दिवाली हनुमान पूजा 2025
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दिवाली हनुमान पूजा 2025

इस दिवाली हनुमान पूजा से पाएं अपार सुख और समृद्धि! जानें हनुमान जी की पूजा विधि, मंत्र और दिवाली पर उनके विशेष महत्व के बारे में।

दिवाली हनुमान पूजा के बारे में

**'संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा'** भक्तों, मान्यता है कि पूर्ण भक्तिभाव के साथ नियमपूर्वक हनुमान जी की पूजा करने से वे बहुत जल्द ही जातक के सभी संकट दूर करते हैं, और प्रसन्न होकर सभी मनोकामनायें पूर्ण करते हैं। दिवाली पूजा से एक दिन पहले, भारत के कुछ हिस्सों में विशेष रूप से गुजरात में हनुमान जी की पूजा की जाती है।

साल 2025 में हनुमान पूजा कब की जाएगी?

  • दिवाली हनुमान पूजा 19 अक्टूबर 2025, रविवार को की जाएगी।
  • दिवाली हनुमान पूजा मूहूर्त - 19 अक्टूबर की रात 11:18 पी एम से 12:08 ए एम, (20 अक्टूबर) तक रहेगा।
  • पूजा मूहूर्त की कुल अवधि - 00 घण्टे 50 मिनट्स
  • काली चौदस - 19 अक्टूबर 2025, रविवार को है।
  • चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 19, 2025 को 01:51 पी एम बजे
  • चतुर्दशी तिथि समाप्त - अक्टूबर 20, 2025 को 03:44 पी एम बजे

इस दिन के अन्य शुभ मुहूर्त

मुहूर्त

समय

ब्रह्म मुहूर्त

04:18 ए एम से 05:08 ए एम

प्रातः सन्ध्या

04:43 ए एम से 05:58 ए एम

अभिजित मुहूर्त

11:20 ए एम से 12:06 पी एम

विजय मुहूर्त

01:37 पी एम से 02:23 पी एम

गोधूलि मुहूर्त

05:27 पी एम से 05:52 पी एम

सायाह्न सन्ध्या

05:27 पी एम से 06:42 पी एम

अमृत काल

09:59 ए एम से 11:44 ए एम

निशिता मुहूर्त

11:18 पी एम से 12:08 ए एम, अक्टूबर 20

क्या है हनुमान पूजा?

हनुमान पूजा एक धार्मिक अनुष्ठान है जिसमें भक्त भगवान हनुमान की आराधना करते हैं। इसे विशेष रूप से बुराई, नकारात्मक ऊर्जाओं और संकटों से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है। हनुमान जी को शक्ति, साहस, बुद्धि और संकटों पर विजय पाने वाला देवता माना जाता है। हनुमान पूजा आमतौर पर काली चौदस के दिन की जाती है, जो दिवाली से एक दिन पहले पड़ती है। इस दिन विशेष रूप से हनुमान जी की आराधना करने से घर, जीवन और मन पर नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा मिलती है।

क्यों करते हैं हनुमान पूजा?

संकट निवारण के लिए

  • हनुमान जी को संकटमोचन कहा जाता है। उनकी पूजा करने से जीवन के संकट, भय और परेशानियों से मुक्ति मिलती है।

नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा

  • काली चौदस की रात को नकारात्मक ऊर्जाएं सबसे शक्तिशाली मानी जाती हैं। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से बुरी आत्माओं और नकारात्मक प्रभावों से रक्षा होती है।

भक्ति और शक्ति के लिए

  • हनुमान जी की भक्ति से मन में साहस, शक्ति और आत्मविश्वास का संचार होता है।

श्रीराम भक्त के रूप में आशीर्वाद

  • हनुमान जी प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त हैं। उनकी पूजा करने से भक्त को श्रीराम की कृपा भी प्राप्त होती है।

दिवाली उत्सव में महत्वपूर्ण स्थान

  • हनुमान पूजा का समय दिवाली से एक दिन पहले रखा जाता है ताकि घर, परिवार और व्यापारिक कार्यों में सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे

हनुमान पूजा का महत्व क्या है?

हनुमान पूजा और काली चौदस की पूजा एक ही दिन की जाती है। ऐसा माना जाता है कि काली चौदस अर्थात दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी की रात में नकारात्मक शक्तियां सबसे शक्तिशाली होती हैं। इन नकारात्मक ऊर्जाओं से लड़ने की शक्ति देने वाले भगवान हनुमान जी की पूजा शक्ति, सिद्धि और सभी प्रकार की बुरी आत्माओं से सुरक्षा पाने के लिए की जाती है।

एक अन्य किवदंती के अनुसार, रावण के अत्याचारों से सबको मुक्त करवाने और भाई लक्ष्मण और देवी सीता सहित अपने चौदह वर्ष के वनवास को पूरा करने के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी के उत्सव के रूप में दिवाली मनाई जाती है।

हनुमान जी प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त हैं। उनके जैसा कोई भक्त संसार में कोई दूजा नहीं हुआ। हनुमान जी की अद्वितीय भक्ति और समर्पण से प्रभु श्रीराम बहुत अभिभूत हुए और उन्होंने प्रसन्न होकर हनुमान जी को उनके पहले पूजे जाने का आशीर्वाद दिया। यही कारण है लोग दिवाली के उत्सव से एक दिन पहले भगवान हनुमान की पूजा करके उनकी कृपा प्राप्त करते हैं।

हनुमान पूजा के अनुष्ठान क्या हैं?

