इलायची) चढ़ाएं।
  • पूजा में अपनी क्षमता के अनुसार दक्षिणा भी रखें। यदि आपकी पूजा में किसी तरह की कोई कमी रह गई है, तो दक्षिणा उसकी पूर्ति करती है।
  • इसके बाद दाएं हाथ में पुष्प लेकर चौकी पर विराजित सभी देवों से अपने परिवार की सुख-शांति और समृद्ध जीवन की कामना करें। और इस पुष्प को देवों के चरणों में अर्पित करें।
  • अब कर्पूर से आरती करें। और सबमें प्रसाद वितरित करें।
  • मृत्युदेव यमराज जी के लिए जो दीपक आपने जलाया है, उसे ले जाकर अपने घर की दक्षिण दिशा में रखें। यह दीपक को जलाकर घर के भीतर नहीं रखा जाता है, इसीलिए इसे घर के बाहर दहलीज पर भी रखा जा सकता है।
  • अगले दिन कलश का जल तुलसी को अर्पित कर दें।

इस धनतेरस पर यह सरल पूजा विधि आपके धनतेरस के अनुष्ठान को सफल बनाएगी। साथ ही माता लक्ष्मी आपके घर में स्थिर रूप से निवास करेगी।

क्यों मनाई जाती है धनतेरस?

शास्त्रों के अनुसार, समुद्र मंथन के समय, भगवान धनवंतरी और देवी लक्ष्मी अमृत के बर्तन को लेकर लंबे और स्वस्थ जीवन के लिए समुद्र से बाहर आए। इसलिए, इस विशेष दिन को हिंदू धर्म में धनतेरस के रूप में मनाया जाता है जो समृद्धि, अच्छे स्वास्थ्य और धन के आगमन को दर्शाता है।

क्या है धनतेरस का महत्व?

दीपावली के सभी अनुष्ठानों के साथ-साथ धनतेरस पर पूजा एवं दीप जलाना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसे दीपावली का शुभारंभ कहा जाता है।

ऐसा माना जाता है कि धनत्रयोदशी पर किसी भी प्रकार की "धातु" जैसे सोना, चांदी की खरीद अच्छे भाग्य का प्रतीक है। इस दिन, लोग माँ लक्ष्मी को घर पर लाने के प्रतीक के रूप में कीमती आभूषण खरीदते हैं। इसे अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन, बर्तनों या सिक्कों की खरीदारी को बेहद शुभ माना जाता है क्योंकि इसे "देवी लक्ष्मी" घर लाने के रूप में देखा जाता है।

धनतेरस पर, लोग नए कपड़े खरीदते हैं, अपने घरों, कार्यालयों को साफ करते हैं और लैंप, लालटेन, रंगोली, दीया और माँ लक्ष्मी पैरों के निशान के साथ घर-द्वार को सजाते हैं। ऐसा करना बेहद लाभकारी माना जाता है।

धनतेरस पूजा आर्थिक सफलता के लिए अतिमहत्वपूर्ण हैं, जिसके लिए भगवान कुबेर, देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश और देवी सरस्वती के आशीर्वाद मांगने के लिए कार्यस्थल पर या घर पर इन सभी की पूजा-अर्चना की जाती है।

धनतेरस पूजा शाम को ही की जाती है जिसमें घर और कार्यालयों में नकारात्मकता दूर करने के लिए मिट्टी के दीपक को जलाने का खास महत्व बताया गया है।

आज के दिन झाड़ू खरीदना भी बेहद शुभ माना जाता है, क्योंकि दीपावली धनतेरस से प्रारंभ होती है और मुख्यतः साफ-सफाई के लिए जानी जाती है।

धनतेरस पर किसकी पूजा करनी चाहिए?

धनतेरस, दीपावली पर्व की शुरुआत का पहला दिन माना जाता है। यह दिन विशेष रूप से धन, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति का प्रतीक है। इस दिन कई देवी-देवताओं की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।

भगवान धन्वंतरि

धनतेरस का सीधा संबंध भगवान धन्वंतरि से है, जिन्हें आयुर्वेद और चिकित्सा का देवता माना जाता है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसीलिए धनतेरस पर उनकी पूजा करने से उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है।

माता लक्ष्मी

धन की देवी लक्ष्मी जी की आराधना धनतेरस के दिन विशेष फलदायी मानी जाती है। इस दिन नए बर्तन, सोना-चाँदी या धातु की वस्तुएं खरीदकर लक्ष्मी पूजन करने से घर में धन, सुख और सौभाग्य की वृद्धि होती है।

भगवान कुबेर

धन के देवता भगवान कुबेर की पूजा भी इस दिन की जाती है। मान्यता है कि धनतेरस पर कुबेर जी की आराधना करने से घर-परिवार पर धन-वैभव की कृपा बनी रहती है और आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है।

यमराज (दीपदान)

धनतेरस की संध्या को यमराज के नाम का दीप जलाना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। इसे यम दीपदान कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन यमराज के लिए दीप जलाने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है और घर-परिवार स्वस्थ और सुरक्षित रहता है।

धनतेरस में झाड़ू का महत्व

धनतेरस को धार्मिक रूप से बेहद शुभ और मंगलकारी तो माना ही जाता है, इसके साथ ही, इस दिन को कुछ वस्तुओं की खरीददारी के लिए भी अत्यंत शुभ माना गया है।

इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको धनतेरास पर झाड़ू ख़रीदने का महत्व बताने जा रहे हैं। जिसको धनतेरस पर खरीदने से आपके लिए सुख-समृद्धि और वैभव के द्वार खुल जाएंगे, इसकी पूजा दीपावली पर भी की जाती है, तो यह खरीददारी धनतेरस के साथ दीपावली को भी शुभ बनाएगी-

झाड़ू: हमारे धार्मिक ग्रंथों में हर पूजा में स्वच्छता और शुद्धता को प्राथमिकता दी गई है। सामान्य रूप से भी अच्छे स्वास्थ्य के लिए साफ-सफाई को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना गया है। धनतेरस का पर्व बेहद शुभ है, इसलिए इस दिन झाड़ू खरीद कर, दीपावली के दिन इसकी पूजा ज़रूर करें।

आप सभी को धन तेरस की हार्दिक शुभकामनायें, हमारी कामना है कि भगवान धनवंतरि व कुबेर देव आप पर अपनी कृपा सदा बनाए रखें, और जीवन में सुख समृद्धि बनी रहे। व्रत त्यौहारों व अन्य धार्मिक जानकारियों के लिए जुड़े रहिए ‘श्री मंदिर’ पर।

धनतेरस पर खरीदारी क्यों करते हैं

धनतेरस के दिन खरीदारी करना केवल परंपरा ही नहीं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन की खरीदारी के पीछे कई मान्यताएँ और कारण बताए गए हैं –

माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए

धनतेरस का पर्व माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस दिन घर में नई वस्तुएँ, विशेषकर सोना, चाँदी या धातु की चीजें लाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-संपत्ति और सौभाग्य का वास होता है।

धन्वंतरि भगवान का आशीर्वाद पाने के लिए

धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसी कारण इस दिन बर्तन और धातु की वस्तुएँ खरीदने की परंपरा है। माना जाता है कि ऐसा करने से परिवार में स्वास्थ्य और दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है।

घर में शुभता और समृद्धि लाने के लिए

धनतेरस की शाम को खरीदी गई नई वस्तुएँ घर में आने वाले पूरे वर्ष शुभता और सकारात्मक ऊर्जा लाती हैं। यह मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई चीजें घर-परिवार की उन्नति और समृद्धि का कारण बनती हैं।

यमराज के लिए दीपदान का महत्व

इस दिन दीपदान की परंपरा भी है। धनतेरस पर खरीदे गए दीपक और पूजन सामग्री से यमराज के नाम का दीप जलाया जाता है। इससे अकाल मृत्यु का भय दूर होता है और घर के सदस्यों की रक्षा होती है।