  • हनुमान जी की साधना करते समय ब्रह्मचर्य का पालन अवश्य करें।
  • जातक स्वयं की व पूजा स्थल की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
  • इस दिन भगवान हनुमान को सिंदूर और चमेली का तेल विशेष रूप से अर्पित करें।
  • इस दिन हनुमान चालीसा सुनें या इसका पाठ करें। साथ ही श्रीराम की स्तुति करके उनका स्मरण अवश्य करें।
  • इस दिन आप अपने घर के निकट हनुमान मंदिर पर भगवा रंग की ध्वजा भी चढ़ा सकते हैं।
  • इस दिन हनुमान जी के कई भक्त श्रीराम नाम का जाप करते हैं, ताकि उन्हें प्रभु की असीम कृपा प्राप्त हो सकें।

तो भक्तों, ये थी जानकारी दिवाली पर की जाने वाली हनुमान पूजा के बारे में। आशा है कि आपकी उपासना से बजरंगबली प्रसन्न होंगे और आपकी तथा आपके परिवार की सभी बुरी बलाओं से रक्षा करेंगे।

शुभ दिवाली

हनुमान पूजा की विधि और अनुष्ठान

1. पूजा की तैयारी

  • सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • पूजा स्थल को अच्छे से साफ करें और वहां हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • पूजा के लिए जरूरी सामग्री एकत्र करें: सिंदूर, चमेली का तेल, फूल, अक्षत (साबुत चावल), अगरबत्ती, धूप, दीपक, फल, मिठाई और जल।

2. ब्रह्मचर्य और शुद्धता का पालन

  • हनुमान जी की साधना करते समय ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य माना जाता है।
  • जातक स्वयं शुद्ध रहें और पूजा स्थल की स्वच्छता का ध्यान रखें।

3. हनुमान जी को अर्पण

  • हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें।
  • पुष्प और अक्षत से हनुमान जी के चरणों की पूजा करें।
  • दीपक और अगरबत्ती जलाकर उनकी आराधना करें।

4. हनुमान चालीसा का पाठ

  • इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ या सुनना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • इसके साथ श्रीराम का स्मरण और स्तुति भी करें।

5. हनुमान नाम का जाप

  • कई भक्त इस दिन हनुमान और श्रीराम के नाम का जाप करते हैं।
  • जाप से भक्त को मानसिक शक्ति और संकटों से रक्षा प्राप्त होती है।

6. विशेष उपाय

  • घर के निकट हनुमान मंदिर में भगवा ध्वजा चढ़ा सकते हैं।
  • पूजा के दौरान अपने मन की सभी इच्छाओं और संकटों का हनुमान जी के चरणों में समर्पण करें।

7. हनुमान मंत्र

पूजा के दौरान निम्न मंत्रों का उच्चारण करें:

  • ॐ हनुमते नमः
  • ॐ श्रीरामदूताय नमः
  • ॐ श्रीरामचरणस्मरणाय नमः

इन मंत्रों का जाप करने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है और बुरी शक्तियों से सुरक्षा मिलती है।

हनुमान पूजा के नियम

स्नान और शुद्ध वस्त्र

  • पूजा से पहले अवश्य स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  • पूजा स्थल और सामग्री को पूरी तरह स्वच्छ रखें।

ब्रह्मचर्य का पालन

  • हनुमान जी की साधना करते समय ब्रह्मचर्य और संयम का पालन करें।
  • अनावश्यक बातचीत या हानिकारक कर्मों से दूर रहें।

समान का महत्व

  • हनुमान जी को चढ़ाए जाने वाले वस्त्र, जल, फूल, दीपक और अक्षत पवित्र और साफ होने चाहिए।
  • सिंदूर और चमेली के तेल का प्रयोग श्रद्धा के साथ करें।

भक्ति और मानसिक शुद्धता

  • पूजा के दौरान मन को शांत और एकाग्र रखें।
  • किसी भी प्रकार का द्वेष या क्रोध अपने मन में न रखें।

हनुमान पूजा पद्धति

प्रतिमा या चित्र की स्थापना

  • हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें।
  • प्रतिमा के सामने दीपक, जल पात्र और अक्षत रखें।

पूजा सामग्री

  • सिंदूर, चमेली का तेल, अक्षत, पुष्प, धूप, अगरबत्ती, दीपक, जल, फल, मिठाई, फूल।
  • आप चाहें तो नारियल, सुपारी और पान के पत्ते भी अर्पित कर सकते हैं।

आराधना विधि

  • दीपक और धूप जलाकर हनुमान जी का आवाहन करें।

निम्न मंत्रों का उच्चारण करें

  • ॐ हनुमते नमः
  • ॐ श्रीरामदूताय नमः
  • ॐ श्रीरामचरणस्मरणाय नमः
  • पुष्प, अक्षत और भोग (फल, मिठाई) अर्पित करें।

भजन और पाठ

  • हनुमान चालीसा का पाठ या सुनना शुभ होता है।
  • श्रीराम का स्मरण और स्तुति अवश्य करें।

ध्वजा और प्रतीक चिह्न

  • घर के निकट हनुमान मंदिर में भगवा ध्वजा चढ़ा सकते हैं।
  • पूजा के बाद दीपक घर के मुख्य स्थान पर रखें।

इन उपायों से मिलेगा हनुमान जी का आशीर्वाद

  • हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करने से शक्ति और साहस बढ़ता है।
  • संकट और बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए हनुमान मंत्र का जाप नियमित करें।
  • हनुमान जी की मूर्ति के सामने प्रतिदिन सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें।
  • किसी जरूरतमंद को भोजन, वस्त्र या दान देने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है।
  • नकारात्मक ऊर्जाओं और बुरी शक्तियों से रक्षा के लिए हनुमान जी की आरती और स्तुति नियमित करें।
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Published by Sri Mandir·October 9, 2025

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