शुभ समय पर की गई खरीदारी

पौराणिक मान्यता है कि धनतेरस पर किया गया हर नया कार्य और नई वस्तु की खरीद पूरे साल सुख-समृद्धि प्रदान करती है। इसीलिए लोग इस दिन विशेष रूप से सोना-चाँदी, आभूषण, बर्तन, झाड़ू और नए कपड़े आदि खरीदते हैं।

धनतेरस मनाने के लाभ

धनतेरस न केवल खरीदारी और पूजन का पर्व है, बल्कि यह जीवन में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा लाने वाला दिन भी माना जाता है। इस पावन अवसर को मनाने से अनेक आध्यात्मिक, धार्मिक और व्यावहारिक लाभ मिलते हैं:

माता लक्ष्मी की कृपा

धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक पूजन करने से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है और दरिद्रता का नाश होता है।

स्वास्थ्य और दीर्घायु का आशीर्वाद

धनतेरस का संबंध भगवान धन्वंतरि से भी है, जो आयुर्वेद और चिकित्सा के देवता माने जाते हैं। इस दिन उनकी पूजा करने से घर-परिवार के सभी सदस्यों को उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है।

घर में सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आगमन

धनतेरस पर खरीदी गई वस्तुएँ पूरे वर्ष शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं। इस दिन की गई नई शुरुआत या निवेश को मंगलकारी माना जाता है।

पितरों और यमराज की कृपा

धनतेरस की शाम को यमराज के नाम का दीपक जलाने की परंपरा है। इससे अकाल मृत्यु का भय दूर होता है और घर के सदस्यों की रक्षा होती है। साथ ही पितरों की कृपा भी प्राप्त होती है।

नकारात्मक ऊर्जा का नाश

धनतेरस पर घर की साफ-सफाई, दीपदान और पूजन से वातावरण शुद्ध होता है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। इससे घर में शांति और सद्भाव बना रहता है।

फसल और व्यापार में वृद्धि

भारत के कई हिस्सों में धनतेरस को नई फसल और व्यापार से जोड़कर देखा जाता है। व्यापारी वर्ग के लिए यह पर्व लाभकारी होता है क्योंकि इस दिन से व्यापार में उन्नति और आर्थिक वृद्धि की संभावनाएँ बढ़ती हैं।

धनतेरस के दिन क्या खरीदना चाहिए?

धनतेरस को धार्मिक रूप से बेहद शुभ और मंगलकारी तो माना ही जाता है, इसके साथ ही, इस दिन को कुछ वस्तुओं की खरीददारी के लिए भी अत्यंत शुभ माना गया है।

इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हम आपके लिए 9 ऐसी चीज़ों की सूची लेकर आए हैं, जिनको धनतेरस पर खरीदने से आपके लिए सुख-समृद्धि और वैभव के द्वार खुल जाएंगे, इनमें से कुछ वस्तुओं की पूजा दीपावली की जाती है, तो यह खरीददारी धनतेरस के साथ दीपावली को भी शुभ बनाएगी-

बर्तन

प्राचीन काल से धनतेरस पर नए बर्तनों को खरीदने की परंपरा चली आ रही है। इसके पीछे का एक कारण यह है कि पौराणिक कथा के अनुसार, धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे। इस लिए धनतेरस पर नए पात्र खरीदना बहुत शुभ माना गया है। आप भी इस दिन, अपनी क्षमता के अनुसार, मिट्टी, पीतल, तांबे, चांदी या सोने के बर्तन खरीद सकते हैं।

भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की प्रतिमा

चूंकि दीवाली पर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है, आप धनतेरस पर अपने घर पर सुख-समृद्धि के रूप में गणेश और लक्ष्मी जी की प्रतिमा लेजा सकते हैं। यह प्रतिमा मिट्टी, तांबे, चांदी या सोने की हो सकती है।

कुबेर यंत्र और महालक्ष्मी यंत्र

धन के देवता माने जाने वाले कुबेर जी और समृद्धि की देवी मानी जाने वाली लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए कुबेर यंत्र और महालक्ष्मी को खरीद कर घर ला सकते हैं। इन्हें आप दीपावली की पूजा के समय पूजन स्थल पर स्थापित करें और विधि-विधान से पूजा करने के बाद पीले रंग में बांधकर, घर की तिजोरी में रख दें या फिर उस स्थान पर रख दें जहां आप धन रखते हैं।

दीपक

धनतेरस का पर्व इसलिए भी खास है क्योंकि यह एकमात्र पर्व है जिसमें यमराज देवता की पूजा होती है और घर के बाहर यम दीप प्रज्वलित किया जाता है। आप इस दिन दीपक खरीद कर, यमदेव को प्रसन्न करने के लिए यम-दीपक अवश्य जलाएं। साथ ही दीपावली पर जलाने के लिए इस अपनी क्षमतानुसार, 11, 51 या 101 दीपक खरीद लें।

झाड़ू

हमारे धार्मिक ग्रंथों में हर पूजा में स्वच्छता और शुद्धता को प्राथमिकता दी गई है। सामान्य रूप से भी अच्छे स्वास्थ्य के लिए साफ-सफाई को विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना गया है। धनतेरस का पर्व बेहद शुभ है, इसलिए इस दिन झाड़ू खरीद कर, दीपावली के दिन इसकी पूजा ज़रूर करें।

धनिया के बीज

धनतेरस पर धनिया के बीज खरीदना भी काफी लाभकारी माना गया। दीपावली के दिन इन बीज़ो को पूजा में अर्पित करने के बाद, किसी गमले में बो भी सकते हैं, अगर इससे स्वस्थ पौधा उपजता है तो यह काफी शुभ संकेत माना जाता है।

नमक

नमक इस पर्व पर खरीदी जाने वाली सबसे आसानी से मिलने वाली चीज़ों में से एक है। नमक को भी खरीदने से आपके घर में सुख-समृद्धि का आगमन होगा।

आभूषण

अगर आप आभूषण खरीदने की योजना बना रहे हैं तो धनतेरस इसके लिए सर्वोत्तम दिन है। मान्यता है कि इस दिन खरीदी जाने वाली चीज़ों में कई गुना वृद्धि होती है, इसलिए इस दिन को कीमती वस्तुओं की खरीददारी के लिए काफी शुभ माना जाता है। आप भी अपनी क्षमता के अनुसार इस दिन सोने-चांदी के आभूषण खीरदें।

सोने-चांदी के सिक्के

दीपावली की पूजा में सोने-चांदी के सिक्के रखने का विशेष महत्व होता है। यह अत्यंत शुभकारी भी माना जाता है, इसलिए आप धनतेरस पर ही सोने-चांदी के सिक्के खरीद कर घर में ला सकते हैं। इन्हें भी दीपवली की पूजा में देवता कुबेर के रूप में स्थापित किया जाता है।

तो दोस्तों, इन चीज़ों की खरीददारी निश्चित रूप से आपके लिए धनतेरस पर्व को अत्यधिक मंगलकारी बनाएंगी, इस दिन जो कुछ भी खरीदें, उसे सच्चे मन से खरीदें, सबसे अधिक मूल्यवान आपकी आस्था और श्रद्धा होती है।

धनतेरस के दिन क्या नहीं खरीदना चाहिए?

धनतेरस पर कुछ चीज़ें खरीदने से बचना चाहिए क्योंकि शास्त्रों और पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार यह अशुभ माना जाता है। इससे घर की समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा पर असर पड़ सकता है।

टूटी-फूटी वस्तुएँ

  • इस दिन टूटे या क्षतिग्रस्त बर्तन, आभूषण या किसी भी तरह की वस्तु खरीदना अशुभ माना जाता है।
  • माना जाता है कि इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा और अशांति बढ़ सकती है।

पुरानी चीज़ें

  • पुराने बर्तन, पुराने आभूषण या किसी भी तरह की इस्तेमाल की गई वस्तुएँ नहीं खरीदनी चाहिए।
  • धनतेरस पर नई वस्तुएँ और आभूषण खरीदने की परंपरा है।

अशुभ मुहूर्त में खरीदारी

  • दिन के शुभ समय के बजाय अनिष्ट मुहूर्त में खरीदारी करना वर्जित है।
  • इससे धन और संपत्ति की वृद्धि में बाधा आ सकती है।

असामान्य या जोखिम भरी वस्तुएँ

  • ऐसी चीज़ें जिनकी गुणवत्ता या उपयोगिता संदिग्ध हो, उन्हें खरीदने से बचें।
  • उदाहरण: नकली आभूषण, मिलावटी धातु या खराब उत्पाद।

अनावश्यक और विलासितापूर्ण वस्तुएँ

  • धनतेरस का मुख्य उद्देश्य संपत्ति, समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए खरीदारी करना है।
  • केवल शोभा या दिखावे के लिए व्यर्थ की चीज़ें खरीदना शुभ नहीं माना जाता।

धनतेरस पर हमेशा नई, शुभ और उपयोगी वस्तुएँ खरीदें। टुटी-फूटी, पुरानी, नकली या अशुभ समय में खरीदी गई चीज़ें घर की समृद्धि और सुख-शांति पर प्रतिकूल असर डाल सकती हैं।

धनतेरस के उपाय

धनतेरस पर कुछ विशेष उपाय करने से घर में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है। ये उपाय शास्त्रों और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं।

माता लक्ष्मी का पूजन

  • धनतेरस के दिन देवी लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें।
  • घर में लक्ष्मी जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करके दीपक जलाएं और मंत्रों का जप करें।
  • विशेष रूप से सोने, चाँदी या नए बर्तन के पास दीपक रखकर पूजा करना शुभ माना जाता है।

भगवान धन्वंतरि का पूजन

  • धनतेरस को भगवान धन्वंतरि, आयुर्वेद के देवता, का पूजन भी किया जाता है।
  • उनके चित्र या मूर्ति के सामने दीपक जलाएं और स्वास्थ्य व लंबी आयु के लिए प्रार्थना करें।

नव वस्त्र और आभूषण खरीदें

  • इस दिन नए सोने, चांदी, बर्तन या वस्त्र खरीदना शुभ माना जाता है।
  • खरीदी की शुरुआत भगवान धन्वंतरि और माता लक्ष्मी के पूजन से करें।
  • माना जाता है कि इससे घर में धन-धान्य और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

यम दीपक जलाएं

  • शाम के समय यमराज के लिए दीपक जलाना चाहिए।
  • इससे परिवार के सदस्यों को अकाल मृत्यु से सुरक्षा मिलती है और पितरों की कृपा प्राप्त होती है।

दान-पुण्य और गरीबों को भोजन

  • धनतेरस पर जरूरतमंदों को दान दें।
  • विशेष रूप से अनाज, वस्त्र और पैसे का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

घर की सफाई और सजावट

  • धनतेरस पर घर को अच्छी तरह से साफ-सुथरा रखें।
  • दरवाजों पर रांगोली बनाएं और प्रवेश द्वार पर दीपक रखें।
  • यह घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि लाता है।

पूजन के समय शुभ मुहूर्त का पालन

  • दिन के शुभ मुहूर्त में ही पूजन और खरीदारी करना लाभकारी होता है।
  • शुभ मुहूर्त का पालन करने से व्रत और उपाय का प्रभाव बढ़ता है।
  • इन उपायों को करने से धनतेरस का पर्व धन, स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख-शांति का संचार करता है।
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Published by Sri Mandir·October 9, 2025

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